Soybean Future 2025: हमारे देश में सोयाबीन उत्पादक किसानों को सोयाबीन की कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद, जानें 2025 में सोयाबीन का भविष्य क्या रहेगा?, Soyabean Ka Bhavishya 2025, क्या कीमत होगा 6000 रुपए प्रति क्विंटल, जानें पूरी डिटेल
2025 में सोयाबीन का भविष्य क्या रहेगा?,(Soyabean Ka Bhavishya 2025)
देश में सोयाबीन के भाव को लेकर व्यापारी व किसान दोनों ही चिंता दिखाई दे रहे हैं। अबकी बार किसानों के द्वारा सोयाबीन फसल में बढ़ती हुई लागत के चलते सोयाबीन कम मात्रा में बिक्री किया है। और उम्मीद करते हैं कि सोयाबीन की कीमत में बढ़ोतरी होगा।
वही दूसरी तरफ व्यापारियों के द्वारा सीजन आरंभ होने के समय पर ही अधिक कीमत पर सोयाबीन की खरीदारी कर स्टॉक किया।
वहीं अब कुछ हालात सुधरता हुआ दिखाई जरूर दिया है। व्यापार विशेषज्ञों के मुताबिक सोयाबीन के भाव में आगामी दिनों में कुछ सुधार दिखाई दे सकता है। पर यह हालत कितना समय तक बना रहेगा। यहां फिर कीमत कब तक स्थिर होगी। इसका बिल्कुल ठीक से अंदाज़ा लगाना कठिन है।
वहीं दूसरी तरफ किसानों के मुताबिक सोयाबीन की खेती में खर्च काफी बढ़ चुका है और कीमतें अगर 6000 रुपए प्रति क्विंटल से नीचे रहता है तो उन्हें नुकसान होने वाला है। सोयाबीन का भाव यहां पर देखें 👉 सभी सोयाबीन मंडी भाव
बता दें कि भारत की ओर से खाद्य तेलों के आयात पर कुछ समय पूर्व शुल्क कम किया जिसके विपरीत असर से मलेशिया व इंडोनेशिया जैसे देशों की ओर से भारत में पाम ऑयल कम कीमत पर बड़ी मात्रा में बेचने लगे।
जिस पाम ऑयल को कुछ ही देश में खाने में उपयोग किया जाता है। वह भारत के बाजार में अचानक से बाढ़ आ गया। बीते महीने के दौरान पाम ऑयल में आयात की 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गया। और इसकी मात्रा लगातार में वृद्धि हो रही है।
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पाम ऑयल आयात 1 लाख करोड रुपए की उम्मीद
देश में तकरीबन बीते साल पाम ऑयल आयात 93096 करोड रुपए का हुआ था। जो कि इस वर्ष में यह संख्या अधिक होकर 1 लाख करोड रुपए से अधिक होने की संभावना है। जिस कारण से देश में बड़े स्तर पर आयात के चलते करोड़ों की संख्या में तिलहन उत्पादन करने वाले किसानों के साथ-साथ उद्योग से जुड़े हुए उद्योगपतियों को भी पूरी तरह से असर हुआ है
पाम ऑयल की तरह ही इसके अलावा भारत में 71000 करोड़ रुपए से ज्यादा का आयात अन्य खाद्य तेलों हो रहा है। और यह अन्य खाद्य तेल जो भारत में स्वदेशी तरीके से उत्पादन हो सकता है। जिससे उद्योगों के साथ-साथ किसानों को भी बढ़ावा मिलेगा।
खाद्य तेलों का बढ़ता आयात के चलते भारत देश में किसानों के साथ तेल उद्योग को बड़ी मुश्किल में पहुंचा दिया है। क्योंकि खाद्य तेलों का आयात अधिक मात्रा में होने के चलते घरेलू बाजार में इसके दाम में लगातार गिरावट हो रहा है।
जिसके चलते किसानों को सोयाबीन फसल व अन्य तलहनी फसलों के खेती करने में भारी नुकसान देखा जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप देश की कई तेल एक्सट्रैक्शन यूनिट्स (इकाइयां) बंद होने के स्तर पर पहुंच गई है।
देश के पंजाब राज्य में स्थित लुधियाना जैसे औद्योगिक शहरों में तेल निकालने वाली मशीन बनाने में काम करने वाली सैकड़ो इकाइयां बहुत ही काम कार्य कर रहा है। क्योंकि इसके नए ऑर्डर नहीं मिल पा रहा।
बता दें कि किस के साथ उद्योग जगत की ओर से आरोप है कि केंद्र सरकार की पॉलिसी के चलते मलेशिया व इंडोनेशिया के किसानों को लाभ प्राप्त हो रहा है। वहीं इसके असर से भारतीय किसान व उद्योग प्रभावित हो रहे हैं।
Soyabean Ka Bhavishya 2025: वहीं केंद्र सरकार के ऊपर दूसरा यह आरोप है कि देश में सस्ते आयात के चलते अन्य तेलों के बाजार में भी असर हो रहा है। बता दें कि सरकार की ओर से खाद्य तेलों के आयात पर शुल्क को लगाकर स्थिति को सुधारने का कार्य तो किया है। लेकिन इस कदम के चलते उम्मीद जताई जा रही है। कि घरेलू उत्पादकों को कुछ राहत मिलेगा। लेकिन इसके साथ-साथ इसमें बदलाव में समय लगेगा। व्यापार अपने विवेक से निर्णय लें कर करें।
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Conclusion :- आज आपने सुपर खेती वेबसाइट पर जाना (Soyabean Ka Bhavishya 2025) 2025 में सोयाबीन का भविष्य क्या रहेगा?, क्या कीमत होगा 6000 रुपए प्रति क्विंटल, जानें पूरी डिटेल । व्यापार करने से पहले एक बार अपने आसपास नजदीकी मंडी से भाव की पुष्टि जरूर करें। भाव में बदलाव हो सकता है व्यापार अपने विवेक से करें। हर रोज सभी मंडी भाव, मौसम की जानकारी, सरकारी योजना, खेती की जानकारी प्राप्त करें। आप हमारे साथ WhatsApp या Teligram पर भी जुड़े।

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