Wheat Farming Advice: कृषि वैज्ञानिकों की एडवाइजरी, किसान बढ़ते तापमान के साथ गेहूं में करें ये उपाय, मिलेगा अच्छा उत्पादन

Gehu Ki Kheti: अबकी बार चालू रबी सीजन के दौरान किसानों के द्वारा गेहूं की फसल बुवाई करने में अधिक रुचि रखा गया है। जिसके चलते अबकी बार गेहूं उत्पादक क्षेत्र में बुवाई का रकबा बढ़ोतरी के साथ 320 लाख हेक्टेयर हुआ है।

बीते साल गेहूं की बुवाई के अलावा बीते 5 वर्ष औसत बुवाई क्षेत्र से भी इस बार अधिक क्षेत्रफल में बुवाई हुआ है। देश में गेहूं उत्पादक राज्यों मौसम अभी तक ठीक बना हुआ है। लेकिन अब आगे मौसम फरवरी और मार्च महीने में मौसम सही रहता है बंपर उत्पादन देखा जा सकता है।

अबकी बार गेहूं के उत्पादन को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्रालय ओर से 1150 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया।

वहीं जानकारों के अनुसार वर्ष 2023/24 सीजन के बीच देश में गेहूं उत्पादन 10 से 10.50 करोड़ टन का उत्पादन देखा गया। जो कि इस साल 2024/25 में 11 करोड़ के करीब हो सकता है।

Wheat Farming Advice 2025

फसल को लेकर कृषि वैज्ञानिक की ओर से अनुमान लगाया जा कि आगामी दिनों में मौसम में तापमान बढ़ सकता हैं जिसके कारण गेहूं की फसल में नुकसान देखा जा सकता है। जिसके लिए वैज्ञानिकों की ओर से किसानों को जरूरी सलाह दी गई है जिनको अपनाकर किसान फसल अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।

किसानों को कृषि वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण सलाह

Wheat Farming Advice: कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा किसानों को मौजूदा समय के दौरान हरियाणा, राजस्थान, यूपी और मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्य में तापमान अभी धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रहा है। वही फरवरी महीने के पहले सप्ताह तक अच्छी तेज गर्मी आरंभ होने वाला है। इस समय के दौरान किसानों को अपने गेहूं की फसल में अच्छे पैदावार के लिए क्या-क्या उपाय करने चाहिए इसको लेकर हरियाणा प्रदेश में स्थिति चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा किसानों कुछ जरूरी सलाह दी गई है।

  • इन दिनों मौसम में तापमान 30 से 32 डिग्री सल्सियस दिन के समय और 15 डिग्री सेल्सियस के नीचे रात के समय हो ऐसे में किसानों को घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि दिन व रात समय दोनों को मिलाकर औसत तापमान 22 डिग्री सल्सियस होता जो कि गेहूं की फसल के लिए उपयुक्त है।
  • गेहूं की फसल औसत तापमान 24 डिग्री सल्सियस तक गेहूं की फसल सहन कर सकता है इसके बाद अगर तापमान 35 डिग्री सल्सियस से भी ज्यादा हो तो गेहूं की फसल में बनने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
  • तापमान में बढ़ोतरी होने के बाद किसानों को अपनी गेहूं की फसल में जरूरत के अनुसार हल्की सिंचाई करना चाहिए। वहीं जब अधिक तेज गति से हवा चलने पर एक बार सिंचाई को रोकना चाहिए। जो किसान अपने खेत में फव्वारा सिंचाई से करते हैं उनको दोपहर के समय अधिक तापमान के समय आधे घंटे के लिए फव्वारे से सिंचाई किया जा सकता है।
  • वे किसान जिनके द्वारा गेहूं की फसल अगेती बालियां आने या फिर बालियां निकलने के समय पर पोटाशियम क्लोराइड 0.2% यानी पोटाशियम क्लोराइड 400 ग्राम को 200 लीटर पानी के साथ अच्छे से घोल बनाकर प्रति एकड़ भूमि में छिड़काव करें। ताकि अचानक तापमान में गर्मी से होने वाले नुकसान से बचाव हो। जहां पर किसानों के द्वारा पिछेती बुवाई किया गया है उनको 15 दिन के अंतराल पर पोटाशियम क्लोराइड का छिड़काव 2 बार कर सकते हैं।

गेहूं में फंगीसाइड स्प्रे का सही समय कब

कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक गेहूं के फसल में फंगीसाइड स्प्रे का उपयोग फसल के 6 से 80 दिन तक हो जाने के बाद जब झंडा पत्ता (प्लेग लीफ़) आना शुरू हो तभी करना चाहिए। गेहूं की फसल में झंडा पत्ता आने के बाद से करीब 70% भोजन बनता है।

ऐसे में किसानों को अपनी गेहूं की फसल में फंगीसाइड के रूप BASF कंपनी से प्रायक्सर, सिजेंटा कंपनी से इंपैक्ट एक्स्ट्रा या फिर कोरटेवा कंपनी से गैलीलियो वे का उपयोग करते सकते हैं। इसके अलावा किसानों को गेहूं की फसल में अगर इल्ली का असर देखने को मिल रहा है तो एमाबेक्टिन बेंजोएट का छिड़काव कर सकते हैं।

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नोट: किसानों को अपनी फसल में अधिक तापमान में आई तेजी को देखते हुए सभी समय पर सिंचाई करना चाहिए। वहीं खेत में किसी भी दवा का उपयोग से पहले नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

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