Soyabean Ki Kitnasak Dawai: देश के कई राज्यों में सोयाबीन की खेती किया जाता है। और अब सोयाबीन की खेती में फूल आने का पहले दौर आ चुका है। बीते कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते सोयाबीन की फसल में कई तरह के किट और रोग भी देखने को मिल रहा है। इन सब को देखते हुए भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान के द्वारा इस मौसम में फसल में लगने वाले कीटों और रोको कैसे रोकथाम किया जाए इसके लिए किसानों को जरूरी सलाह जारी किया गया है। जिसके चलते किसान अपनी फसल में सही समय पर किट रोग को रोकथाम करें और उन्हें अच्छा उत्पादन मिले।
किट और रोग के लिए सोयाबीन में सबसे अच्छा कीटनाशक कौन सा है? (Soyabean Ki Kitnasak Dawai)
किसानों को अपनी सोयाबीन की फसल इस समय यानी फूल आने से पहले कई प्रकार के कीट रोग से बचाव के लिए कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा क्या सलाह दी गया है। इस आर्टिकल के द्वारा हम जानेंगे www.superkheti.com के द्वारा किट और रोग के लिए सोयाबीन में सबसे अच्छा कीटनाशक कौन सा है?। (Soyabean Ki Kitnasak Dawai) पूरी जानकारी…..
किसानों को अपनी सोयाबीन फसल में फूल आने पर किट और रोग से करें बचाव
सोयाबीन फसल में केटरपिलर का प्रकोप
Caterpillar:- मौजूदा समय में सोयाबीन की फसल में फूल आने पर या फूल आने से पहले जो इल्लिया फसल की पत्ती को खाती है। वह फूल को खाते हुए देखा जा रहा है। इसलिए किसानों को अपनी सोयाबीन की फसल की बचाव के लिए बताए गए कीटनाशकों का स्प्रे के द्वारा छिड़काव करें।
किसानों को सोयाबीन की फसल में पत्तिया खाने वाले कीट के साथ-साथ तना छेदक और सफेद मक्खी का एक साथ प्रकोप दिखाई देने पर अपनी फसल में बचाव के लिए निम्नलिखित नीचे दी गई दवा में से किसी एक का छिड़काव (Soyabean Ki Kitnasak Dawai)
करने की सलाह दिया गया है।
सोयाबीन में इल्ली की दवा कौन सी डालें
क्रमांक | कीटनाशक दवा नाम | मात्रा | क्षेत्रफल |
1. | क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 09.30% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 04.60% ZC | 200 मिली | प्रति हेक्टेयर |
2. | थियामेथोक्सम + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन | 125 मिली | प्रति हेक्टेयर |
3. | बीटासिफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड | 350 मिली | प्रति हेक्टेयर |
4. | बिफेन्थ्रिन 25% WG + एसिटामिप्रिड 25% | 250 ग्राम | प्रति हेक्टेयर |
सोयाबीन फसल में कॉटन ग्रे वीविल का प्रकोप होने पर बचाव
Cotton Gray Weevil : मध्य प्रदेश राज्य में कुछ स्थान पर सोयाबीन की फसल में “कॉटन ग्रे वीविल” और “टस्क मोथ” नमक का प्रकोप सोयाबीन की फसल में देखने को मिल रहा है। अगर अधिक प्रभाव हुआ तो इसके लिए किसानों को अपनी फसल में बचाव के लिए नीचे दिए गए कीटनाशक दवा में से किसी एक का उपयोग करना है और तना मक्खी होने पर भी इस दवा का छिड़काव कर सकते हैं।
क्रमांक | कीटनाशक दवा नाम | मात्रा | क्षेत्रफल |
1. | प्रोफेनोफोस 50 ईसी (Profenophos 50 ec) | 1 लीटर | प्रति हेक्टेयर |
2. | क्विनालफोस 25% ईसी (Quinalphos 25 ec) | 1 लीटर | प्रति हेक्टेयर |
3. | इन्डोक्साकार्ब 15.8% ईसी (Indoxacarb 15.8 EC) | 333 मिली | प्रति हेक्टेयर |
4. | आइसोसायक्लोसरम 9.2 WW.DC (10% W/V) | 600 मिली | प्रति हेक्टेयर |
सोयाबीन में रस चूसने वाले किट का प्रकोप होने पर बचाव
