गेहूं की एचडी 3385 कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा तैयार, किस्म में उत्पादन के साथ-साथ और क्या विशेषताएं रहेगी, Nai Variety Wheat HD 3385 Update की पूरी जानकारी जानें..
जानें Nai Variety Wheat HD 3385 Update 2024
हमारे देश में किसानों के द्वारा रबी सीजन आरंभ होने से पहले ही गेहूं की अच्छी उत्पादन के साथ-साथ अन्य खूबियों को ध्यान में रखते हुए नए-नए बीज और अच्छे क्वालिटी के बीच की जानकारी इकट्ठा करना शुरू कर दिया जाता है। आज हम किसानों जानकारी के लिए Nai Variety Wheat HD 3385 Update की डिटेल देंगे। बता दें कि बीते तीन से चार सालों में गेहूं की खेती के लिए किसानों को अच्छा मुनाफा मिला है। जिन किसानों के द्वारा अच्छे और अपनी भूमि के अनुसार बीच का चयन किया गया।
ऐसे में किसानों को आज के समय में सबसे बड़ी चुनौती मौसम में होने वाली परिवर्तन के चलते उत्पादन गिर जाता है। लेकिन इस बार किसानों को सही बीज के चुनाव के चलते उत्पादन बंपर ले सकते हैं। दूसरी और इन चुनौतियों को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा किसानों के लिए मौसम परिवर्तन के इस दौर में भी अच्छी पैदावार मिले इसके लिए नई-नई उन्नत किस्म जो उत्पादन अच्छा देने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधी गेहूं किस्म को विकसित किया जा रहा है।
कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा समय-समय पर न्यू किस्में को लांच किया जाता है। उसी में से एक नई गेहूं की वैरायटी जिसको हाल ही में लॉन्च किया गया है। जो की किसानों को अनुकूल परिस्थितियों में भी 80 क्विंटल से 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देगी।
गेहूं न्यू वैरायटी HD-3385 की पूर्ण जानकारी
गेहूं की HD-3385 वैरायटी को कुछ समय पहले ही में तैयार किया गया। जो कि NWPZ में किए गए सभी प्रशिक्षण में प्रथम और NEPZ में तीसरा स्थान प्राप्त करने वाली किस्म है।
क्योंकि यह वैरायटी एचडी 3385 एक अधिक उत्पादन देने वाला गेहूं का किस्म जो कि किसानों के द्वारा सही समय पर सिंचाई और सही समय पर बुवाई के लिए उत्तर पश्चिमी और उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त माना गया है।
कहां पर हुआ HD-3385 किस्म हुआ तैयार
एचडी 3385 वैरायटी को भारतीय कृषि अनुसंधान ICAR) संस्थान, करनाल के कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा नई किस्म में भारत के गेहूं उत्पादक राज्य में उत्पादक के लिए तैयार किया गया किस्म, जो कि जलवायु प्रतिरोधी रतवा विरोधी और रोग प्रतिरोधक किस्म है।
कितना उत्पादन मिलेगा गेहूं एचडी 3385
कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा विकसित किया गया गेहूं का नया किम एचडी 3385 को राष्ट्रीय सत्र पर तैयार हुई इसमें जैसे एचडी 3086, एचडी 2967, डब्ल्यू 187, और डब्ल्यू 222 से भी अच्छा परिणाम मिला है। कृषि वैज्ञानिकों की माने तो यह प्रति हेक्टेयर में 80 क्विंटल से 100 क्विंटल तक उत्पादन देने वाली किस्म है।
गेहूं एचडी 3385 वैरायटी में औसतन पैदावार प्रति हेक्टेयर 59.7 क्विंटल। वहीं सामान्य परिस्थितियों में इस गेहूं किस्म में प्राप्त पैदावार क्षमता प्रति हेक्टेयर 73.3 क्विंटल तक रहेगा। यह गेहूं का नया वैरायटी पैदावार के मुकाबले में एचडी 3086 से 10% अधिक पैदावार, वही एचडी 2967 से पैदावार में 15% अधिक, डब्ल्यू 222 गेहूं वैरायटी से 9% अधिक, और डब्ल्यू 187 गेहूं की सबसे 6.7% अधिक पैदावार मिलेगा।
नई गेहूं वैरायटी में क्या क्या खासियत रहेगा
किसानों को गेहूं की वैरायटी का चुनाव करने से पहले उसकी विशेषताओं का पता होना बहुत जरूरी है। क्योंकि किसानों को अपने क्षेत्र में बुवाई के लिए उपयुक्त है या नहीं यह भी जरूरी है। ऐसे में आपको बता दें कि गेहूं की नई वैरायटी एचडी 3385 को कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा देश की अलग-अलग हिस्सों में बुवाई किया गया जिसमें प्रति हेक्टेयर भूमि में उत्पादन क्षमता लगभग 75 क्विंटल के आसपास रहा।
यह गेहूं वेराइटी को किस अपनी जमीन में अगेती बुवाई कर लेने के बाद मार्च महीने में अंतिम सप्ताह में यदि तापमान बढ़ता है। तो इसके बनने वाले दानों पर असर नहीं होगा। क्योंकि यह गेहूं वेराइटी तापमान सहनशील है। जिसके चलते कच्ची बालियों में दूधिया दाना पर असर नहीं होता। इसके अलावा इस किस्म के पौधे की ऊंचाई 98 सेमी तक होता है।
बता दें कि किसान को मार्च महीने के के दौरान अंतिम सप्ताह में सामान्य से ज्यादा तापमान वर्ष 2021-22 देखने को मिला। जिस कारण से गेहूं में बालियों में दूधिया दाना पर असर देखने को मिला। जिससे किसानों को बड़ा नुकसान उपज में हुआ। वहीं गेहूं की इस नई प्रजाति में तापमान के प्रति सहनशीलता है यानी इस वैरायटी को लगाकर इस समस्या से राहत मिलेगी।
कितना है रोग प्रतिरोधक क्षमता
गेहूं की इस किस्म में कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार करनाल बट रोग के प्रति भी अत्यधिक रोग प्रतिरोधक माना गया है। इसके अलावा येलो, ब्राउन और ब्लैक रस्ट (रतुआ) के प्रति प्रतिरोधी अत्यधिक है।
एचडी 3385 गेहूं की बुवाई कब करें
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय स्टेशन करनाल के अध्यक्ष और प्रधान वैज्ञानिक डॉ. शिवकुमार यादव के द्वारा मिली जानकारी अनुसार यह गेहूं किस्म देश के उत्तर भारत में बुवाई करने का सही समय अक्टूबर महीने के अंतिम सप्ताह से नवंबर महीने के पहले सप्ताह तक सही और उपयुक्त समय माना गया है। यानी किसान गेहूं एचडी 3385 की बुवाई 25 अक्टूबर से 5 नवंबर तक तापमान को ध्यान में रखते हुए बुवाई कर सकते हैं।
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