Cotton Price 2025: नरमा व कपास की कीमत को लेकर हर कोई जानना चाहता है कि आगे भाव बढ़ेगा या नहीं। कपास के भाव मौसम, सरकार की नीतियों के साथ-साथ, अंतरराष्ट्रीय बाजार में आपूर्ति व मांग पर निर्भर करता है। ऐसे में Kapas Bhav Bhavishya 2025 कपास की कीमत आगामी दिनों में मौजूदा समय के ट्रेंड में विशेषज्ञों के मुताबिक बढ़ोतरी होने की संभावना है। जिस कारण से व्यापारियों व किसानों को एक बार फिर उत्सुकता बढ़ गई है।
नरमा कपास की कीमत (Narma Kapas Bhav Bhavishya 2025)
मौजूदा समय में अपेक्षाकृत कम आपूर्ति के चलते घरेलू बाजार में कपास की कमी हो रहा है। जिसके चलते इसकी कीमत में बढ़ोतरी होने की संभावना जताई है।
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जलवायु परिवर्तन का असर
बता दें कि देश कि कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र और गुजरात भारत के प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में से एक है और इन राज्यों में कपास का खेती या यूं कहें कि कपास उत्पादन मुख्य रूप से वर्ष पर निर्भर रहता है। वहीं राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में भी कपास का अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है।
वही इस साल अल नीनो के असर से मौसम में बड़े बदलाव देखने को मिले। जिसका कपास के उत्पादन में नकारात्मक प्रभाव भी देखा गया। कपास के उत्पादन में गिरावट के चलते घरेलू बाजार में आपूर्ति कम हुआ है। जिसके चलते कपास के दाम में बढ़ोतरी होने की संभावनाएं भी अधिक हो गया है।
इस सीजन में बीते दिनों राजस्थान प्रदेश की कुछ मंडियों में नरमा की कीमत 7700 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक और इसके करीब दर्ज किया गया। वहीं हरियाणा राजस्थान की मंडी में देसी कपास की कीमत भी 7500 से 8000 के बीच खरीद हो रहा है।
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वर्ष 2025 की जनवरी महीने में कपास की कीमत में तेजी देखा जा रहा है। बता दे की महाराष्ट्र के अधिकतर कपास मंडी में कपास की कीमत न्यूनतम, उच्चतम और औसतन कीमत एमएसपी रेट से अधिक दर्ज की जा रही है।
बता दे की महाराष्ट्र में सबसे अधिक कपास का कीमत अकाउंट मंडी में देखने को मिला। महाराष्ट्र राज्य में मंडियों की कॉटन आवक बंपर हो रहा है लेकिन कीमत में फिर भी ऊपर चल रहा है।
21 जनवरी 2025 मंगलवार को सबसे अधिक आवक की बात करें तो अर्वी मंडी में 3736 क्विंटल दर्ज किया गया। वहीं सरकार के द्वारा मार्केटिंग सीजन 2024-25 मीडियम स्टेपल कॉटन का MSP रेट 7121 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया। वहीं इसके अलावा लॉन्ग स्टेपल कॉटन रेट सरकार ने 7521 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। किसानों को कीमतों में आई तेजी से लाभ पहुंच रहा है।
बता दे कि 21 जनवरी 2025 को महाराष्ट्र एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के मुताबिक मीडियम स्टेपल कपास का रेट नीचे दिया गया है।
- महाराष्ट्र राज्य की अकोट मंडी में आवक 3365 क्विटल, न्यूनतम रेट 7245 रुपए, अधिकतम रेट 7785 रुपए और औसत कीमत 7700 रुपए प्रति क्विंटल।
- घाटंजी मंडी में आवक हुई 1900 क्विंटल की न्यूनतम भाव 6900 रुपए, उच्चतम भाव 7050 रुपए, वहीं औसत कीमत 7000 रुपए प्रति क्विंटल।
- अकोला मंडी में कपास आवक रही 1493 क्विंटल , न्यूनतम रेट 7408 रुपए, अधिकतम रेट 7586 रुपए, और औसत कीमत 7421 रुपए प्रति क्विंटल।
- किल्ले धारूर मंडी में आवक रही 3006 क्विंटल, न्यूनतम रेट 7383 रुपए, अधिकतम रेट 7421 रुपए, और औसत भाव 7421 रुपए प्रति क्विंटल।
- फूलांबरी मंडी में आवक हुई 2194 रुपए, न्यूनतम भाव 7150 रुपए , अधिकतम रेट 7550 रुपए और औसत भाव 7281 रुपए प्रति क्विंटल ।
- अर्वी मंडी में आवक हुई 3736 क्विंटल, न्यूनतम भाव 7150 रुपए, अधिकतम भाव 7280 रुपए, वहीं औसत कीमत 7200 रुपए प्रति क्विंटल।
क्यों कपास की कीमत में आ रही है तेजी?
