Mustard Sowing Advisory: किसानों को सरसों मटर, गाजर की अगेती बुवाई के लिए पूसा ने जारी की एडवाइजरी, जानें अगेती वैरायटी की डिटेल

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पूसा के वैज्ञानिकों के द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में सरसों, मटर और गाजर बुवाई की जानकारी, जानें Mustard Sowing Advisory डिटेल

Mustard Sowing Advisory: खरीफ सीजन समाप्त होने जा रहा है और किसने की ओर से अब गेहूं से पहले सरसों की बुवाई का कार्य शुरू होगा। ऐसे में किसानों को सरसों की फसल के लिए अगेती बुवाई के लिए पूसा के कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा एडवाइजरी जारी किया गया है। जिसमें किसानों को अपनी सरसों की फसल की बुवाई के लिए समय सही, कौन सी वेराइटी का लगाना चाहिए और इसी देखभाल, व बीज उपचार की पूरी जानकारी लिए आइए जानते हैं कृष‍ि वैज्ञान‍िकों ने एडवाइजरी…

सरसों के किसानों को अपनी भूमि में बुवाई के लिए पूसा कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा अगेती वैरायटी जैसे :-
1. पूसा सरसों 28
2. पूसा सरसों 25
3. पूसा सरसों-26
4. पूसा अगर्णी
5. पूसा तारक
6. पूसा महक

Mustard Sowing Advisory: कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा किसानों को अगेती सरसों की बुवाई ऊपर दिए गए किस्म को लगाए। इसके अलावा किसानों को अपनी भूमि में बुवाई से पहले अच्छी तरह से खेत को तैयार करना और बीच की व्यवस्था करना बहुत जरूरी है।

किसान सरसों की बिजाई कब तक करें

किसानों को सरसों की बिजाई को लेकर कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक सितंबर महीने की लास्ट सप्ताह से शुरू करें और जो की अक्टूबर महीने की शुरुआती 15 दिन तक पूरा करें। 1 एकड़ में सरसों का पर्याप्त सरसों बीज 1 किलो बताया है।

 

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किसान मटर की फसल लगाने की सलाह

Pea Mustard Sowing Advisory:- वही इस मौसम में किसानों के लिए कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक मटर की अगेती खेती की भी बुवाई कर सकते हैं। जिसमें किसानों को उन्नत किस्म पूसा की प्रगति का चुनाव कर सकते हैं।

किसानों को बीज को बुवाई करने से पहले 2 ग्राम प्रति किलो बीज को थायरम या केप्टान से बीज उपचार करना चाहिए। इसके अलावा विशेष राईजोबियम का टीका को जरूर लगाना चाहिए। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक किसानों को गुड़ के पानी को अच्छे से उबालकर ठंडा करें और उसमें हर जो राईजोबियम से बीज उपचार के साथ मिलाकर उपचारित करें। और फिर छाया वाले स्थान पर सूखने के लिए रखें और अगले दिन बुवाई करें।

 

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किसान गाजर की खेती बुवाई के लिए सलाह

Carrot Mustard Sowing Advisory: पूसा की ओर से जारी की गई एडवाइजरी के मुताबिक किसान इस मौसम में गाजर की बुवाई मेड पर कर सकते हैं। जिसके लिए उन्नत कि पूसा रूधिरा को लगा सकते हैं। किसान गाजर की बिजाई से पहले बीज को 2 ग्राम प्रति क‍िलोग्राम केप्टान से बीज उपचार करना चाहिए।

इसके अलावा किसान गाजर की फसल के लिए अपने जमीन में देसी खाद, फास्फोरस, पोटाश अवश्य डालें। किसानों को गाजर की खेती के लिए बुवाई का कार्य मशीन के द्वारा किया जाए तो बीज की मात्रा 1 किलो प्रति एकड़ ही रहेगा। जिससे बीज भी कम लगेगा और उत्पादन भी अच्छा मिलेगा।

 

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फसल में दीमक के लिए क्या करें

किसानों के द्वारा सब्जी की खेती देश भर में साल भर किया जाता है और इस मौसम में दीमक का प्रकोप सब्जी की फसल में होने की आसार हैं। ऐसे में किसान अपनी फसल में सही समय पर देखभाल करते रहना चाहिए।

किसानों को अपनी सब्जी की फसल में दीमक का प्रकोप देखने को मिले तो इसकी रोकथाम के लिए क्लोरपाइरीफॉस 20 ई सी दवा को प्रति लीटर पानी में 4.0 मिलीलीटर सिंचाई जल के साथ देनाचाहिए।

किसानों को अपने सब्जी या फसल की खेती में सफेद मक्खी या फिर रस चूसक किट का असर देखने को मिले तो इसकी रोकथाम में इमिडाक्लोप्रिड कीटनाशक दवा को छिड़काव करें।

फसल में फल छेदक से बचाव करना

किसानों ने अगर बैंगन या मिर्च की खेती की है और फसल में शीर्ष छेदक, फल छेदक या फिर पत्तागोभी में डायमंड बेक मोथ का प्रकोप ज्यादा देखने को मिले तो इसकी रोकथाम में स्पेनोसेड दवा को 1.0 ml प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

टमाटर की फसल में विषाणु रोग

अगर किसानों ने टमाटर या मिर्च की खेती की हुई है और विषाणु रोग से पौधे जमीन में दबा देना चाहिए। वहीं अगर अधिक प्रकोप दिखाई दे तो इसकी रोकथाम के लिए प्रति लीटर पानी में 0.3 ml इमिडाक्लोप्रिड़ का छिड़काव करें।

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