हमारे देश में धान की खेती (Dhan Ki Kheti) का रकबा अबकी बार कुछ बढ़ोतरी देखने को मिली है। क्योंकि बहुत से ऐसे किसान जिन्होंने बीते कई वर्षों से कपास की खेती कर रहे थे। लेकिन कपास की खेती में होने वाले कीट और रोग के चलते उन्हें विकल्प के तौर पर धान की खेती की ओर रुख किया है। लेकिन उन्हें धान की खेती में भी राहत नहीं मिल रही।
क्योंकि इसमें पानी की खपत ज्यादा होती है। जिसको ध्यान में रखते हुए कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा लगातार नए-नए किस्म का विकसित किया जा रहा है। ताकि किसानों को कम पानी में भी अच्छी उत्पादन प्राप्त हो सके और इस जलवायु परिवर्तन के समय में बीते दिनों ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 109 नई किस्म को जारी किया गया था जिसमें कई धान की किस्म भी शामिल है।
नई किस्म स्वर्ण पूर्वी धान 5 (Swarna Purvi Dhan 5 Variety)
मौजूदा समय में जलवायु परिवर्तन के अनुकूल कृषि विभाग वैज्ञानिकों के द्वारा तैयार की गई धान की एक और नई किस्म जो कि कम पानी में भी अच्छा उत्पादन देगी। धान की यह नई किस्म स्वर्ण पूर्वी धान 5 के नाम से जाना जाएगा। धान की विकसित की गई नई किस्म में क्या-क्या खासियत रहेगा। इसके पकने का समय और इसके उत्पादन कितना मिल सकता है। और कौन-कौन से हैं राज्यों के लिए यह उपयुक्त रहेगा। रोग प्रतिरोधक क्षमता कितनी है यह सब जानकारी आप इस आर्टिकल के द्वारा जान पाएंगे…
10 वर्ष की मेहनत से नई धान वैरायटी विकसित
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) पटना में पूर्वी अनुसंधान परिसर कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा धान की नई किस्म को बीते 10 साल की कड़ी मेहनत के बाद स्वर्ण पूर्वी धान 5 को तैयार किया गया है। इस किस्म में किसानों को कम पानी में भी अधिक उत्पादन देने में सफलता प्राप्त होगी।
स्वर्ण पूर्वी धान 5 में क्या क्या विशेषताएं हैं
Golden Eastern Paddy 5 Variety: धान की नई वैरायटी स्वर्ण पूर्वी धान 5 का दाना छोटा और पतला रहेगा । वहीं इसमें आयरन और जिंक की मात्रा भी अधिक होगी। यह किस्म को लगाने पर किसानों को पकाने में कम पानी की जरूरत होगी। अन्य धान किस्म के मुकाबले में इस किस्म में 30 फीसदी कम पानी लगेगा।
कितना उत्पादन मिलेगा
धान की यह वैरायटी लगाने पर किसानों को प्रति हेक्टेयर में करीब 45 क्विंटल तक का पैदावार मिल सकता है वहीं अगर सूखे की स्थिति होती है तब भी यह प्रति हेक्टेयर 30 क्विंटल तक का उत्पादन दे सकता है।
पककर तैयार होने में समय
धान की यह नई किस्म को लगाने पर किसानों को करीब 110 से 115 दिन में ही तैयार हो जाएगा जिसके चलते किसानों को अन्य फसल की बुवाई कर सकते हैं। जिसके चलते उन्हें और मुनाफा मिलेगा।
रोग प्रतिरोधक क्षमता कितनी है
धान की स्वर्ण पूर्वी धान 5 किस्म में कीट व रोग से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता अधिक माना गया है। जिसके चलते किसानों को इसमें अधिक कीटनाशक की आवश्यकता नहीं रहेगा जिससे किसानों की खर्च भी कम होगा।
कितना मिलेगा बाजार में रेट
धान की यह वैरायटी में रेट सामान्य धान के की कीमत जैसा ही रहेगा। इसकी बुवाई की बात करें तो कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक सीधी बुवाई के लिए अधिक लाभदायक रहेगा।
किन किन राज्यों के लिए उपयुक्त
धान की यह किस्म देश के पश्चिम बंगाल बिहार और झारखंड राज्यों के लिए सबसे उपयुक्त पैदावार देने में वाली किस्म है।
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Conclusion:- किसानों के लिए कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा विकसित की गई नई किस्म स्वर्ण पूर्वी धान 5 में कितना उत्पादन मिलेगा। इसके पकने में समय, कहां-कहां पर बुवाई कर सकते हैं यह सभी जानकारी आपको www.superkheti.com पर प्राप्त हुआ।