Flowers in Cotton Crop: कृषि विशेषज्ञों की विशेष सलाह, कपास की फसल में फूल आने पर करें यह उपाय, मिलेगी अच्छी पैदावार

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देशभर में कई राज्यों में सफेद सोना यानी कपास की खेती (Kapas Ki Kheti) बड़े स्तर पर की जाती है। लेकिन बीते तीन-चार साल से हो रही गुलाबी सुंडी और सफेद मक्खी के चलते किसानों ने अन्य फसलों की ओर रख किया है। जिसके चलते बीते साल के मुकाबले में अबकी बार नरमा कपास करीब 11 लाख हैक्टेयर भूमि में बुवाई कम देखने को मिला है।

कपास की फसल में फूल आने पर जरूरी उपाय (Flowers in Cotton Crop)

आगामी वर्ष में नरमा कपास की कीमतों में तेज होने की संभावना है ऐसे में किसानों को अपने कपास की फसल को अच्छे से देखभाल करना बहुत जरूरी है। जिसके लिए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को उसे सलाह भी दी गई है। जिससे किसान सही समय पर देखभाल करें और अपनी खेती में होने वाले नुकसान से बचाव करें। इसके चलते उन्हें अच्छा उत्पादन मिलेगा तो इनकम भी अच्छी होगी।

Flowers in Cotton Crop: किसानों को अपनी कपास की खेती में पानी खाद और रोगों का सही से समय पर उपचार करना होगा वहीं कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार कपास की खेती में जब बारिश की आवश्यकता होती है। उसे समय ज्यादा बारिश होने या असामान्य बारिश होने के चलते पौधों की ऊंचाई (हाइट 1.5 मीटर) से भी ज्यादा हो जाता है। जिसके चलते उत्पादन में विपरीत असर रहता है। ऐसा होने पर किसानों को पौधों की अधिक ऊंचाई लेने वाली मुख्य तने को ऊपर से औजार से कटाई या फिर हाथ से तुड़ाई करना चाहिए। ताकि एक सही ऊंचाई बनी रहे और उन्हें फसल में कीटनाशक का छिड़काव करने में भी परेशानी नहीं होगी।

कपास में फूल आने पर जरूरी उपाय करना

किसानों को जब अपनी कपास की फसल में फूल (Flowers in Cotton Crop) आने शुरू हो जाए उसे समय नाइट्रोजन की जो बाकी की मात्रा बचा हुआ है उसको भी डाल देना चाहिए।

नाइट्रोजन की मात्रा

1. शंकर कपास :: 1-2 बैग
2. अमेरिकन कपास :: 2-3 बैग

खेत में पर्याप्त नमी होना

किसानों को अपनी कपास की फसल में फूल आते समय नाइट्रोजन देते समय एक बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि उनके खेत में पर्याप्त नमी होना भी आवश्यक है और इसके अलावा खेत में पानी खड़ा नहीं होना चाहिए। अगर बारिश के चलते अधिक बारिश हुआ है तो किसानों को पानी निकालने की व्यवस्था जरूर करना चाहिए।

आवश्यकता से अधिक नमी का होना फूल आने पर फूल झड़ जाता है ऐसे में पैदावार में सीधा असर पड़ता है। ऐसे में किसान भाइयों को इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा जब अपनी फसल में एक तिहाई टिंडे खिल उठे। उसके बाद एक सिंचाई कर देना चाहिए। उसके बाद कपास में कोई भी सिंचाई न करें।

कपास में हरा तेला रोकथाम आवश्यक

कपास की फसल में हरा तेला काफी नुकसानदायक होता है। और यह दिखने में हरे रंग के दिखाई देते हैं जो की हर अकेला किसी शिशु व प्रौढ़ दोनों ही अवस्था में कपास को काफी नुकसान पहुंचाते हैं।

कपास की फसल में यह किट पत्तों के नीचे रहकर नुकसान पहुंचता है। फसल में इसका ऊपर कॉप होने पर पेट के किनारे पीले पड़ने लगते हैं और नीचे की ओर मुड़ जाता है।

इसके बाद पत्ते पीले यार लाल रंग के होकर जमीन पर गिर जाते हैं। कपास की फसल में इसका प्रभाव होने पर फूल गिरना, कलियां या पत्ता गिरने लगते हैं। और पैदावार में काफी असर पड़ता है। ऐसे में किसानों को जुलाई और अगस्त में होने वाले इस किट का सबसे अधिक नुकसान से बचना बहुत जरूरी है।

सफेद मक्खी से कपास में प्रकोप

बीते कुछ वर्षों में देखा गया है कि कपास की फसल में सफेद मक्खी का प्रभाव काफी लगातार बढ़ रहा है ऐसे में कपास फसल में इस किट से प्रारंभिक अवस्था में ही नुकसान पहुंचाने लगता है। जो की फसल के समाप्त होने तक प्रकोप देखने को मिलता है।

सफेद मक्खी किट शिशु व प्रौढ़ दोनों अवस्था में पौधों की पत्तियों के नीचे रहकर रस चूसता है। जिसके चलते कपास की फसल में काफी नुकसान होता है। किसानों की जानकारी के लिए बता दें कि यह किट दो तरह से फसल को नुकसान पहुंचता है। सबसे पहले यह पत्तों का रस चूसता है। जिसके चलते पौधे कमजोर होने लगते हैं। वहीं दूसरी प्रकार से यह पत्तियों के ऊपर एक चिपचिपा पदार्थ छोड़ता है। जिसके चलते काली फफूर जैसा उत्पन्न होता है। जिसके चलते पौधों को अपना भोजन बनाने में दिक्कत होती है।

कैसे करें बचाव

किसानों को अपनी कपास की फसल में अगस्त और सितंबर महीने के दौरान अगर फसल में सफेद मक्खी का प्रकोप देखने को मिले तो उसके लिए कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक इसकी रोकथाम करना बहुत आवश्यक हो जाता है। इसके लिए 1 लीटर नाम से बना हुआ कीटनाशक और मैटासिस्टाक्स 25 ईसी या फिर डाइमेथोएट 30 ईसी 300 ml को फसल में प्रत्येक एकड़ में 250 लीटर पानी में बारी-बारी से किया जा सकता है।

 

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Conclusion:- किसान भाइयों आज आपने हमारे इस आर्टिकल सुपर खेती (Super Kheti) के माध्यम से जाना कपास की फसल में फूल (Flowers in Cotton Crop) आने की स्थिति में उचित नहीं बनाई रखने के साथ-साथ होने वाले हरा तेला व सफेद मक्खी की रोकथाम के लिए क्या-क्या उपाय अपनाना चाहिए। इसके अलावा नाइट्रोजन की मात्रा फूलने पर कितना डालें। किसान साथियों अपनी फसल में किसी भी कीटनाशक का दवा का इस्तेमाल करने से पहले अपने आसपास के कृषि विभाग से एक बार संपर्क जरूर करें।

 

 

 

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