Soyabean Purchase MSP Rate: सोयाबीन किसानों के लिए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, अब होगा MSP रेट पर खरीद

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सोयाबीन की फसल एमएसपी रेट (Soyabean Purchase MSP Rate) पर खरीद को लेकर आय ताजा अपडेट, देखें पूरी खबर…

 

 

 

Soyabean Purchase MSP Rate: सोयाबीन की कीमतों में बीते करीब 2 महीने पहले केंद्र सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की कीमतों में बढ़ोतरी किया गया था। सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2024/25 जो 4892 रुपए प्रति क्विंटल किया गया। जो कि पहले 4600 रुपए प्रति क्विंटल यानी किसानों को इस बार एमएसपी रेट 292 रुपए खरीद होने पर अधिक मिलेगा।

 

 

लेकिन मौजूदा समय में सोयाबीन की न्यूनतम समर्थन पर खरीद ना होने के कारण किसानों को इससे कम रेट मिल रहे हैं। बता दे कि मौजूदा समय में सोयाबीन की कीमत ₹4000 प्रति क्विंटल करीब चल रहा है।

 

 

 

जिसको लेकर किसान काफी निराश हुए हैं। जिसको लेकर किसानों के द्वारा बीते 15 दिन से लगातार ₹6000 प्रति क्विंटल सोयाबीन की कीमत करने को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।

 

 

 

जिन-जिन राज्यों में सोयाबीन की खेती होता है वहां पर किसानों के द्वारा जगह-जगह पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। और ज्ञापन भी सौंपे जा रहे हैं। किसानों के द्वारा हो रहे विरोध प्रदर्शन के चलते केंद्र सरकार के द्वारा सोयाबीन की फसल का न्यूनतम समर्थन पर खरीद को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है।

 

बता दें कि सोयाबीन के किसानों के लिए राहत भरी खबर यह है कि केंद्र सरकार अब सोयाबीन की न्यूनतम समर्थन मूल्य Soyabean Purchase MSP Rate यानी एमएसपी कीमतों (MSP Price) पर खरीद किया जाएगा। इसको लेकर पूरी खबर क्या है। आईए जानें पूरी जानकारी के साथ…

 

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किसानों ने सोयाबीन कीमत बढ़ाने की मांग ने पकड़ा जोर 

 

बता दे सोयाबीन की कीमतों में बढ़ोतरी को मांग को लेकर किसान लगातार सोयाबीन की कीमत ₹6000 प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे हैं। जो की एक मुहिम बनती जा रही है। जिसमें राजनीतिक पार्टियों कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा के कई नेता भी समर्थन कर रहे हैं। इसी सितंबर महीने की आगामी 16 सितंबर को मध्य प्रदेश राज्य में एक बड़ा आंदोलन को लेकर किसान तैयारी कर रहे हैं।

 

 

मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश राज्य में बीजेपी भाजपा नेता इसी मुहिम में शासन को भी पत्र लिखा जा चुका है। वही दूसरी और किसान संघ भी मध्य प्रदेश राज्य में एक बड़े आंदोलन की तैयारी शुरू कर रहे और गांव में जाकर इस मुहिम को और तेज कर रहे हैं।

 

 

 

वही किसानों के माने तो सोयाबीन की खेती में लगातार कीमतों में गिरावट आ रही है। वहीं इस खेती में होने वाले उपकरणों के साथ-साथ खाद बीज और खेती में इस्तेमाल होने वाले कीटनाशक दवा का खर्चा दुगना हो गया है।

 

 

इस कारण सोयाबीन की खेती लाभ की जगह घाटे का सौदा बन रही है। यानी किसानों को सोयाबीन की फसल में आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिसके चलते उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार से सोयाबीन की कीमतों को बढ़ाने के लिए लगातार मांग कर रहे हैं।

 

 

सोयाबीन सीजन शुरू होने में कुछ समय बाकी 

 

