Gehun Ki Kheti: खरीफ सीजन का अब अंतिम दौर में पहुंच चुका है। और ऐसे में किसानों के द्वारा गेहूं की खेती के लिए तैयारी भी शुरू हो चुका है। ऐसे में किसानों के लिए बड़ी राहत बड़ी खबर है कि भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान की ओर से गेहूं की 2 नई किस्म (Gehu Ki Nai Variety 2024) विकसित किया गया है।
किसानों की गेहूं उत्पादन और इनकम को कैसे बढ़ाया जाए। इस पर लगातार कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा बीते 6 साल से शोध कार्य जारी था। जिसमें अंतिम रूप दे दिया गया है। बता दे कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा तैयार की गई गेहूं की दो नई किस्म DBW- 377 व DBW- 359 वैरायटी तैयार की गई है। जिसको लगाकर किसान एक बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकेंगे। तैयार की कई गेहूं की इन दोनों ही किस्म को किसानों को कब तक बीज मिल जाएगा और इसकी उत्पादन क्षमता कितनी है। और कहां पर है इसकी बुवाई करने के लिए उपयुक्त भूमि रहेगी। यह पूरी जानकारी आप इस रिपोर्ट के द्वारा जान पाएंगे…
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल के द्वारा बीते सीजन के दौरान भी गेहूं की अन्य वैरायटी भी विकसित किया गया है। जिसके चलते उनका अभी तक अधिकतम उत्पादन प्रति एकड़ में 33.7 का क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त हुआ है। गेहूं की अन्य वैरायटी जैसे – DBW-370, DBW-371 & DBW-372 विकसित किया गया था।
2024 में गेहूं की 2 नई किस्म (Gehu Ki Nai Variety 2024)
कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा विकसित की गई गेहूं की दो किस्म DBW- 377 व DBW- 359 में क्या-क्या विशेषताएं रहेगी लिए जानते हैं पूरी जानकारी के साथ..
1. Gehu Variety DBW- 377 Detail
गेहूं डीबीडब्ल्यू – 377 किस्म: गेहूं की इस वैरायटी मैं अन्य किस्मों के मुकाबले में दाना का आकार मोटा होता है। प्रति हेक्टेयर उत्पादन की बात करें तो यह किस्म 65 से लेकर 70 का क्विंटल तक का उत्पादन होता है।
अधिक खाद की आवश्यकता: बता दे कि इस किस्म की बुवाई करने पर किसानों को अन्य वैरायटी के मुकाबले में नाइट्रोजन और अन्य जो जरूरी खाद है उनकी आवश्यकता डेढ़ गुना ज्यादा रहेगी। तभी पैदावार अच्छी होगी।
2. Gehu Variety DBW- 359 Detail
गेहूं डीबीडब्ल्यू – 359 किस्म: यह वैरायटी गेहूं की एक कम पानी में पकने वाली किस्म है। इस किस्म को दो पानी की आवश्यकता रहेगी। जो की सामान्य गेहूं में चार पानी से पांच पानी किसानों को देना पड़ता है। इस वैरायटी से प्रति हेक्टेयर में करीब 55 से 58 क्विंटल तक का उत्पादन मिलेगा।
गेहूं की डीबीडब्लयू 359 प्रजाति की इस किस्म को कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के लिए मुख्य रूप से तैयार किया गया कि गई है।
रोटी का स्वाद होगा स्वादिष्ट
कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा तैयार की गई इन दोनों ही विश्व से बनने वाली रोटी अधिक सफेद होगी। इसके अलावा रोटी बनाने के लिए आटा तैयार करने में भी आसानी होगी। अनेक किस्म के मुकाबले में इनकी रोटियां खाने में स्वादिष्ट भोजन होगा।
किसानों को कब तक मिलेगा बीच
बता दे कि गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल डॉ. रतन तिवारी, निदेशक के अनुसार गेहूं की तैयार की गई इन दोनों ही किस्म का बीच मिलने का कार्य सितंबर महीने के अंतिम सप्ताह से शुरू हो जाएगा। जो किसान गेहूं के इस का बीज लेने के इच्छुक है उनको संस्थान के द्वारा बनाए गए पोर्टल पर आवेदन करना होगा। जिसके लिए हर किसान को आधार कार्ड पर 5 किलोग्राम बीज ही मिलेगा। ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस उन्नत किस्म का बीज मिल सके।
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Conclusion:- किसानों के लिए गेहूं की तैयार की गई दो नई किस्म (Gehu Ki Nai Variety 2024) के उत्पादन से लेकर क्या-क्या विशेषताएं हैं। वह आपको जानने को मिला। इन दोनों ही किस्म का बीज कब और कहां-कहां पर बुवाई के लिए उपयुक्त होगा वह भी आपको जानकारी प्राप्त हुई।