Paddy Crop Residue Management: धान के किसान ध्यान दें, पराली जलाने पर किला नंबर होगा लाल स्याही से चिन्हित, कृषि विभाग दी गई सलाह

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धान की खेती का कटाई का कार्य जोर-शोर से आरंभ है। और वहीं कुछ स्थानों पर अभी से किसानों के द्वारा धान फसल अवशेष यानी पराली जलाने के मामले भी देखने को मिले हैं। Paddy Crop Residue Management ऐसे में अगर आपने भी धान की खेती की है और आप धान के अवशेष या पाली को जलाते हैं तो आपके खिलाफ उचित कार्रवाई हो सकता है। इसके अलावा जिन किसानों के द्वारा ऐसे करते हुए पाया जाता है तो उनके जमीन के किला नंबर पर पटवारी के द्वारा रिकॉर्ड में लाल स्याही से चिन्हित किया जाएगा।

Paddy Crop Residue Management

इसके अलावा कृषि विभाग के द्वारा चलाई जा रही किसान कल्याण योजना में स्कीम का लाभ भी उन किसानों को नहीं मिल पाएगा। ऐसे में किसानों को अपनी फसल अवशेष को सही से निपटान करना चाहिए।

धान के किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए सरकार सीआरएस योजना में जो किसान ऑनलाइन पंजीकरण करवाते हैं तो 1 हजार रुपए का प्रति एकड़ प्रोत्साहन के लिए अनुदान मिल रहा है।

 

11 अक्टूबर 2024 शुक्रवार को फसल अवशेष प्रबंधन अभियान के लिए सफीदों उप मंडल में लघु सचिवालय स्थित सभागार में पटवारी सरपंच नंबरदार हुआ ग्राम सचिव के साथ एक बैठक की गई जिस दौरान सफीदों खंड के वीडियो नरेश कुमार और कृषि विभाग के अन्य कर्मचारी व अधिकारी भी मौजूद रहे।

फसल अवशेष जलाने से भूमि में हो रहा नुकसान

बता दें कि इस बैठक के दौरान सफीदों के नए तहसीलदार विकास कुमार की अध्यक्षता में जनप्रतिनिधि व अधिकारियों को बताया गया की फसल अवशेष में आग लगने से किसानों को अपनी भूमि भी खराब हो रहा है और इससे भूमि में जो मित्र कीट होते हैं वह खत्म हो जाता है और आसमान में हवा भी दूषित हो रही है जिससे व्यक्तियों को शारीरिक बीमारियों का कारण भी हवा से होता है।

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किसान फसल अवशेष को मिलाएं मिट्टी में

फसल अवशेष प्रबंधन अभियान के तहत उन्होंने आगे कहा कि आधुनिक कृषि यंत्रों के माध्यम से किसान अपने फसल में केवल धान की फसल के अवशेष ही नहीं अन्य फसल के अवशेष को भी मिट्टी में मिला सकते हैं और गेहूं की आगामी फसल के लिए बुवाई समय पर कर सकते हैं। और इसे खर्च भी कम होगा और आगामी फसल में उत्पादन में अच्छा मिलेगा।

Paddy Crop Residue Management: किसान अपने भूमि में फसल अवशेष को सुपर सीटर की सहायता से प्रबंध कर सकते हैं और गेहूं की बुवाई का कार्य भी हो सकता है ऐसे में किसान अपने भूमि में फसल अवशेष पूरी तरह से भूमि में मिल जाएगा और उससे उत्पन्न होने वाली और उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी।

धान की फसल अवशेष के लिए किसानों को मशीनों से प्रबंधन करने पर ₹1000 प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि सरकार की ओर से दिया जा रहा है और यह लाभ लेने के लिए किसान ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। जिसके चलते किसानों को agriharyana.gov.in पर 30 नवंबर तक रजिस्ट्रेशन करना होगा।

 

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