सोयाबीन का सीजन शुरू होने में अब बहुत कम समय ही रह चुका है यानी आगामी महीने में सोयाबीन की फसल मंडियों में पहुंच जाएगा। लेकिन मौजूदा समय में सोयाबीन की कीमत 4000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास बिक रहा है। ऐसे में जैसे ही मंडी में सोयाबीन मंडी में अधिक होगा कीमत और गिर सकती है। वहीं उनको खेती में खर्ज अधिक है। और रेट कम हो गया है।जिसको लेकर किसान लगातार कीमत बढ़ाने को लेकर मांग कर रहे हैं।

 

जिसके चलते किसान लगातार सोयाबीन की कीमत ₹6000 प्रति कुंतल की मांग उठ रही है। मध्य प्रदेश राज्य में सोयाबीन की पैदावार किसानों के लिए सबसे अहम है क्योंकि यहां पर सबसे अधिक सोयाबीन की बुवाई की जाती है।

 

सरकार का सोयाबीन MSP खरीद को लेकर फैसला 

 

Soyabean Purchase MSP Rate:- सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों की इन सभी समस्याओं को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से सोयाबीन की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करने का फैसला लिया गया है।

 

 

 

कृषि विभाग ने किया आधिकारिक ट्वीट👇

 

https://x.com/AgriGoI/status/1831578481119150317?t=OiHrjJP060blxXdwRIniaQ&s=19

 

 

बता दें कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय नोडल एजेंसी को सोयाबीन न्यूनतम समर्थन मूल्य की खरीद के लिए मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत खरीद करने का दिशा निर्देश दिया गया है। जिसके चलते किसानों को अपनी सोयाबीन फसल को बेचने में कोई भी दिक्कत ना हो और उन्हें वित्तीय सुरक्षा मिल सके।

 

कौन कौन से राज्य के किसानों को मिलेगा लाभ

 

बता दें कि केंद्र सरकार के द्वारा दिए गए दिशा निर्देश में सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन Soyabean Purchase MSP Rate पर खरीद का कार्य तेलंगाना, महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्य के किसानों के लिए दिया गया है।

 

 

केंद्र सरकार के द्वारा इस फैसले बात कहां जा सकता है कि मध्य प्रदेश में किसानों के द्वारा बोई जाने वाली सोयाबीन की फसल का न्यूनतम समर्थन पर खरीद नहीं होगा। जिसको लेकर प्रदेश के किसान काफी नाराजगी है।

 

 

मध्यप्रदेश राज्य सबसे अधिक उत्पादन वाला राज्य 

 

देश में मध्य प्रदेश राज्य में सोयाबीन 𝟓.𝟒𝟕 मिलियन टन उत्पादन से पहले स्थान पर है। मध्य प्रदेश राज्य में राजस्थान और महाराष्ट्र को भी पीछे छोड़ दिया है।

 

 

भारत सरकार की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश राज्य में 5.47 मिलियन टन सोयाबीन उत्पादन से आप पहले नंबर पर पहुंच गया है।

 

 

मिले आंकड़े के मुताबिक मध्य प्रदेश राज्य में देश भर में सोयाबीन का कुल उत्पादन में योगदान 41.92% का है। मध्य प्रदेश राज्य में 2022/23 के मुकाबले में सोयाबीन बुवाई 2023 से 2024 में 1.7 प्रतिशत रकबा बढ़ा है। इसके अलावा राजस्थान प्रदेश में सोया उत्पादन में 8.96% का हिस्सा है।

 

 

बीते 2 साल में मध्य प्रदेश राज्य में सोयाबीन की पैदावार में कमी देखने को मिली जिसके चलते मध्य प्रदेश राज्य में उत्पादन कम हुआ। वही महाराष्ट्र राज्य में वर्ष 2022/2023 मैं सोयाबीन उत्पादन 5.47 मिलियन के साथ एक नंबर पर था। जो कि देश के कुल उत्पादन में 42.12% का योगदान रहा। वहीं इसी दौरान मध्य प्रदेश राज्य की बात करें तो दूसरे नंबर पर रहा और उसका उत्पादन 5.39 मिलियन टन हुआ।

 

 

महाराष्ट्र राज्य में वर्ष 2021-22 के दौरान उत्पादन 6.20 मिलियन टन के साथ पहले स्थान पर जो कि देश के कुल सोयाबीन उत्पादन में 48.7% का योगदान रहा।

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