Sucking Insect: सोयाबीन की फसल में रस चूसने वाले “जेवेल बग” नामक कीट देखने को मिलता है। जिसका प्रभाव फसल फिर भी देखने को मिल रहा है। इसका अधिक फसल पर प्रकोप हो उसके बचाव के लिए किसानों को जो पहले से ही मिश्रण में कीटनाशक है। उनका उपयोग में लाया जा सकता है। जोकि निम्नलिखित नीचे दिया गया है इसमें से किसी एक का इस्तेमाल करना होगा।
क्रमांक | कीटनाशक दवा नाम | मात्रा | क्षेत्रफल |
1. | थायोमेथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 9.5% जेडसी (thiamethoxam 12.6 + lambda cyhalothrin 9.5 zc) | 125 मिली | प्रति हेक्टेयर |
2. | बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (Betacyfluthrin + Imidacloprid) | 350 मिली | प्रति हेक्टेयर |
3. | आइसोसायक्लोसरम 9.2 WW.DC (10% W/V) DC (Isocycloceram 9.2 WW.DC) | 600 मिली | प्रति हेक्टेयर |
सोयाबीन फसल पर घोंघे एवं स्लग का प्रकोप देखना
Snails And Slugs: सोयाबीन की फसल में महाराष्ट्र राज्य के मराठवाड़ा हिस्से पर बीते कुछ सालों से घोंघे का फसल पर प्रकोप देखने को मिला है। यानी जैसे गोगलगाय (Snails-Slugs) कहा जाता है। इसके प्रभाव से सोयाबीन फसल में हर समय निगरानी रखने की बहुत आवश्यकता है। और अगर जरूरत होने पर कीटनाशक का छिड़काव भी बहुत जरूरी हो जाता है।
इससे निपटने के लिए किसानों को मेटालडिहाइड 2.5% सूखे पेलेट का गुड में मिला लें। और एक जुट की बोरी (बोरा) ले और इसमें भिगोकर अपने खेत में रात के समय पर रखें और अगले दिन खेत में जाकर इसका निरीक्षण करना होगा। इसके अलावा सुरक्षा के लिए अपने खेत के चारों ओर छूने की एक लकीर बनाएं जिससे घोंघे को आने से रोका जा सके।
अगर सोयाबीन की फसल में किसानों को इसका अधिक प्रकोप दिखाई दे तो इसको रोकने के लिए जो निम्नलिखित नीचे दी गई कीटनाशक का छिड़काव फसल और जमीन पर किसी भी एक कीटनाशक का छिड़काव करें।
क्रमांक | कीटनाशक दवा नाम | मात्रा | क्षेत्रफल |
1. | मैलाथियान 50.00% ई.सी. (Malathion 50.00% EC) | 1500 मिली | प्रति हेक्टेयर |
2. | इंडोक्साकार्ब 15.80% ई.सी. (Indoxacarb 15.80% EC) | 333 मिली | प्रति हेक्टेयर |
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सोयाबीन फसल पर सफेद गुबरैले का असर
White Ladybugs: देश के महाराष्ट्र राज्य के बुलढाना जिले में बीते कई दिनों से कुछ हिस्सों पर बारिश नहीं हुआ है और सफेद सुंडी का प्रकोप सुखी जमीन पर देखने को मिला है। इसके बचाव के लिए भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान के द्वारा किसानों को अपने खेत में लाइट ट्रैप लगाए। और जो व्हाइट ग्रब के वयस्कों को इकट्ठा कर नष्ट कर दे। किसानों को इसके अलावा अपनी सोयाबीन फसल में प्रति हेक्टेयर परबीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड 350 ml (मिली) की मात्रा से पौधों के बीज अच्छे से छिड़काव करें।
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नोट: किसान भाइयों को हम बताना चाहेंगे कि आज हमने जो भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान के द्वारा जारी की गई सोयाबीन में लगने वाले किट और रोग के जो कीटनाशक या बचाव के बारे में जानकारी दिया है। लेकिन फिर भी किसान इन कीट नियंत्रण में कीटनाशक दवा के छिड़काव से पहले जुड़ी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क जरुर करना चाहिए।
Conclusion:- आज हमने आपको इस आर्टिकल में किसानों को सोयाबीन फसल में लगने वाले किट और रोग जैसे :- केटरपिलर, सफेद गुबरैले, स्लग, घोंघे, कॉटन ग्रे वीविल,टस्क मोथ के बारे में भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान के द्वारा जारी की गई (Soyabean Ki Kitnasak Dawai) कीटनाशक दवा की सलाह के बारे जानकारी दिया गया।