जानें ग्वार रेट में आगे बढ़ने की संभावना है या फिर नहीं, ग्वार भाव भविष्य 2025 रिपोर्ट…
Gwar Mein Teji Kab Aaegi: वैश्विक बाजार में मांग कमजोर होने के अलावा गवार के अन्य मलिक की अच्छी अराइवल होने के चलते ग्वार गम में घरेलू बाजार में बीते कुछ हफ्तों के दौरान कमजोरी का रुख देखने को मिला है। बीते 1 महीने के समय के दौरान तकरीबन 1000 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आई है।
वहीं अब नीचे कीमत पर मांग निकालने की संभावना है। जिस कारण कीमतों में मजबूती का माहौल बनने की संभावना है। राजस्थान प्रदेश के जोधपुर में ग्वार गम का कीमत पहले तेज देखा गया लेकिन बाद में 1 हजार रुपए कमजोर होकर 10400 से 10500 रुपए प्रति क्विंटल हो गया।
वहीं ग्वार सीड इसके मुकाबले में रेट में ₹200 कमजोर होकर 5200 से 5250 प्रति क्विंटल हो गया। वैश्विक बाजार में मांग कमजोर होने के चलते गुजरात अहमदाबाद में ग्वार गम का रेट पहले 11700 से 11800 रुपए प्रति क्विंटल था। जो की कमजोर होकर 10400 से 10500 रुपए प्रति क्विंटल हो गया।
हमारे देश भारत में ग्वार मुख्य रूप से हरियाणा, राजस्थान व गुजरात में होता है वहीं अन्य राज्य में कुछ हिस्सों में बुवाई किया जाता है। ग्वार की सबसे अधिक उत्पादक राज्य राजस्थान है और यहां पर तकरीबन देश का 70 से 75% ग्वार का उत्पादन लिया जाता है।
राजस्थान व गुजरात राज्य में बीते वर्ष के मुकाबले में इस वर्ष 2024 के दौरान खरीफ सीजन ग्वार का बिजाई कुछ क्षेत्र में कम हुआ। वहीं हरियाणा प्रदेश में अधिक बदलाव देखने को नहीं मिला।
ग्वार प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में मे नया ग्वार की भारी अराइवल होने लगा है लेकिन मिलर्स-प्रोसेसर्स व स्टाकिस्टों व व्यापारियों के मुताबिक मांग इसके अनुरूप नहीं है।
बीते दिन के दौरान वायदा एक्सचेंज में भी ग्वार गम हुआ ग्वार सीट के भाव में कमजोरी देखने को मिला। बता दें कि रूस अमेरिका फ्रांस जर्मनी व इटली प्रमुख जातक देश मांग पहले से ही ग्वार गम की कमजोरी चल रहा है। लेकिन अब मांग बढ़ने की संभावना किया जा रहा है।
कोई 👉 यहां पर दबाएं
ग्वार भाव भविष्य 2025 रिपोर्ट: मुख्य तौर पर यूरोपीय देशों में क्रिसमस के मौके पर ग्वार गम की मांग व खपत बढ़ जाता है। और इस बार्बी मांग मजबूत रहने के आसार हैं। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के अनुसार आंकड़ों को देखा जाए तो इस चालू वित्त वर्ष अप्रैल-सितम्बर 2024 के दौरान यानी पहली छः महीने में ग्वार गम का निर्यात देश से सुधरकर 2.27 लाख टन हो गया है। वहीं बीते वर्ष इसी अवधि के दौरान शिपमेंट 2.16 लाख तन से लेकर 11000 टन था। ग्वार के उत्पादन व गम में भारत सबसे बड़ा प्रमुख निर्यातक देश है।
WhatsApp ग्रुप में जुड़े के लिए 👉 यहां पर दबाएं
इसे भी पढ़ें 👉 सरसों की फसल में पहली सिंचाई करने से पहले जान ले यह रिपोर्ट, नहीं तो होगा किसानों को भारी नुकसान, कृषि विभाग की विशेष सलाह
इसे भी पढ़ें 👉 किसान गेहूं की बुवाई में डाल रहे हैं डीएपी की जगह SSP, DSP या TSP, जाने डीएपी खाद से कितना अलग
Conclusion:- आज आपने सुपर खेती पर जाना ग्वार की कीमत कमजोर, अब ग्वार का भाव कब तक बढ़ेगा या फिर घटेगा, जानें ग्वार भाव भविष्य 2025 रिपोर्ट। किसी भी फसल में तेजी या फिर मंदी आगामी दिनों में होने वाले मौसम के साथ-साथ डिमांड पर निर्भर करता है ऐसे में व्यापार अपने विवेक से करें और किसी भी व्यापार में नुकसान होने पर हम जिम्मेवार नहीं होंगे। क्योंकि हमारा काम है जानकारी देना। व्यापार अपने विवेक से ही करना चाहिए।