किसानों ने गेहूं, सरसों और चना फसल की बिजाई हो गया है पूरा, तो करें सही समय पर सिंचाई, जानें Irrigation Rabi Crop....
Irrigation Rabi Crop : देश के हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य के अलावा अन्य राज्यों में भी गेहूं का बुवाई का कार्य लगभग समाप्त होने को है। और अब किसानों को अपने गेहूं की फसल में सिंचाई के सही समय पर देना बहुत आवश्यक है ताकि उन्हें आने वाली गेहूं फसल में बेहतर उत्पादन प्राप्त हो पाए। अबकी बार गेहूं की बुवाई का रकबा में वृद्धि हुआ है क्योंकि सरसों की फसल में विपरीत मौसम के चलते और गिरती हुई कीमत के चलते सरसों की बजाय किसान गेहूं की बुवाई ज्यादा किया है। क्योंकि गेहूं की कीमत मौजूदा समय में ठीक मिल रहा है।
किसानों के द्वारा गेहूं के अलावा, सरसों, चना, मसूर, मटर, आलू आदि फसलों की बुवाई किया गया है। गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए किसानों को बुवाई में सभी आवश्यक बातों को ध्यान में रखते हुए पूरा करने के बाद सिंचाई को भी सही समय पर और सही तरीके से करना बाहर जरूरी तभी उन्हें आगे चलकर अच्छा उत्पादन प्राप्त होगा।
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक किसानों को फसल की आवश्यकता के अनुसार ही सही समय पर सिंचाई करने से अनाज की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में ही वृद्धि होती है।
गेहूं की फसल में सिंचाई का सही समय क्या है
Irrigation Rabi Crop: गेहूं की फसल में सिंचाई को लेकर सही समय और कितनी बार करना चाहिए इसके बारे में मध्य प्रदेश राज्य में खरगोन कृषि विज्ञान केंद्र प्रमुख एवं वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक वैज्ञानिक डॉ. जीएस कुलमी के द्वारा गेहूं की फसल में सिंचाई को लेकर चार चरण के बारे में बताया।
गेहूं की फसल
1). उनके मुताबिक गेहूं की फसल में किसान अगर एक बार ही सिंचाई किया जा सकता है। तो ऐसी स्थिति में गेहूं बुवाई की 20 से 25 दिन बाद जब किरीट जड़ अवस्था में हो उसे समय पर सिंचाई करना चाहिए हैं।
2). अगर किसान के पास अपने गेहूं की फसल में दो सिंचाई कर सकते हैं तो उनको गेहूं की फसल में पहली सिंचाई का समय किरीट जड़ अवस्था होने पर व दूसरा सिंचाई गेहूं में पुष्पन अवस्था यानी 80 दिन से लेकर 85 दिन के समय पर सिंचाई करना चाहिए हैं।
3). वहीं अगर किसानों के पास अपने गेहूं में तीन सिंचाई करने का पानी उपलब्ध है तो ऐसी स्थिति में किसानों को पहली सिंचाई किरीट जड़, दूसरी सिंचाई का समय गभोट अवस्था यानी 60 दिन से लेकर 65 दिन के समय तक, और गेहूं में तीसरी सिंचाई का समय दुग्ध अवस्था होने पर यानी 100 दिन से लेकर 105 दिन तक का समय होने पर गेहूं में सिंचाई करना चाहिए।
4). इसके अलावा वे किसान जिनके पास चार सिंचाई करने का पानी का प्रबंध है वह किसान ऊपर बताए गए तीन चरणों के अलावा कल्ले बनने की समय यानी 40 दिन से लेकर 45 दिन पर गेहूं में सिंचाई करना चाहिए।
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किसान चना, मटर व मसूर की फसल में सिंचाई कब करें
चना की फसल
Irrigation Rabi Crop Chana: किसानों को चना की फसल में सिंचाई को लेकर उन्होंने बताया कि पहली सिंचाई चना की फसल में फूल आने से पहले यानी 40 दिन से लेकर 45 दिन तक सिंचाई करना चाहिए।
वहीं इसके अलावा चना की फसल में दूसरा सिंचाई का समय 95 दिन से लेकर 100 दिन तक यानी घेंटी में दाना बनना शुरू हो उसे समय पर करना चाहिए।
मसूर की फसल
Irrigation Rabi Crop Masur: किसानों को मसूर की फसल में पहली सिंचाई का समय 40 से लेकर 45 दिन यानी शाखा बनने लगे उस समय करना चाहिए।
