जानें सरसों की फसल का सही सिंचाई का समय, ओर तरीका क्या है, Sarso Irrigation Time अपडेट
Sarso Irrigation Time: हमारे देश में किसान सरसों की खेती बड़े स्तर पर रबी के मौसम में किया जाता है और इस दौरान किसानों के द्वारा अपनी फसल में सही समय पर और सही मात्रा में पानी देना आवश्यक नहीं तो फसल होना आज के समय में मुश्किल है। क्योंकि सही समय पर बारिश का ना होना सबसे बड़ा कारण है जिसके चलते सही समय पर फसल को पर्याप्त मात्रा में नमी नहीं मिल सकती है।
सरसों की खेती वैसे तो किसानों के द्वारा पुराने समय से लगातार करते आए हैं तो उन्हें पता रहता है कि सरसों की फसल में कब तक बनी का सिंचाई करना चाहिए लेकिन किसानों को सही सिंचाई करने पर उन्हें अच्छा उत्पादन प्राप्त होगा इसके लिए हम आपको पूरी जानकारी देने वाले हैं कि सरसों की फसल में कितना सिंचाई करना चाहिए और कब और कितनी मात्रा और कौन सी प्रक्रिया से सरसों की फसल में सिंचाई करने से अधिक लाभ प्राप्त होगा।
सरसों की खेती के लिए कितना सिंचाई करें
किसान सरसों की फसल में चार सिंचाई दे सकते हैं। किसानों को सरसों की बुवाई के समय पहली सिंचाई वहीं दूसरी सिंचाई का समय 25 से 30 दिन बाद करना चाहिए वहीं सरसों के फूल आने पर तीसरी और फली बनते समय चौथी सिंचाई करना चाहिए।
सरसों की फसल में किसान सिंचाई के समय को अगर दोनों के अनुसार देखा जाए तो बुवाई से पहले पहली सिंचाई करना चाहिए। फसल की बुवाई करने की 25 से 30 दिन बाद दूसरी सिंचाई, फसल के 45 से 50 दिन होने के बाद तीसरा सिंचाई और बुवाई के बाद 70 से 80 दिन पर अंतिम सिंचाई करना चाहिए।
सरसों फसल सबसे पानी कब दे
किसानों ने जहां पर सरसों की बुवाई किया है और पानी की पर्याप्त सुविधा है तो किसान पांचवी सिंचाई एक्सपर्ट्स के मुताबिक दाना पकते समय कर सकते हैं। अगर किसान अपने खेतों में सरसों की बुवाई करते समय फुव्वारा विधि से सिंचाई कार्य करते हैं तो इससे पानी कम खर्च होने के साथ-साथ फसलों को भी अधिक लाभ मिलेगा और पौधों की वृद्धि व ग्रोथ अच्छी होगी। और इसके अलावा दाने का आकार मोटा व बड़ा भी बनता है।
इसके अलावा किसान ध्यान दें कि जहां पर पर्याप्त मात्रा में पहले से ही नमी है वहां पर सिंचाई का कार्य एक बार रोक सकते हैं और अपने फसल के अनुसार और समय के अनुसार ही सिंचाई करें।
किसानों को सरसों की फसल में खरपतवार के अलावा कीट रोग से भी काफी नुकसान होता है। जिसके चलते आरा मक्खी और पेन्टेड बाग जो की सरसों फसल उगाव के एक सप्ताह से 10 दिन में अधिक नुकसान पहुंचती है।
और अगर किसान इस किट की समय पर बचाव ना करें तो फिर सरसों की पूरी फसल भी चौपट हो सकता है ऐसे में किसानों को इस किट की रोकथाम करने के लिए मिथाइल पैराथियोन 2% या फिर एंडोसल्फान 4 % आ छिड़काव करें। जिससे किसानों को आरा मक्खी व पेन्टेड बग का सरसों को सुरक्षा मिलेगा।
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सरसों फसल में अन्य कीट बचाव
सरसों के फसल में मोयला किट का भी काफी प्रकोप देखने को मिल सकता है। जिससे उन्हें फसल में काफी नुकसान भी रहता है बता दें कि इस माहू, चेपा, एफिड किट भी कहा जाता है। यह मुख्य रूप से सरसों की फसल में जब फूल आना शुरू हो और मौसम में अधिक नमी के चलते अपना प्रकोप दिखाती है और यह देखने में काले पीले हुए हरे रंग के भी होते हैं जो कि पौधों की अलग-अलग हिस्सों में पत्तियां शाखाओं, फूल या फलियों को भी रस चूस कर नुकसान पहुंचाते हैं।
किसानों को सरसों की फसल में इस किट की नियंत्रण करने के लिए इपीडाक्लोराप्रिड की 500 एमएल या फिर 250 मिली फास्फोमीडोन 85 डब्ल्यूसी या फिर इसके अलावा 1.25 लीटर मैलाथियोन 50 ईसी को 500 लीटर पानी में घोल बनाकर एक सप्ताह के अंतराल पर 2 बार छिड़काव करना चाहिए।
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किसान भाई सरसों फसल में सिंचाई से जुड़ी हुई अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने नजदीकी कृषि विभाग में संपर्क करके जानकारी ले सकते हैं।