देशभर में धान की फसल (Crop) रोपाई का कार्य लगभग संपन्न होने के बाद अब कुछ से क्षेत्र में धान की मंडी में आवक (Arrival) हो रही है। वहीं ज्यादातर हिस्सों में अभी भी फसल एक महीने से लेकर 3 महीने के करीब हो चुका है। धान की फसल के लिए अन्य फसलों के मुकाबले में पानी की अधिक आवश्यकता रहती है।
लेकिन किसानों को धान की फसल को कितना पानी चाहिए इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है। ऐसे में किसानों की अपनी धान की फसल (Dhan Ki Fasal) में कितना पानी (Water) देना चाहिए और धान की खेती (Dhan Ki Kheti) में अधिक और कम पानी से कितना लाभ और हानि होगा इसके बारे में आज हम आपको www.superkheti.com पर जानकारी देने वाले हैं।
किसानों के द्वारा धान की खेती के लिए आम धारणा यही है कि धान की खेती के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होगी और सिंचाई में सबसे ज्यादा पानी पर ही ध्यान देते हैं। और किस अक्सर यह मानते हैं कि धान की फसल में ज्यादा पानी का स्तर बनाए रखने के चलते अधिक उत्पादन मिलेगा। लेकिन क्या वाकई में धान की फसल में अधिक पानी होना चाहिए इसको लेकर किसी विशेषज्ञों का क्या मानना है की धान की फसल में ज्यादा पानी देना चाहिए या काम क्या अधिक पानी से पानी की पैदावार बंपर होगा और इसके लिए क्या तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए आइए जाने पूरी डिटेल में जानकारी…
धान की फसल को कितना पानी चाहिए
किसानों की जानकारी के लिए बता दे की प्रो. सुनील कुमार के मुताबिक धान की खेती के लिए किसानों को पानी का सही सत्र ही बनाना सबसे अच्छा रहता है। और अगर किसान खेत में अपनी धान की फसल में जरूर से अधिक पानी रखेंगे तो उन्हें पौधों को सही रूप से ऑक्सीजन की प्राप्ति नहीं हो पाएगी। इसके चलते पौधे कमजोर होने के चलते नष्ट भी होते हैं। इसके अलावा जो मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्व ज्यादा पानी के चलते फसल को कम मात्रा में मिलेगा और फसल की क्वालिटी के साथ उत्पादन पर भी असर पड़ता है।
जानें धान फसल में अधिक पानी के नुकसान
धान की फसल में किसानों के द्वारा जरूरत से ज्यादा पानी देने से पौधों की जड़ में सड़न होने लगती है। जिसके चलते सीधा पौधे के विकास पर असर पड़ता है और विकास नहीं हो पाता और पौधे के पत्ते भी पीले पड़ने लगते हैं। यानी किसानों को यह समझने की आवश्यकता है कि ज्यादा पानी देने से पौधों को ऑक्सीजन मिलने में कमी आएगी और जमीन की कठोर हो जाता है। जिससे पौधों की जड़ों का विकास सही से नहीं हो पाता।
विशेषज्ञों के मुताबिक धान में पानी कितना देना चाहिए
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक किसानों को अपने धान की खेती के लिए सही समय और सही मात्रा में ही पानी देने के बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है। जिसके लिए किसानों को सही पानी का प्रबंध सही तरीके से होना आवश्यक है।
धान की फसल के लिए किसानों को अपने खेत में 5 सेंटीमीटर तक पानी का स्तर बनाए रखें। ताकि फसल के पौधों को आवश्यक नमी है वह मिलते रहेगी और जड़ों का पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की पूर्ति होगी।
यानी किसानों को आम भाषा में अगर हम बताएं तो खेत में पानी को कुछ समय भरने के बाद सूखा छोड़ देना भी जरूरी है। जिस मिट्टी में मिलने वाली ऑक्सीजन सही मात्रा में बना रहेगा और पौधों की जड़ों का विकास सही से होगा।
