यूपी राज्य के किसान के द्वारा सरसों की खेती बिना पानी से लहलहा रही फसल से हर कोई हैरान है। बता दें कि किसान उमानाथ मिश्र के द्वारा अपने खेत में सरसों की बुवाई किया जो कि अब अच्छी स्थिति में खड़ी है। उन्होंने कहा कि उनके परिवार के द्वारा हमेशा से खेती कर रहा है। लेकिन अबकी बार सरसों की 1 खास किस्म पीएम -32 को नवंबर महीने में बुवाई किया किया गया। जो कि अब तकरीबन 70 दिन का हो चुका है।
Mustard Pusa Mustard 32 Variety
इसमें 6 फिट की हाइट के साथ भरपूर फलिया से फसल अच्छी तरह खड़ी है। वही इस सरसों के फसल में मुख्य बता यह हैं अभी तक 1 भी सिंचाई नहीं किया गया। क्योंकि उनके पास सिंचाई कि कोई सुविधा नहीं है। वही अब सरसों फसल पकने के स्टेज पर आ पहुंची है। उनको उम्मीद है कि इस फसल से प्रति हेक्टेयर 15 क्विंटल का पैदावार मिल सकता है।
किसान को मुफ्त में मिला बीज
बता दें कि किसान उमानाथ मिश्र उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के मुताबिक जनपद बलरामपुर के विकास खंड पचपेड़वा के ग्राम ढबोलिया में खेती करते हैं। उनके द्वारा रबी सीजन में सरसों की खेती करने में पीएम -32 किस्म का उपयोग किया। ओर यह किस्म का बीज उनको सरकार के द्वारा मिनीकिट में निःशुल्क प्रात हुआ था।
सरसों की वैरायटी पीएम -32 को लेकर आईसीएआर के मुताबिक यह 142 दिन में पककर तैयार होता है। वही किसान उमानाथ मिश्र के के कहे अनुसार सरसों का फसल 70 दिन के करीब ओर 6 फिट के साथ अच्छी तरह से फलियों से भरा हुआ है।
बगैर सिंचाई सरसों 6 फिट का ऊंचाई
खेती को लेकर किसान उमानाथ मिश्र ने बातचीत में बताया कि पानी की सुविधा न होने से उनके द्वारा कम सिंचाई के साथ खेती करने के बारे में सोच रहे थे। जिसके चलते उनके द्वारा सरसों की किस्म PM-32 का बुवाई किया गया। बीना सिंचाई करने पर भी सरसों की ऊंचाई 6 फिट हो गई है। और फलियां भी अच्छी बन गई है। पीएम -31 किस्म कम पानी के साथ अधिक गर्मी के मौसम को झेलने में सक्षम होता है।
प्रति हेक्टेयर कितना उत्पादन की उम्मीद
सरसों के इस फसल को लेकर किसान उमानाथ मिश्र के अनुसार प्रति हेक्टेयर भूमि में 15 क्विंटल के करीब उपज मिलने की संभावना है। वहीं दूसरी ओर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के मुताबिक इस सरसों की किस्म पीएम -32 का प्रति हेक्टेयर भूमि में सही तरीके से ओर सही समय पर करने के साथ-साथ सिंचाई व उर्रवकों का उपयोग से 27.10 क्विंटल उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। ICAR -पूसा की ओर से विकसित किया गया पीएम-32 किस्म को पूसा मस्टर्ड 32 भी कहते हैं।
अधिक गर्म क्षेत्र व कम सिंचाई में उपयुक्त
Mustard Pusa Mustard 32 Variety: बता दें कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के मुताबिक पीएम-32 (पूसा मस्टर्ड) सरसो की किस्म कम इरुसिक एसिड वैरायटी जिसको उत्तर भारत के कई हिस्सों में खेती करने के लिए उपयुक्त माना जाता है। रबी सीजन के दौरान सरसों के इस किस्म को राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, जम्मू, कश्मीर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा हिमाचल प्रदेश के मैदानी हिस्सों में बुवाई कर सकते हैं। इस सरसों किस्म में अधिक गर्म तापमान के साथ कम सिंचाई वाले क्षेत्रों में भी बुवाई कर सकते हैं।

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