Punjab Draft agriculture policy: प्रदेश सरकार की नई कृषि नीति में एमएसपी गारंटी, जानें कौन किसानों को मिलेगा पेंशन की सुविधा

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नई कृषि नीति का ड्राफ्ट पंजाब सरकार ने किया जारी, जाने MSP गारंटी के अलावा Punjab Draft Agriculture Policy में क्या-क्या है शामिल

Punjab Draft Agriculture Policy: पंजाब प्रदेश सरकार के द्वारा सोमवार 16 सितंबर 2024 की शाम को प्रदेश में नई कृषि नीति के ड्राफ्ट को जारी किया गया। जिसमें प्रदेश में होने वाली सभी फसलों की एमएसपी की कानूनी गारंटी देने के साथ-साथ प्रदेश के वे किसान व मजदूर जिनके पास 5 एकड़ से कम जमीन है। उनको पेंशन देने की भी बात कही गई है।

पंजाब राज्य सरकार की ओर से नई कृषि नीति का ड्राफ्ट जारी होने के साथ ही कृषि विभाग की ओर से किसान संगठनों के साथ साझा किया है। और उनसे अपने सुझाव भी मांगे हैं। किसानों के द्वारा दिए जाने वाले सुझाव के बाद इस ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। प्रदेश सरकार के द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट में प्रदेश के जो किसान 5 एकड़ से कम है उनको पेंशन और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की कानूनी गारंटी देने की बात कही गई है।

प्रदेश सरकार के द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट में किसानों को पेंशन के लिए 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद पेंशन देने का प्लान तैयार कर रहा है। इसके अलावा प्रदेश के छोटे किसानों को कर्ज माफी योजना को शामिल करने के बाद भी कहा गया है।

 

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इस सितंबर महीने की शुरुआती दिनों में ही किसान संगठन के द्वारा चंडीगढ़ पक्का मोर्चा लगाया गया। जिसमें उन्होंने प्रदेश में कृषि नीति लागू करने के साथ-साथ अपनी कई मांग रखी। जिसके बाद पंजाब प्रदेश के मुख्यमंत्री भागवत मान के द्वारा उनके साथ एक बैठक किया गया। जिसमें उन्होंने किसान संगठनों को ड्राफ्ट तैयार करने के बात का आश्वासन दिया था।

प्रदेश में किसान महिलाओं के लिए विकल्प

सरकार के द्वारा नई कृषि नीति के ड्राफ्ट में प्रदेश की यह महिलाएं जो किसान है उनको मालिकाना हक देने के विकल्प के तौर पर भी प्रयास करने की बात कही है।

इसके अलावा प्रदेश में सिंचाई में होने वाली बिजली खपत को कम करने के लिए पानी बचाओ पैसा कमाओ स्कीम लॉन्च करने भी बात कहा गया है।

धान की अधिक समय पर पकने वाली किस्म पर रोक

कृषि नीति (Punjab Draft Agriculture Policy) के ड्राफ्ट में प्रदेश में धान की वे किसमे जो लंबे समय के साथ पकती है। उन पर रोक लगाने की भी बात कहा गया है। प्रदेश के 15 ब्लॉक जहां पर पानी की कमी है। वहां पर धान की खेती में रोक लगाने का भी प्रस्ताव रखा गया है।

इसके अलावा प्रदेश में माइक्रो इरिगेशन सिस्टम को बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा। वही सोलर पंप से चलने वाले वाटर पंप का उपयोग बढ़ाने की भी बात कहा गया है। फसलों में सिंचाई के लिए नहर के पानी के उपयोग को बढ़ाने की भी बात कहा है।

अन्य फसल उगाने का फोकस

पंजाब प्रदेश में धान की खेती बड़े स्तर पर होती है। लेकिन प्रदेश के ब्लॉक जहां पर धान की खेती पर रोक लगाया जाएगा। उनके लिए किसान धान की खेती की जगह पर गन्ना, कपास, मक्का व सब्जियों की खेती के विकल्प के तौर पर जोर दिया जाएगा।

जिसके कारण प्रदेश में आने वाले समय में जमीन को बंजर होने से रोकने में सहायता मिलेगा। धान की खेती जहां पर किसान करते हैं और ब्लॉक में रोक लगाया जाएगा वहां पर किसानों को अन्य फसल की ओर जोड़ा जाने के लिए प्रयास किया जाएगा। अगर शुरुआती दौर में किसानों को नुकसान होगा तो उसकी भरपाई प्रदेश सरकार की ओर से करने के उपाय खोजे जाएंगे।

प्रदेश सरकार आएगी अपनी फसल इंश्योरेंस स्कीम

मिल रही जानकारी के मुताबिक पंजाब प्रदेश में इस जारी किए गए एग्रीकल्चर पॉलिसी को एग्रीकल्चर पॉलिसी फॉर्मूलेशन कमेटी की ओर से क्या किया गया है। Punjab Draft Agriculture Policy को तैयार करने वाली इस कमेटी के प्रमुख सुखपाल सिंह जो की एक इकोनॉमिस्ट भी है। इसके अलावा पंजाब फॉर्मर्स एंड फार्म वर्कर्स कमीशन के अध्यक्ष भी है। उनके मुताबिक प्रदेश में किसानों को वैकल्पिक फसलों के लिए गन्ना, कपास, मक्का, दलहन की फसलों को उत्पादन बढ़ाना चाहिए। इसके अलावा सब्जियों में मटर, आलू, मिर्च आदि सब्जियों की खेती में उत्पादन बढ़ाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ताकि मिट्टी की गुणवत्ता को बनाए रखा जाए।

क्योंकि इन फसलों में धान के मुकाबले में पानी की आवश्यकता बहुत काम रहता है वहीं पंजाब प्रदेश सरकार की ओर से अपनी फसल इंश्योरेंस स्कीम आरंभ करने का भी प्रस्ताव है।

 

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