यानी किसानों को अपनी फसल में ज्यादा मात्रा में पानी होने पर निकासी की भी उचित प्रबंध करना जरूरी है ताकि ज्यादा दिन तक पानी का ठहराव नहीं हो और फसल में कोई भी नुकसान देखने को ना मिले। इसके अलावा किसानों को अपनी फसल के पौधों में सही रूप से नमी का स्तर भी बना रहे इसके लिए भी जरूरी आवश्यक ध्यान रखना चाहिए। जिसके लिए किसानों को फसल में ना ही तो पानी की ज्यादा जरूरत है और ना ही ज्यादा कम होना चाहिए।
इसे भी जानें 👉 धान में घास मारने की कौन सी दवा डालें, कब और कितना, जानें पूरी जानकारी
मौजूदा समय में भारतीय किसानों के द्वारा दो तरह से खेती किया जाता है। लेकिन इसमें से सबसे अधिक परंपरागत तरीके से ही खेती किया जाता है। जिसमें पहले धान की नर्सरी तैयार की जाती है और फिर खेत में पौधों की रोपाई के रूप में डाला जाता है। इस तरीके से डीएसआर विधि के मुकाबले में पानी की खपत थोड़ी अधिक होती है। वहीं कृषि एक्सपर्ट के मुताबिक इस खेती पर लगातार जोर दिया जा रहा है ताकि किसानों को कम पानी में भी धान की खेती का उत्पादन प्राप्त होने में मदद मिले।
धान की फसल में रोपाई में पानी
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक किसानों के द्वारा धान की फसल की रोपाई का कार्य करते समय खेत में पानी भरकर अच्छे से रोटावेटर के द्वारा (कद्दू) समतल करना चाहिए। जिसके चलते धान की नर्सरी में तैयार किए गए पौधों की रोपाई अच्छे से होगा और किसानों को खेत में तीन से पांच सेंटीमीटर तक पानी भरना चाहिए।
खेत में धान की रोपाई के 15 से 20 दिन के बीच किसानों को पानी का स्तर बनाए रखना चाहिए। ताकि भूमि से उगने वाले खरपतवार ना हो। नहीं तो उसके बाद से जो खरपतवार है पैदा होंगे वह उत्पादन में काफी असर डालते हैं।
धान की फसल को कितना पानी चाहिए: जब किसान धान की फसल की रोपाई का कार्य किया सम्पन्न हो जाएगा। उसके 20 से 25 दिन के बाद पानी की आवश्यकता कम रहती है। क्योंकि इस समय पर पौधों से नए कल्लो का कार्य शुरू होने लगता है। और पानी ज्यादा की आवश्यकता नहीं रहती। हालांकि किसानों को उचित नमी बनाए रखना बहुत जरूरी है। नहीं तो जमीन सख्त होगी और जमीन में दरारें बनना शुरू होने लगती है। जिससे किसान को फसल में नुकसान भी देखने को मिल सकता है। वही जब फसल फूल आने की स्थिति में हो तो किसानों को लगातार पानी बनाए रखना चाहिए। ताकि फूलों के बाद दूध बना आरंभ हो तो सबसे ज्यादा पानी की आवश्यकता रहती है।
यानी किसानों को फसल में बलिया निकालने के समय पर सही मात्रा में पानी देना चाहिए। जिसके चलते उन्हें क्वालिटी के साथ-साथ उत्पादन में भी लाभ मिलेगा ऐसे में किसानों को यह समझने की जरूरत है कि धान की फसल में ज्यादा पानी की आवश्यकता कब होती है। जिसके अनुसार खेत में पानी देना चाहिए।
इसे भी जानें 👉 जानें सरसों 20 किस्में सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली सरसों का बीज कौन सा है
Conclusion:- आज हमारे द्वारा आपको कृषि विशेषज्ञों के अनुसार बताएं गए धान फसल में पानी अधिक या कम, धान की फसल को कितना पानी चाहिए। के बारे में जानकारी दिया गया। जिससे धान की फसल में क्या क्या नुकसान हो सकता है। धान की खेती में पानी कितना और कब इसकी ज्यादा जानकारी अपने आसपास के नजदीकी कृषि विभाग में प्राप्त कर सकते हैं।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जसवंत है। मैं सुपर खेती (Super Kheti) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों अपनी कृषि से जुड़ी सभी फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दिया जाता है। मैं किसानों के लिए ताजा न्यूज और योजनाओं के बारे में आर्टिकल लिखना पसंद करता हूं। मैं लगातार 3 साल से वेबसाइट पर काम कर रहा हूं।