Matar Ki Kheti: हमारे देश के कई राज्यों में मटर की खेती किया जाता है और मटर को मुख्य रूप से सब्जी के रूप में ही इस्तेमाल होती है। देशभर में मटर की खेती हरियाणा पंजाब राजस्थान महाराष्ट्र मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश बिहार कर्नाटक राज्यों में किया जाता है। मटर की खेती के लिए ठंडा मौसम सबसे उपयुक्त रहता है। इस आर्टिकल के द्वारा आज हम आपको मटर टॉप 10 बेस्ट किस्म (Matar Ki Top 10 Variety) के बारे में जानकारी देंगे। जिससे आप लगाकर अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।
मटर टॉप 10 बेस्ट किस्म (Matar Ki Top 10 Variety)
मटर की उन्नत किस्में
(1). पंत मटर 155 (2). काशी मुक्ति (3). काशी अगेती (4). काशी उदय (5). काशी नंदिनी (6). वी.एल. मटर-3 (7). नरेंद्र वेजिटेबल मटर-6 (8). नरेंद्र वेजिटेबल मटर-4 (9). पूसा श्री (10). अर्ली बैजर
1. मटर किस्म पंत 155 की विशेषता
Pea Variety Pant 155 Detail: मटर की यह पंत 155 वैरायटी एक शानदार किस्म में से एक मानी जाती है। और इस किस्म को साल 2009 में तैयार किया गया। मटर की इस किस्म में रोग प्रतिरोधक क्षमता फली छेदक, फफूंद रोग व अन्य रागों होता है । इस मटर वैरायटी की बुवाई करने के 50 से 60 दिन के करीब हरी फलिया की तुड़ाई का कार्य कर सकते हैं।
2. मटर किस्म काशी मुक्ति की खासियत
Pea Variety Kashi Mukti Detail: मटर की वैरायटी काशी मुक्ति की फलिया लंबी और दाने बड़े आकार में होते हैं। इस किस्म को पंजाब बिहार और झारखंड राज्य में अधिक बुवाई किया जाता है।
पैदावार मिलेगा: मटर की इस किस्म में प्रति एकड़ में लगभग 45 क्विंटल का उत्पादन मिलेगा।
3. मटर वैरायटी काशी अगेती की जानकारी
Pea Variety Kashi Agate Details: इस किस्म में में मटर की फलियों का रंग हरा गहरा, सीधा होता है। यह एक कम समय में तैयार होने वाली किस्म जो 50 दिन में तैयार हो जाती है। इसका उत्पादन 35 से 40 क्विंटल का होता है।
4. मटर की वैरायटी काशी उदय
Pea Variety Kashi Uday Detail: किसानों के लिए यह वैरायटी वैज्ञानिकों की ओर से वर्ष 2005 में तैयार किया गया। यह किम मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड के राज्य के लिए सबसे सही माना गया है।
पकने में समय: इस मटर किस्म काशी उदय की बुवाई होने के लगभग 55 से 60 दिन में कटाई का कार्य किया जा सकता है । वहीं इसमें उत्पादन 40 से 43 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन मिलेगा।
5. मटर किस्म काशी नंदिनी
Pea variety Kashi Nandini Detail: मटर की वैरायटी काशी नंदिनी को साल 2005 में तैयार किया गया। इस किस्म की बुवाई का कार्य तमिलनाडु, झारखंड, कर्नाटक, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड जम्मू और कश्मीर के साथ केरल राज्य में किया जाता है।
कितना मिलेगा उत्पादन: यह वैरायटी प्रति एकड़ में करीब 45 से 48 क्विंटल तक का उत्पादन देती है।
6. मटर किस्म वी.एल. मटर-3
Variety V.l. Peas-3 Detail: मटर की यह वैरायटी में पहचान की बात करें तो इसके फलियां और पत्तों का रंग हल्के हरे रंग की देखने को मिलता है। वहीं फलियां सीधी होती है और इस का पौधा हाइट सीमित दायरे में रहता है। बात करें प्रति हेक्टेयर में उत्पादन देने की तो यह करीब 100 से लेकर 105 क्विंटल तक का पैदावार देता है।
7. मटर किस्म नरेंद्र वेजिटेबल मटर-6 के बारे में जानकारी
Pea Variety Narendra Vegetable Pea-6: मटर की यह प्रजाति की कसम को वही करने की 30 से 35 दिन बाद फूल आना शुरू हो जाता है और फलियां की कटाई करीब 60 से 70 दिन बाद की जा सकता है। प्रति हेक्टेयर में पैदावार करीब 95 क्विंटल के आसपास रहता है।
8. मटर किस्म नरेंद्र वेजिटेबल मटर-4 मुख्य विशेषताएं
Pea variety Narendra Vegetable Pea-4: यह वैरायटी मध्य पकने वाली प्रजाति की किस्म जिसमें पौधों की ऊंचाई करीब 70 से 75 सेंटीमीटर रहता है। और उत्पादन प्रति हेक्टेयर में 100 से 110 क्विंटल तक होता है।
9. मटर किस्म अर्ली बैजर
Pea variety Early Badger: यह एक विदेशी वैरायटी है जिसमें बोलियां के अंदर बनने वाले बीज झुर्रीदार देखने को मिलती है। उसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर में 100 क्विंटल के आसपास है। बाय करने के 50 से 60 दिन में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाएगा।
10. मटर किस्म पूसा श्री
Pea variety Pusa Shree: मटर की इस किस्म को खासतौर पर उत्तर भारत के मैदानी हिस्सों में अगेती किस्म के रूप में बुवाई किया जाता है। और यह वर्ष 2013 में विकसित हुआ। इसकी फसल तुड़ाई बुवाई के 50 से 55 दिन बाद में हो जाएगा। वहीं इसके उत्पादन की बात करें तो करीब 20 से 22 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन हरी फलियों के रूप में मिलता है।
मटर की बुवाई किस महीने में करें
अगेती बुवाई: मटर की बुवाई के लिए किसानों को समय का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। अगर किसान भाई मटर की अगेती किस्म की बुवाई करना चाहते हैं। तो वह अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह से बुवाई का कार्य शुरू कर सकते हैं। और नवंबर महीने के पहले सप्ताह तक पूरी करें।
माध्यम व पछेती बुवाई: अगर किसान मटर की आगे की बुवाई नहीं कर पाए तो उन्हें पछेती व माध्यम किस्म का चुनाव करना चाहिए जिसके लिए भी 15 अक्टूबर से शुरू कर सकते हैं और 15 नवंबर तक बुवाई का कार्य पूरी करें।
इसे भी पढ़ें 👉
Conclusion:- आज आपने जाना मटर की 10 बेस्ट वैरायटी (Matar Ki Top 10 Variety) की क्या क्या विशेषताएं है। जिसमें कितना उत्पादन मिलेगा, कहां-कहां पर बुवाई किया जा सकता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ सभी पूरी जानकारी। इन सब किस्म के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नजदीकी कृषि विभाग की ओर से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।