सरसों की नई किस्म Mustard BPM 11 Variety हुआ तैयार, जानें बुवाई से पहले इसमें क्या-क्या है खासियत…
Sarso Ki Kheti: सरसों की बुवाई का कार्य कुछ समय में आरंभ होगा और किसानों के द्वारा तैयारी पूरी पर चल रही है। क्योंकि खरीफ फसल अब पैक कर तैयार हो चुकी है और अब कटाई का कार्य तेजी पकड़ेगा वहीं कई स्थानों पर किसानों के द्वारा फसल की कटाई का काम भी पूरा हो चुका है। ऐसे में किसानों को सरसों की उन्नत व नई विकसित जलवायु और अपने क्षेत्र के अनुसार किस्म का चयन करना बहुत जरूरी हो जाता है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के राजस्थान प्रदेश में रेपसीड सरसों अनुसंधान निदेशालय भरतपुर केंद्र की ओर से सरसों की नई किस्म भरतपुर सरसों 11 (Mustard BPM 11 Variety) को तैयार किया गया है जो की बीते अप्रैल महीने के दौरान उत्पादन को लेकर मंजूर किया गया है। इस किस्म को किस लगाने पर मुकाबले में उन्नत होने के साथ-साथ कई रोगों से लड़ने में भी सक्षम होगी और उत्पादन भी अधिक प्राप्त होगा। आइए जानें Mustard BPM 11 Variety पूरी जानकारी…
सरसों भरतपुर 11 की क्या-क्या विशेषताएं हैं
Mustard BPM 11 Variety Details: देश में राजस्थान प्रदेश के किसान की सरसों फसल सबसे अधिक उत्पादन प्राप्त करते हैं। आगामी रबी सीजन में किसानों के द्वारा फसल बुवाई का कार्य शुरू हो चुका है ऐसे में किसानों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद यानी आईसीएआर सरसों रिसर्च केंद्र भरतपुर के द्वारा सरसों की नई किस्म भरतपुर सरसों 11 को लांच किया है।
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किसानों को रबी सीजन में आईसीएआर के द्वारा सरसों की इस किस किस्म को बुवाई करने का सलाह दिया है। बता दें कि सरसों की भरतपुर सरसों 11 किस्म में सरसों की फसल में होने वाले सफेद रतुआ के अलावा चार फसल रोग नहीं होता। जिससे किसानों के द्वारा फसल में होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाव होगा। वहीं इस किस्म में अन्य वैरायटी के मुकाबले में अधिक उत्पादन प्राप्त होगा।
पछेती बिजाई में भी अच्छा उत्पादन
सरसों की नई किस्म भरतपुर सरसों 11 के बारे में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के मुताबिक यह कृषि जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल बनाई गई किस्म जो कि किसानों को खेती करने के लिए उपयुक्त माना गया है। जो सरसों की वैरायटी किसान सिंचित क्षेत्र में पछेती बुवाई कर भरतपुर सरसों 11 अधिक उत्पादन ले सकते है।
भरतपुर सरसों 11 किस्म में पैदावार
यह Mustard BPM 11 Variety के बुवाई में आईसीएआर के कृषि एक्सपर्ट के मुताबिक राजस्थान प्रदेश के लिए अच्छा रहेगा और इसके अलावा इस किस्म को देश के अन्य राज्य जैसे बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसान भी बुवाई कर सकते हैं।
इस नई किस्म Mustard BPM 11 Variety में किसान सरसों फसल की बुवाई करने के बाद से 123 से 125 दिन में पककर तैयार हो जाएगा। इस किस्म में प्रति हेक्टेयर में उपज 19 कुंतल तक उत्पादन ले सकते हैं। वहीं इसमें सरसों तेल की मात्रा की बात करें तो 37% से अधिक रहेगा।
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भरतपुर सरसों 11 किस्म में रोगों से लड़ने में कारगर
आईसीएआर रेपसीड सरसों अनुसंधान निदेशालय भरतपुर के मुताबिक सरसों की किस्म भरतपुर 11 में सफेद रतुआ के अलावा चार रोग नहीं लगता। बता दें कि सरसों की यह वैरायटी सफेद रतुआ व अन्य रोग जैसे :- पाउडरी फफूंद, डाउनी फफूंद रोग व अल्टरनेरिया पत्ती झुलसा रोग से लड़ने की क्षमता है। जो की सरसों की खेती के लिए बेहद खतरनाक रोग है। जिसके चलते किसानों को सरसों की फसल में इन रोगों से बचाव के लिए कीटनाशक दवाएं का इस्तेमाल किया जाता है।
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Conclusion:- आज आपने सुपर खेती पर जाना Mustard BPM 11 Variety सरसों की इस नई वैरायटी में मिलेगा बंपर उत्पादन और 4 रोगों से छुटकारा, अधिक जानकारी हेतु कृषि विभाग या अनुसंधान के द्वारा प्राप्त करें।