Ganna Kheti Me NPK 19:19:19: गन्ना में बढ़वार के लिए कौन सा एनपीके पौधों के लिए सबसे अच्छा है, जानें पूरी जानकारी

Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now
Join Google News Join Now

 

Ganna Ki Kheti: गन्ना की फसल अब बड़ी हो चुकी है और सितंबर महीना भी आरंभ हो चुका है। ऐसे में किसानों को गन्ना की बढ़वार को लगातार बनाए रखने के लिए समय-समय पर खाद और उर्वरक का प्रयोग करना होगा। ताकि यह सभी पोषक तो समय पर मिले और फसल शानदार दिखे। गन्ने की फसल के लिए जुलाई महीने से लेकर सितंबर महीना बढ़वार के लिए सबसे उपयुक्त और अच्छा माना जाता है। क्योंकि इस समय के दौरान गन्ना फसल अपने ऊंचाई का 80% कार्य पूरा करता है।

सितंबर के महीने में रात्रि के समय का तापमान काम और दिन के समय में तापमान थोड़ा अधिक रहता है जो की गाने की फसल के लिए सबसे उत्तम समय है। इसी के साथ ही अगर बारिश भी होती है। तो गन्ने की बढ़वार और तेजी से होती है। लेकिन किसानों को इसी बीच समय-समय पर खाद और उर्वरक का प्रयोग करते रहना चाहिए। ताकि फसल को सही पोषक तत्व प्राप्त होते रहे।

गन्ना की फसल बढ़वार में एनपीके (Ganna Kheti Me NPK 19:19:19)

किसानों को गन्ना की फसल तेजी से बढ़वार हो और अधिक पैदावार के लिए किसानों को इस समय गन्ना की फसल में एनपीके 19:19:19 का उपयोग कब और कितनी मात्रा में करना है। वह आप इस आर्टिकल के माध्यम से Ganna Kheti Me NPK 19:19:19 जान पाएंगे साथ ही इसके अलावा अन्य रोगों की रोकथाम में क्या किया जाए लिए जानते हैं पूरी जानकारी के साथ…

 

किसानों की जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के डॉक्टर संजीव पाठक के मुताबिक किसानों को जुलाई से लेकर सितंबर के महीने तक गन्ने में होने वाली बढ़वार के लिए समय पर खाद डालने के साथ-साथ होने वाले रोगों की रोकथाम करना बहुत जरूरी हो जाता है। क्योंकि इन दिनों में गन्ना की फसल में हर रोज करीब 5 इंच तक की बढ़वार लेता है। अगर किसान अपनी गन्ने की फसल में सभी पोषक तत्व डालने के बाद भी बढ़वार नहीं हो रहा। तो उन्हें फसल में देखना चाहिए कि कौन से कीट और रोग हैं, उनकी रोकथाम करें।

गन्ना की बढ़वार के उपाय

बता दें कि उन्होंने बताया कि किसानों को अपने गन्ने की फसल में देखना चाहिए की पत्तियां पीली तो नहीं पड़ रही। अगर पतियों का रंग पीला पड़ रहा है तो फिर फसल में जड़ भेदक रोग या फिर उकठा रोग हो सकता है।

अगर गन्ने की फसल में पीली पत्ती नहीं पड़ रही और बढ़वार नहीं हो रही। तो उसके लिए किसान को गन्ना की फसल में जड़ों में खाद में डालने की बजाय प्रति एकड़ में 1000 लीटर पानी के साथ 2 किलोग्राम एनपीके जो 19:19:19 (Ganna Kheti Me NPK 19:19:19) का घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए।

रोगों की रोकथाम कैसे करें

उकठा रोग: बता दे गन्ना की फसल में रोगों की रोकथाम के लिए डॉक्टर संजीव पाठक के अनुसार उकठा रोग (Squat Disease) यह संभावना दिखाई देती है, तो इसकी रोकथाम करने के लिए किसानों को 2 से लेकर 3 क्विंटल तक गोबर की खाद जो गली सड़ी हो। उसमें 10 (KG) किलोग्राम ट्राइकोडर्मा को अच्छे से मिलकर प्रति हेक्टेयर में छिड़काव करना चाहिए।

रूट बोरर एवं सफेद गिड़ार रोग दूर करना

Root Borer And White Borer: किसानों को गन्ने के फसल में समय-समय पर देखभाल करते रहना चाहिए। अगर फसल में सफेद गिड़ार एवम रूट बोरर रोग होने के संभावना दिखाई दे तो इसकी रोकथाम करने के लिए प्रति एकड़ में गोबर की गली सड़ी खाद के साथ मैटाराईजियम एनिसोप्ली 2 किलोग्राम (KG) में मिलकर जमीन में छिड़काव करें।

इसे भी पढ़ें 👉

Conclusion:- आज आपने सुपर खेती (www.superkheti.com) इस रिपोर्ट में जाना Ganna Kheti Me NPK 19:19:19 गन्ना में बढ़वार के लिए एनपीके पौधों को क्या क्या लाभ मिलेगा। इसके अलावा गन्ना की फसल में होने वाले रोगों की रोकथाम के उपाय। अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप अपने नजदीकी कृषि विभाग से भी संपर्क कर सकते हैं।

Leave a Comment

error: Content is protected !!