Kapas Ki New Variety: हाइब्रिड कपास की 5 नई वैरायटी 2025 के लिए तैयार, जानें कपास की नई वैरायटी कौन सी है

Kapas Ki Kheti: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा बीते दिनों देश भर में 61 फसलों की 109 उन्नत किस्में को जारी किया गया। जिसमें धान, सोयाबीन, चना, कपास, गेहूं, मूंगफली और अन्य वैरायटी किसानों के लिए जलवायु परिवर्तन के अनुकूल किम जारी हुई।

 

Kapas Ki 5 New Variety 2024/25: कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा देश भर के अलग-अलग हिस्सों से यह किम को विकसित किया गया बता दें कि इन 109 किस में से नई 5 कपास की हाइब्रिड की किस्म भी विकसित की गई। नागपुर में स्थित ICAR की ओर से कपास की चार किस्म को तैयार किया गया है।

 

हाइब्रिड 5 नई कपास की नई वैरायटी कौन सी है

बता दे हाल ही में जारी की गई हाइब्रिड की पांच कपास की नई वैरायटी कौन सी है। क्या-क्या विशेषताएं हैं, और इसमें पकने से लेकर कितना उत्पादन मिलेगा और रोग प्रतिरोधक क्षमता कितना रहेगा….

 

1. कपास किस्म सी आई सी आर-एच बीटी कॉटन 65 की विशेषताएं

CICR-H Bt Cotton 65 (ICAR -CICR 18 Bt): कपास की यह वैरायटी एक हाइब्रिड जिसको केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान ((ICAR) नागपुर महाराष्ट्र की ओर से विकसित किया गया है।

बुवाई वाला क्षेत्र: कपास की यह नई किस्म जो क्षेत्र वर्षा पर आधारित छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के किसानों के लिए मुख्य रूप से तैयार किया गया।

उत्पादन होगा: यह कपास की वैरायटी को बुवाई के बाद पकने में 140 दिन से 150 दिन का समय लगेगा। वहीं इसका प्रति हेक्टेयर में 16 से 17 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त होगा।

रोग प्रतिरोधी क्षमता: कपास की यह सी आई सी आर-एच बीटी कॉटन 65 किस्म में रोग के प्रति सहनशील के बात करें तो यह किस्म थ्रिप्स, जैसिड्स,लीफ हॉपर और एफिड्स का प्रकोप कम होता है। वहीं अल्टरनेरिया, जीवाणुजनित झुलसा, ग्रे फफूंद, कोरीनोस्पोरा लीफ स्पॉट और मायरोथ्सियम रोग प्रतिरोधक क्षमता माना गया है।

2. कपास की किस्म सी आई सी आर-एच बीटी कॉटन 40 की जानकारी

CICR- H Bt Cotton 40 (ICAR-CICR- PKV 081 Bt): संस्थान के द्वारा तैयार की गई यह की संधि एक हाइब्रिड किस्म को केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान (ICAR) नागपुर, महाराष्ट्र में विकसित की गई नई किस्म है।

बुवाई के लिए उपयुक्त: जो बारिश पर आधारित स्थान जैसे तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और केरल के किसानों के लिए सबसे अच्छा माना गया है।

 

कितना मिलेगा उत्पादन: विभाग के द्वारा तैयार की गई इस कपास की नई वैरायटी में बिजाई के 140 दिन से 150 दिन तक तैयार होगा वहीं इसमें उत्पादन प्रति हेक्टेयर में 17 क्विंटल से 20 क्विंटल तक का पैदावार लिया जा सकता है।

रोग प्रतिरोधक किस्म: यह कपास की वैरायटी एफिड्स, थ्रिप्स, सफेद मक्खी, जैसिड्स आदि के प्रति प्रतिरोधी माना गया है। वहीं इसके अलावा अल्टरनेरिया, ग्रे फफूंद, लीफ ब्लाइट व बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट के प्रति सहनशील होता है।

3. कपास किस्म शालिनी ( Cotton Shalini Variety) में क्या क्या विशेषताएं है

CNH 17395 (CICR-HCotton 58): यह केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान (ICAR) नागपुर, महाराष्ट्र में विकसित किया गया कपास शालिनी हाइब्रिड किस्म है।

इस कम को भी बारिश होने वाले क्षेत्र में खरीफ के मौसम में बुवाई करने वाला के लिए है। जो की एक भूरा रंग के कपास की किस्म है।

पकने में समय और पैदावार: यह कपास की किस्म को लगाने पर 160 से 165 दिन में पकेगा। जिसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 14 से लेकर 15 क्विंटल तक का पैदावार मिलेगा।

रोग से बचाव: यह कपास की नई किस्म को कोरीनेस्पोरा लीफ स्पॉट, ऑल्टरनेरिया लीफ स्पॉट और बैक्टीरियल ब्लाइट के प्रति प्रतिरोधी है। वहीं रस चूसक किट के प्रति सहनशील होगा।

4. कपास किस्म क्यूबिक सी एन एच-18529 कैसा है

CNH-18529 (CICR-H NCCotton 64): इस किस्म को केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, (ICAR) नागपुर, महाराष्ट्र में विकसित हाइब्रिड कपास किस्म है।

बुवाई के लिए उपयुक्त रहेगा: यह कपास का क्यूबिक सीएनएच-18529 किस्म महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश और गुजरात बुवाई के लिए उपयुक्त माना गया है।

सिंचाई की आवश्यकता: कपास की यह हाइब्रिड किस्म को सिंचाई वाले और वर्षा आधारित क्षेत्र में बुवाई कर सकते हैं।

पकने में समय और उत्पादन: कपास की यह वैरायटी बुवाई समय से पकने तक 160 से 165 दिन लगेगा। वहीं इसमें उत्पादन 10 से 11 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होगा।

रोग प्रतिरोधक क्षमता कितनी: ये किस्म गुलाबी सुंडी, सफेद मक्खी, थ्रिप्स, जैसिड्स, माहू और हेलियोथिस आर्मिजेरा (फली छेदक) के प्रति सहनशील माना गया है। वहीं कोरीनेस्पोरा लीफ स्पॉट, अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट, बैक्टीरियल ब्लाइट, ग्रेमिल्ड्यू व रस्ट के प्रति मध्यम प्रतिरोधी क्षमता है।

 

5. कपास पी डी के वी धवल

PDKV Dhawal (AKA-2013-8): ये एक हाइब्रिड कपास किस्म जिसको कपास पर ए आई सी आर पी, (AICRP) डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ, अकोला, महाराष्ट्र में विकसित हुआ है।

पानी की व्यवस्था: यह हाइब्रिड कपास किस्म डी के वी धवल को बारिश होने पर बुवाई कर सकते हैं।

फसल का समय और उत्पादन: यह कपास वैरायटी को पकने में 160 से 180 दिन तक पकने का समय लगता है। इसके अलावा इसमें प्रति हेक्टेयर क्षेत्र में 12 से 13 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त होगा।

रोग के प्रति सहनशील कितना: ये कपास किस्म में अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा, पत्ती हॉपर, माइरोथेसियम पत्ती धब्बा, जीवाणु पत्ती ब्लाइट, ग्रे फफूंद रोग के प्रति सहनशील माना गया है।

 

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Conclusion:- आज आपने इस आर्टिकल में जान पाए हाल ही जारी की गई 5 कपास की नई वैरायटी कौन सी है। इसमें उत्पादन क्षमता से लेकर पकने का समय और कौन-कौन से रोग से लड़ने में सक्षम होगा। इन कपास किस्म की कहां-कहां पर बुवाई करने के लिए उपयुक्त स्थान है।

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