ICAR New Cotton Variety : किसानों के लिए सस्ते और बढ़िया कपास किस्म तैयार कर रहा आईसीएआर, मिलेगी महंगे बीज से राहत

जानें क्या है कपास की उत्तम क्वालिटी और सस्ते बीज को लेकर ताजा खबर, ICAR New Cotton Variety…

ICAR New Cotton Variety: किसानों को बीच में अधिक उत्पादन के साथ-साथ है बढ़े हुए रेट में राहत मिले इसके लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के द्वारा उत्तम क्वालिटी के बीजों को तैयार करने में लगा हुआ है। ताकि किसानों को मार्केट में मिल रहे महंगे बी से राहत मिले और उन्हें सस्ता बीच और अच्छा बीज प्राप्त हो सके। क्योंकि निजी कंपनियों के द्वारा किसानों को महंगा भी दिया जाता है। इसके अलावा किसानों को कपास के उत्पादन को और बेहतर करने के साथ-साथ जलवायु के अनुकूल बीज की क्वालिटी में भी सुधार किया जा रहा है।

इन सब के अलावा कपास कीटरोधी बीजों को तैयार करने में भी ध्यान दिया जा रहा है। बता दे कि देश के केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा बीते दो दिन पहले जानकारी देते हुए बताया कि आईसीएआर के वैज्ञानिकों के द्वारा कपास के उत्तम क्वालिटी के किस्म के बीच जो कि कम लागत के साथ-साथ हर मौसम में अच्छी पैदावार देने के लिए बीज विकसित करने की आवश्यकता है। ICAR New Cotton Variety उन्होंने कहा कि कपास के उत्तम बीजों के लिए केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान कार्य कर रही है।

किसान का कपास खेती से बना रहे दूरी

किसानों के द्वारा हमारे देश में खरीफ सीजन के दौरान सभी फसलों में से प्रमुख फसल कपास की खेती बड़े स्तर पर किया जाता है। लेकिन बार-बार मौसम में आने वाले बदलाव के साथ-साथ कीट और रोग प्रकोप को देखते हुए लगातार बुवाई के रकबा में भारी गिरावट देखने को मिल रहा है। बता दे की 3 सितंबर 2024 तक केंद्रीय कृषि मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के माने तो पिछले साल 123.71 लाख हेक्टेयर हुआ । जो कि इसी सीजन के दौरान 10 लाख हेक्टेयर कम होकर 112.76 लाख हैक्टेयर भूमि में कपास का खेती हुआ है।

बता दे कि बीते साल पंजाब, हरियाणा, राजस्थान राज्य में गुलाबी सुंडी व अन्य कीट व रोग के चलते कपास की फसल को भारी नुकसान देखने को मिला। जिसके चलते किसानों ने कपास की खेती की और रुझान कम करते हुए दाल व धान की फसल की ओर अधिक रुचि दिखा रहे हैं।

 

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कपास के उत्पादन में आई गिरावट

 

बता दे की कपास की खेती किसानों के काम और रोगी को देखते हुए रकबा घटा है तो जिसके चलते कपास के उत्पादन में भी गिरावट देखने को मिली है भारतीय कपास संघ के मुताबिक वर्ष 2024-25 के दौरान कपास के उत्पादन में 7% तक की गिरावट होने की संभावना व्यक्त की है। बताया जा रहा है कि उत्पादन कमजोर होकर 302.25 लाख गांठ रह सकता है जो की बीते सीजन के दौरान उत्पादन 325.29 लाख गांठ हुआ था।

वहीं इसके अलावा कपास का उत्पादन को लेकर कपास उत्पादन एवं उपभोग समिति यानी CCPC ने भी अपना अनुमान जारी किया जिसमें फसल वर्ष 2024/25 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान कपास का उत्पादन 299.26 गांठ (प्रति गांठ 170 किलोग्राम) रहने की उम्मीद जताई है। जो कि बीते वर्ष इसी दौरान फसल का उत्पादन 325.22 लाख गांठ हुआ जो की 8% अधिक था।

कम कीमत बीज विकसित करें – ICAR

ICAR New Cotton Variety : बता दे कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (ICAR-CIRCOT) के शताब्दी समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि कपास के उत्पादन वी क्वालिटी में सुधार पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि कपास के बीज बहुत महंगे मिलते हैं
जिसके चलते किसानों को निजी कंपनियों से महंगा बीज खरीदना पड़ता है। और ऐसे में आईसीएआर को कोशिश करना चाहिए कि गुणवत्तापूर्ण बीज को कम कीमत में किसानों को कैसे प्राप्त हो।

वहीं उन्होंने आगे कहा कि कपास की खेती करने वाले किसानों को लाभ हो इसलिए किसानों के ऊपर ध्यान देने की आवश्यकता है और उनकी आजीविका को और अच्छे से चलाने में सहायता मिले। वहीं केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान के द्वारा उत्तम बीजों का विकास पर कार्य पहले से ही कपास के लिए किया जा रहा है

मंत्री शिवराज सिंह का पायलट प्लाट की सुविधा का देने ऐलान

देश के केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा कहा गया कि केंद्रीय कपास उद्योग की अनुसंधान के द्वारा 100 वर्ष पूरी होने के मौके पर पायलट प्लांट की सुविधा दिया जाएगा।

 

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