किसानों के लिए 2 नई किस्म, जिससे मिलेगा बंपर उत्पादन, जानें पूरी डिटेल….
Gehu Ki New Variety 2024: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा देश में कुल 109 किस्म जारी किया गया। जिसमें से दो नई किस्म गेहूं की भी जारी की गई। गेहूं की दो नई किस्म 2024 में एचआई – 1665 व एचआई – 8840 इन वैरायटी में क्या-क्या विशेषताएं हैं। और कौन से क्षेत्र के लिए उपयुक्त रहेगी। इसमें कितना उत्पादन मिल सकता है। गेहूं नई किस्म की सब जानकारी जानने के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहें।
गेहूं की 2 नई किस्म विकसित हुई (Gehu Ki New Variety 2024)
वर्ष 2024 में गेहूं की 2 नई किस्म एचआई – 1665 व एचआई – 8840 को मध्य प्रदेश में स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, इंदौर में विकसित किया गया है। इन दोनों ही गेहूं की किस्म में किसानों को बुवाई करने के बाद कितना उत्पादन मिलेगा और कौन-कौन से किसान खेती के लिए उपयुक्त रहेगा आइए गेहूं की नई किस्म 2024 के बारे में जानते हैं…
1. गेहूं नई किस्म एच आई 1665 की जानकारी
Gehu Ki Variety Hi – 1665:-वर्ष 2024 में कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा तैयार की गई एक नई वैरायटी जिसको मुख्य रूप से मध्य भारत के साथ दक्षिण भारत के राज्यों के लिए तैयार किया गया इस वैरायटी को एच आई 1665 विकसित कर मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र राज्य में किसानों के लिए एक बड़ी सौगात है। क्योंकि यह किस्म लगातार होने वाले जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशील है।
क्योंकि आज के मौजूदा समय में किसानों को खेती में सबसे ज्यादा जलवायु परिवर्तन होने वाले नुकसान का सामना करना पड़ता है। जिसको देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा इस किस्म को खास तौर पर तैयार किया गया है। जिसके चलते फसल में होने वाले नुकसान से सुरक्षा मिलेगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह किस्म अधिक उत्पादन देने वाला है और सिंचाई की मात्रा भी कम करना ही पड़ेगा । फिर भी आपको अच्छा उत्पादन मिलेगा। वहीं इसके अलावा अगर सिंचाई भी होगा तो भी अच्छा उत्पादन देने उपयोगी है।
वर्ष 2024 में तैयार होने वाली शरबती गेहूं की किस्म एचआई 1665 (Hi-1665) जोकि गेहूं किस्म पूसा उजाला (एच आई 1605) के मुकाबले में अच्छा उत्पादन देने वाली किस्म है।
गेहूं एचआई 1665 उत्पादन और पकने का समय
नहीं गेहूं की एचआई 1665 किस्म में पकने में करीब 110 से 112 दिन के बीच रहेगा। और यह देश के मध्य भारत राज्यों के लिए उपयुक्त है। इस किस्म में उत्पादन की बात करें तो प्रति हेक्टेयर में 33 क्विंटल तक का उत्पादन देने वाली वैरायटी है।
इस गेहूं की वैरायटी के पौधों की ऊंचाई कि अगर बात करें तो यह 80 से 90 सेंटीमीटर तक रहेगा। वहीं इस किस्म के दाना का वजन प्रति 1000 दानों में 44 ग्राम के करीब होगा।
गेहूं एचआई 1665 रोग प्रतिरोधक किस्म
भारत के कई राज्यों में गेहूं की फसल में भूरा और काला रतुआ की बीमारी देखने को मिलती है। लेकिन इस किस्म को इन दोनों ही रोगों के प्रतिरोधी किस्म माना गया है
गेहूं नई किस्म एच आई 8840 की पूरी जानकारी
Gehu Ki Variety Hi – 8840: गेहूं की नई वैरायटी एचआई – 8840 जिसको गौरव के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इस किस्म को सही समय पर अगर खेत मेंo बुवाई करते हैं तो अच्छा उत्पादन देगी और इस सम को जलवायु परिवर्तन में होने वाले बदलाव के प्रति भी सहनशील है। यह किम कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र राज्य के लिए सबसे अधिक उपयुक्त रहेगी।
गेहूं एचआई 8840 उत्पादन और पकने का समय
सबसे पहले अगर हम इस वैरायटी के उत्पादन की बात करें तो यह जिन क्षेत्रों में समय पर बिजाई और सीमित मात्रा में सिंचाई होगी। वहां पर यह प्रति हेक्टेयर 30 क्विंटल से अधिक उत्पादन देने वाली है।
वही सही समय पर सिंचाई होने पर यह अधिकतम उत्पादन प्रति हेक्टेयर 40 क्विंटल के करीब दे सकती है। इस वैरायटी के पौधे की ऊंचाई 80 से लेकर 85 सेंटीमीटर तक रहेगा। वहीं प्रति 1000 दानों का वजन करीब 47 ग्राम की करीब होगा। जो की एक अच्छे और उन्नत किस्म का प्रतीक है।
गेहूं एचआई 8840 रोग प्रतिरोधक किस्म
गेहूं एचआई 8840 किस्म में आने रोग भूरा व काला रतुआ के प्रति प्रतिरोधी किस्म है। और इसके अलावा यह किस्म जलवायु परिवर्तन में होने वाले जैसे सूखा, गर्मी और अधिक तापमान में भी अच्छा होता हैं।
इसे भी पढ़ें 👉 2024 गन्ने की नई वैरायटी कौन कौन सी है?, जानें पूरी जानकारी
इसे भी पढ़ें 👉धान की नई किस्म सीआर 416 की पैदावार कितनी है? जानें पूरी जानकारी
Conclusion:- आज आपने इस आर्टिकल में गेहूं की 2 नई किस्म (Gehu Ki New Variety 2024) जो जलवायु परिवर्तन में भी अधिक उत्पादन देने वाली है। इन वैरायटी में क्या क्या विशेषताएं है। इसको पकने का समय और किन किन रोग के प्रति प्रतिरोधी माना गया है।
FAQ…
1. गेहूं की नई वैरायटी कौन कौन सी है?
Answer:- वर्ष 2024 में हाल ही में गेहूं की तो नई किस्म एचआई – 1665 व एचआई – 8840 जो की जलवायु परिवर्तन होने के बावजूद अधिक उत्पादन देने वाली किस्म है।
2. गेहूं की लास्ट बुवाई कब तक होती है?
Answer:- गेहूं की अच्छा उत्पादन के लिए समय पर बुवाई करना जरूरी है। लेकिन फिर भी बहुत से ऐसे किसान जो समय पर बुवाई नहीं कर पाते। उनको नवंबर महीने की अंतिम सप्ताह या दिसंबर की शुरुआती 1 से 2 दिन तक अवश्य गेहूं की बुवाई करना चाहिए।