बता दे कि हमारे देश में नरमा कपास की खेती कई राज्यों में किया जाता है। लेकिन हर साल के मुकाबले में कपास की खेती का रकबा के साथ-साथ फाइबर फसल का उत्पादन कम होता जा रहा है। मेरी जानकारी के मुताबिक इस वर्ष तकरीबन 25.96 लाख गांठ उत्पादन कमजोर होने का अनुमान है। बता दें कि 170 किलोग्राम कपास का 1 गांठ होता है।
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जानकारी के अनुसार बता दें कि कपास का उत्पादन मार्केटिंग सीजन 2023-24 के दौरान 325.22 लाख गांठ हुआ था, वहीं इस चालू सीजन 2024-25 के दौरान कपास का उत्पादन कम होकर 299.26 लाख गांठ रह सकती है। वही कपास की मांग अधिक होने के चलते कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रहा है।
सरकारी नीतियों का कितना प्रभाव
बता दें कि कपास की न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी (MSP) रेट में सरकार के द्वारा बढ़ोतरी किया गया। जिसके कारण व्यापारियों को कपास ऊंचे भाव पर खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। वही सीसीआई के द्वारा खरीद में भी कपास का एक बड़ा हिस्सा जा रहा है।
जिसके चलते घरेलू धागा मिलों को कपास की आपूर्ति का दबाव पड़ा है। इसलिए, कपास की कीमतों में बढ़ोतरी होती दिख रही है। इसके अलावा, वर्तमान में कपास की अधिक कीमतों के कारण जिनिंग उद्योगों को पड़तल (पैरेटी) नहीं बैठ रही हैं इसलिए उनके द्वारा तैयार की गई गांठों को स्टॉक में भी रखा जा रहा है।
कपास की कीमतें बढ़ेंगी या नहीं 2025?
देश में कपास उत्पादन महाराष्ट्र राज्य प्रमुख उत्पादक है और यहां पर अधिकतर मंडी में कीमत अच्छा प्राप्त हो रहा है। मौजूदा समय में चल रहे ट्रेड के अनुसार आगामी दिनों में कपास की कीमत ऐसा ही बना रहने की संभावना है।
वही कपास की कीमत में तेजी होने के चलते सरकार की ओर से आयात पर भी पूरा जोर है। बता दें कि इस सीजन की आरंभ में ही अक्टूबर व नवंबर महीने में कपास की कीमतें वैश्विक बाजार में कम होने पर पर आयात 3 गुना किया गया था।
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Kapas Bhav Bhavishya 2025: विशेषज्ञों की माने तो कम उत्पादन, सीसीआई की बड़ी मात्रा में खरीदी और आवक के कमजोर पड़ने के बाद मार्च 2025 तक कपास की कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार मार्च 2025 तक कपास की कीमतें बढ़ जाएंगी। उत्पादन में कमी, वैश्विक बाजार में मांग में बढ़ोतरी की संभावनाओ के कारण कपास की कीमतों में वृद्धि होने की उम्मीद है।
वहीं Super Kheti हमारा माना है कि मौजूदा समय में चल रहे ट्रेंड को देखते हुए कपास की कीमतों में कुछ सुधार हो सकता है लेकिन आने वाले दिनों में कपास की कीमत सरकार के निर्णय पर निर्भर करेगा, सरकार के द्वारा क्या निर्णय लिया जाता है। वही कपास की कीमत 10000 रुपए प्रति क्विंटल होना हमें मौजूदा समय के अनुसार नजर नहीं आ रहा। ऐसे में व्यापार अपने विवेक से निर्णय लें और करें ।
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नोट :- किसानों व व्यापारियों की जानकारी के लिए बता दें कि कपास की कीमत में आगामी दिनों में 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ेगा या नहीं इसको लेकर Super Kheti कपास की कीमत बढ़ने को लेकर कोई दावा नहीं करता की कपास की कीमत में 10 हजार रुपए तक बढ़ोतरी होगा। हमारे द्वारा दी गई जानकारी केवल सोशल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जानकारी के उद्देश्य से दिया गया है। ऐसे में व्यापार अपने विवेक से सोच समझ कर ही करें और विशेषज्ञों की राय ले कर ही करना चाहिए।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जसवंत है। मैं सुपर खेती (Super Kheti) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों अपनी कृषि से जुड़ी सभी फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दिया जाता है। मैं किसानों के लिए ताजा न्यूज और योजनाओं के बारे में आर्टिकल लिखना पसंद करता हूं। मैं लगातार 3 साल से वेबसाइट पर काम कर रहा हूं।