वहीं इसके अलावा किस मसूर की फसल में दूसरा सिंचाई 80 दिन से लेकर 85 दिन यानी घंटी में दाना बनना शुरू हो उसे समय पर करना चाहिए।
मटर की फसल
Irrigation Rabi Crop Matar : किसानों को अपने मटर की फसल में पहली सिंचाई का समय 40 दिन से लेकर 45 दिन यानी फूल आने से पहले करना चाहिए।
वही मटर की फसल में दूसरा सिंचाई दाना बनना आरंभ हो उस समय यानी 80 से लेकर 85 दिन पर करना चाहिए।
किसान जौ व सरसो की फसल में सिंचाई कब करें
सरसों की फसल
Irrigation Rabi Crop Mustard: उनके मुताबिक किसानों को सरसों की फसल में पहला सिंचाई करने का समय फूल आने से पहले यानी 40 दिन से लेकर 45 दिन पर करना चाहिए।
उनके मुताबिक सरसों की फसल में दूसरा सिंचाई का समय 60 दिन से लेकर 65 दिन यानी फलिया बनना शुरू हो उस समय पर करना चाहिए।
वही किसान सरसों की फसल में तीसरा सिंचाई जब फलियां में दाना का भराव हो उस समय यानी 80 से 85 दिन के समय पर करना चाहिए।
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जौ की फसल
किसानों को जो की फसल में उनके मुताबिक पहली सिंचाई जब कल्ले में फुटाव हो यानी 35 से लेकर 40 दिन के समय पर करना चाहिए।
इसके अलावा जो की फसल में दूसरा सिंचाई का समय दुग्ध अवस्था में करना चाहिए।
सिंचाई का सबसे अच्छा तरीका क्या है
Irrigation Rabi Crop: उन्होंने बताया कि किसानों को अपने खेत की मिट्टी के अलावा पानी की उपलब्धता के साथ-साथ फसल पानी की आवश्यकता है या नहीं इसके मांग के अनुसार ध्यान रखना चाहिए।
किसानों को अपने खेत में सिंचाई करते समय पानी को सीधा ना छोड़े इसके बजाय का किसान को अपने खेत में नालियां बनाकर सिंचाई करना चाहिए।
किसान अपने जमीन में 4 सेंटीमीटर से लेकर 6 मीटर लंबी नालियां बनाएं या मेड के सहारे से पानी को सही नियंत्रित तरीके से सिंचाई करना चाहिए।
इसके अलावा अगर किसानों के पास पानी कम है ऐसी स्थिति स्प्रिंकलर विधि का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सिंचाई की आवश्यकता को ध्यान रखें
किसानों को अपनी फसल में सिंचाई की जरूरत का पता लगाना बहुत जरूरी है जिसके लिए किस कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखा जा सकता है। अगर किसान की फसल में पत्तियां मुरझाने लगी या फिर उसका रंग हल्का होना आरंभ हो तो किसानों को समझना चाहिए की फ़सल सिंचाई के लिए सही समय हो गया है।
इसके अलावा किसानों को अपने भूमि की मिट्टी की भी जांच कर सकते हैं जिसके लिए टेन्शियोमीटर जैसे उपकरण का इस्तेमाल किया जा सकता है। किसानों को अपनी फसल में सिंचाई हमेशा क्रांतिक अवस्थाओं में करना चाहिए। अपने पास पानी की सुविधा के अनुसार योजनाबद्ध तरीके से किसान सिंचाई करें
नोट:- किसान अपनी जमीन के अनुसार या मौसम के अनुसार सिंचाई का समय ऊपर नीचे भी हो सकता है। Irrigation Rabi Crop अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि विभाग से भी जानकारी अवश्य प्राप्त करें।
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Conclusion:- आज आपने सुपर खेती वेबसाइट पर जाना Irrigation Rabi Crop किसान गेहूं, सरसों और चना बुआई का कार्य होने पर करें समय पर सिंचाई, जानें कौन सी विधि और कब करना चाहिए। हमारे द्वारा बताई गई जानकारी कृषि विशेषज्ञों और अन्य स्त्रोत से लेकर बताया गया है। उपयोग मिलने से पहले अपने नजदीकी कृषि विभाग के विशेषज्ञों व डॉ. से एक बार अवश्य चर्चा करें। हमारे द्वारा आपको सभी अनाज मंडी भाव, मौसम की जानकारी, खेती की जानकारी और योजनाओं की जानकारी समय समय पर मिलती रहती हैं। आप हमारे साथ WhatsApp या Teligram पर भी जुड़े।
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