सीमित आवक और मजबूत मांग से गेहूं में तेजी का माहौल, क्या गेहूं का भाव बढ़ेगा या नहीं, जानें तेजी मंदी रिपोर्ट

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गेहूं में मजबूत मांग होने व सीमित आवक होने से क्या गेहूं का भाव बढ़ेगा या नहीं, जानें पूरी डिटेल…

Gehu Teji Mandi Report: गेहूं के कीमतों में बीते दिनों से लगातार सुधार देखने को मिला है बता दें कि फ्लोर मिलर्स एवं प्रोसेसर्स को को अपनी आवश्यकता के अनुसार गेहूं का स्टॉक रखने के लिए कड़ी मेहनत का सामना करना पड़ रहा है। वही इस दौरान भंडारण सीमा लागू किया गया है, फिर भी आवक मंडियों में सीमित बनी हुई है।

गेहूं की स्टॉक को लेकर माना जाता है कि बड़े-बड़े उत्पादकों व बड़े-बड़े कंपनियों के पास गेहूं स्टॉक है लेकिन सीमित मात्रा में मंडियों में लाया जा रहा है। दूसरी ओर सरकार की ओर से भी मार्केट में अपने स्टॉक से गेहूं उतारने को तैयार नहीं है।

 

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जिस कारण से माल की उपलब्धता नहीं बढ़ रहा। आगामी दो से तीन महीना के दौरान जानवरों के अनुसार गेहूं की कीमतों में रुक-रुक कर तेजी जारी रह सकता है। देश की राजधानी दिल्ली में राजस्थान व यूपी के गेहूं का कीमत 3170 रुपए प्रति क्विंटल से 3180 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया है।

वहीं दूसरी तरफ कोटा, इंदौर, शाहजहांपुर व राजकोट में भी गेहूं की कीमत ऊंची देखी जा रही है। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य सीजन 2023 24 को दौरान सरकार की ओर से 2275 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया था। लेकिन सभी मंडी में कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक रहा।

वहीं गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए ₹150 बढ़कर 2425 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है ताकि किसानों को गेहूं की बुवाई करने का रुझान बढ़ाया जा सके।

देश में गेहूं की बुवाई का कार्य हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व गुजरात में जोरदार प्रगति से चल रहा है।

गेहूं की बुवाई का कार्य के लिए आदर्श समय बीत जाने के बाद भी किसानों के द्वारा लगातार बिजाई का कार्य चल रहा है और अभी समाप्त नहीं हुआ है। यदि मिलर्स-प्रोसेसर्स को अच्छी मात्रा में गेहूं का स्टॉक उपलब्ध बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत खुले बाजार में केंद्रीय पूल से नहीं होता है।

क्या गेहूं का भाव बढ़ेगा या नहीं: गेहूं की कीमत में गिरावट आने के आसार और कम हो जाएंगे। गेहूं की नई फसल आवक आने में अभी काफी लंबे समय है और आगामी साल के मार्च अप्रैल महीने में ही शुरू होगा। ऐसे में मिलर्स को खुली मंदिरों में ऊंची कीमत पर खरीदारी करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। वही अबकी बार गेहूं की बुवाई का क्षेत्रफल भी बढ़ाने की संभावना है।

 

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Conclusion:- आज आपने सुपर खेती पर जाना सीमित आवक और मजबूत मांग से गेहूं में तेजी का माहौल, क्या गेहूं का भाव बढ़ेगा या नहीं, जानें तेजी मंदी रिपोर्ट। किसी भी फसल में तेजी या फिर मंदी आगामी दिनों में होने वाले मौसम के साथ-साथ डिमांड पर निर्भर करता है ऐसे में व्यापार अपने विवेक से करें और किसी भी व्यापार में नुकसान होने पर हम जिम्मेवार नहीं होंगे। क्योंकि हमारा काम है जानकारी देना। व्यापार अपने विवेक से ही करना चाहिए।

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