नई सरसों की आवक में वृद्धि, सरसों खरीदने या बेचने से पहले यह रिपोर्ट देखें, सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट

मीलों की पुराने सरसों की मजबूत मांग और टाइट उपलब्धता से सरसो में बढ़त आई। मंडियों में अब पुराने सरसों की आवक सिमित रह गई है जबकि नई सरसो की आवक शुर हो गई है।

सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट

नई सरसो को दैनिक आवक 2 लाख बोरी तक पहुंची। फरवरी महीने में कच्ची घानी करीब करीब 10 रुपये प्रति किलो बढ़ चूका है। आयातित तेलों की टाइट सप्लाई के चलते सरसो तेल की मांग बढ़ी

वहीं इस बीच सरसों खल में मात्र 50-60 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़त दर्ज की गई। जनवरी महीने में सरसो डीओसी की निर्यात में 84% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार जनवरी महीने में भारत ने 1.31 लाख टन सरसो डीओसी निर्यात किया।

फरवरी महीने में आमतौर पर सरसो, सरसो तेल में तेजी का माहौल बनता है। इसलिए इस बार की तेजी कोई आश्चयेजनक नहीं थी।

लेकिन क्या यह तेजी मार्च में टिकेगी जब आवक बढ़ेगी और दबाव बनेगा?। जानकारों का मानना है की इस तेजी में मिलें अपने तेल के सौदे बेचकर निकल जाएंगे।

नई सरसो की आवक अभी २ लाख बोरी तक ही पहुंचेगी है जो आगे चलके 8 से 10 लाख बोरी तक पहुंच सकती है।

इसलिए यहाँ से अब जो तेजी आएगी वो सरसो के सीज़न को खराब ही करेगी क्यूकि ऊँचे में माल लेकर व्यापारी फस सकते हैं सरसो में लम्बी अवधि में ध्यान तेजी का ही है इसलिए मार्च अंत तक जो भी करेक्शन मिले उसमे नई सरसो स्टॉक कर सकते हैं। व्यापार अपने विवेक से करें।

Conclusion: आज आपने सुपर खेती पर जाना नई सरसों की आवक में वृद्धि, सरसों खरीदने या बेचने से पहले यह रिपोर्ट देखें, सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट। सभी किसान व व्यापारी अपना व्यापार अपने विवेक से करें क्योंकि आने वाले समय के फसल की मांग, मौसम की स्थिति, सरकार के फैसले पर फसल में तेजी या गिरावट आती है। व्यापार में किसी तरह के हानि के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे। ऐसे में व्यापार अपने विवेक से करें।

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