किसान कौन से तरीके से पराली को खाद बदले, जानें Composting Stubble की पूरी जानकारी…
Composting Stubble: धान की फसल काटने के साथ ही किसानों व अन्य लोगों के साथ-साथ सरकार के लिए सबसे बड़ी समस्या पराली को लेकर है। क्योंकि खरीफ फसल काटने के बाद फसल अवशेष और धान की फसल में बचने वाले अवशेष पराली किसानों के द्वारा आग लगाया जा रहा है। क्योंकि अगली फसल बुवाई का कार्य जल्द से आरंभ हो सके। फसल अवशेष प्रबंधन न होने से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है।
वहीं सरकार के द्वारा बीते कुछ सालों में पराली प्रबंधन के लिए समय-समय पर किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ योजनाएं भी चलाई है जिससे कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दिया गया। लेकिन फिर भी बहुत से ऐसे किसान जिनके पास फसल अवशेष प्रबंधन नहीं हो पा रहा।
लेकिन किसानों को अपने खेतों में फसल अवशेष व पराली के जलाने की बजाय उपाय बताने जा रहे हैं। जिससे किसान को पराली जलाने की आवश्यकता नहीं होगी और आगामी फसल में अच्छी पैदावार भी मिलेगी और एक सप्ताह के दौरान ही किस पराली को खाद (Composting Stubble) में बदल पाएंगे।
और यह करने पर किसानों को अपनी जेब से खर्च भी काम होगा और अपनी जमीन की शक्ति को भी बढ़ाया जा सकता है और जो सूक्ष्म तत्व आगामी फसल को चाहिए वह भी मिलेगा और पराली से खाद भी बन जाएगा और इससे पानी की भी बचत होगा।
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किसानों पराली को कैसे बनाए खाद
पराली जलाने से किसानों को अपनी भूमि में ही नहीं बल्कि देश में रहने वाले लोगों को भी काफी नुकसान होता है इससे बचाव के लिए कृषि एक्सपर्ट के मुताबिक जब धान की फसल की कटाई होने के बाद किसान को बचे हुए अवशेष को आसानी से खेत में खाद बनाया जा सकते हैं।
पहले अपने खेतों में किसानों के द्वारा पराली प्रबंधन क्या करना काफी मुश्किल भर काम था। लेकिन अब किसानों के लिए इसको खाद में बदलना आसान है। किसान अपने खेत में बचे हुए फसल अवशेष को यूरिया (नाइट्रोजन) की सहायता से खाद में बदल सकते हैं और यह किसानों के लिए आसान भी होगा और सस्ता भी है।
जानें किस तरह पराली को खाद बनाएं
धान की फसल की कटाई होने के बाद किसानों को अपने खेत में पराली को ट्रैक्टर द्वारा चलने वाले कृषि यंत्रों की सहायता से बिखेर देना होगा। ऐसा करने के बाद अपनी भूमि में पानी को भरकर प्रति एकड़ जमीन में 10 किलोग्राम यूरिया का छिड़काव करें। किसानों के द्वारा ऐसा करने पर करीब 10 से लेकर 15 दिनों में पराली जमीन में गल सड़कर खाद मे बदल जाएगा।
खाद में बदलने के बाद किसान अपने खेत में अच्छे से जुताई कर अगली फसल बुवाई का कार्य पूरा कर सकते हैं अगर किसान नाइट्रोजन की खाद का छिड़काव की बजाय स्प्रे के द्वारा भी घोल बनाकर छिड़काव करते हैं तब भी 7 से 15 दिन में खाद में बदला जा सकता है।
पराली को खाद बनाने पर क्या क्या लाभ मिलेगा
किसान अगर इस तरह से पराली को 3 से 4 साल तक खाद में बदलते हैं तो कृषि एक्सपर्ट के मुताबिक उन्हें कई तरह की जैविक और पोषक तत्वों की आवश्यकता पूरी हो जाएगा।
जैविक कार्बन – 1600 किलोग्राम
नाइट्रोजन – 20 से 30 किलोग्राम
फास्फोरस – 4 से 7 किलोग्राम
पोटाश – 60 से 100 किलोग्राम
सल्फर – 4 से 6 किलोग्राम सल्फर
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