Best Top 15 Dhaniya Variety: धनिया की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है, बोने का सही समय

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धनिया की खेती के लिए धनिया की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?, जानें पूरी जानकारी...

 

 

Best Top 15 Dhaniya Variety: हमारे देश भारत में लगभग सभी तरह की खेती किया जाता है। यहां पर सभी कृषि अनाज की खेती होती है। और इसके साथ-साथ मसाला फसलों में धनिया की खेती (Dhaniya Ki Kheti) भी बड़े स्तर कई राज्यों में किया जाता है। धनिया का उपयोग आपके खाने में सब्जी का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ उसकी खुशबू और भी शानदार आती है।

 

हरी सब्जी को पकाने के बाद धनिया को डालने से और शानदार सब्जी का स्वाद बढ़ाया जा सकता है। लेकिन दोस्तों अब बात आती है। धनिया की खेती करने की तो इसे कई तरीके से किया जा सकता है। किसानों के द्वारा धनिया की खेती को अपने खेत में बुवाई बड़े स्तर पर करते हैं। वहीं लोगों के द्वारा घरों और बगीचों में गमलों में भी इसकी खेती छोटे स्तर पर भी किया जाता है यानी की धनिया की खेती को आप कम दूरी से लेकर एक अधिक दूरी तक खेती कर सकते हैं।

जानें धनिया की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?

किसानों के द्वारा या लोगों के द्वारा अपने घरों में गमले में या कुछ जगह खाली रह जाती है। उसमें धनिया की खेती कई सालों से किया जा रहा है। लेकिन किसानों को इसका अच्छा उत्पादन प्राप्त हो, इसके लिए सबसे अधिक किसी चीज की आवश्यकता है। तो वह है उन्नत किस्म का चुनाव करना। ऐसे में किसानों को बंपर उत्पादन मिले इसके लिए उन्हें उन्नत किस्म की जानकारी होना सबसे अधिक जरूरी है। धनिया की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?…

 

साथियों आज हमारे द्वारा इस आर्टिकल में आपको www.superKheti.com वेबसाइट के माध्यम से किसानों को धनिया की खेती करने का तरीका क्या अपनाना चाहिए। ताकि उसे अधिक उत्पादन को और उन्हें अधिक उत्पादन के लिए कौन-कौन सी किस्म का चुनाव करना सही रह सकता है। और धनिया का अच्छा उत्पादन के लिए क्या-क्या आवश्यक बातों का ध्यान रखना चाहिए। यह सब जानने के लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल में लास्ट जुड़े रहें । ताकि आपको धनिया की खेती करने में सहायता मिले।

भारत में धनिया की खेती वाले राज्य कौन कौन है। 

दोस्तों हमारे देश भारत में धनिया की खेती कई राज्यों में किया जाता है। जिसमें अगर हम सबसे अधिक धनिया की खेती की बात करें तो मध्य प्रदेश और राजस्थान प्रदेश में सबसे अधिक किया जाता है। और इसके अलावा भी कई राज्य में धनिया की खेती किया जाता है जैसे :- आंध्र प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, और कर्नाटक और इसके अलावा अन्य राज्य में धनिया की खेती को किया जाता है।

धनिया की खेती के लिए मुख्य किस्म 

 

Best Top 15 Dhaniya Variety: दोस्तों धनिया की खेती के लिए कई उन्नत किस्म है जिन्हें किसानों के द्वारा चुनाव कर अच्छी पैदावार ले सकते हैं।

  • हिसार सुगंध
  • आर सी आर 41
  • कुंभराज
  • आर सी आर 435
  • आर सी आर 436
  • आर सी आर 446
  • जी सी 2 (गुजरात धनिया 2)
  • आरसीआर 684
  • पंत हरितमा
  • सिम्पो एस 33 
  • एसी आर 1
  • सी एस 6
  • जे डी-1
  • आर सी आर 480
  • आर सी आर 728

 

धनिया की किस्म कुंभराज विशेषताएं

Dhaniya Ki Variety Kumbhraj:- धनिया की कसम कुंभराज में पौधों ऊंचाई में मध्यम आकार का होता है। और इसमें दाने भी छोटे आकार के होते हैं फूलों का रंग सफेद होने के साथ इसमें पौधे उकठा रोग के अलावा भभूतिया रोग के प्रति सहनशील होते हैं। यह किस्म लगाने पर किसानों को प्रति एकड़ में 5 से 6 क्विंटल उत्पादन और पकने में 115 से 20 दिन के करीब समय लगता है।

धनिया की किस्म आर सी आर 41 की विशेषताएं

Dhaniya Ki Variety RCR 41:- धनिया की आर सी आर 41 किस्म में फूलों का रंग गुलाबी होता है और दाने आकार में छोटे होते हैं। इस किस्म में रोगों के प्रति सहनशीलता की बात करें तो यह किस्म भभूतिया, उकठा ओर स्टेमगाल प्रतिरोधक क्षमता है। इस किस्म को पकने में थोड़ा सा लंबे समय लगता है। और यह 130 से 40 दिन में पककर तैयार होती है और उत्पादन की बात करें तो प्रति हेक्टेयर में 10 से 11 का क्विंटल तक उत्पादन मिलता है।

 

धनिया की किस्म सिम्पो एस 33 की विशेषताएं

Dhaniya Ki Variety Simpo S33:- धनिया की यह किस्म एक लंबे समय में पकने वाली किस्म जिसको तैयार होने में 140 से 50 दिन के करीब का समय रहता है। और इसके पौधों की ऊंचाई मध्यम आकार और दाने बड़े और अंडाकार होते हैं। इस वैरायटी में रोग से सहनशील की बात करें तो यह भभूतिया, उकठा रोग और स्टेमगाल रोग के प्रति सहनशील होने साथ 7 से लेकर 8 क्विंटल तक प्रति एकड़ उत्पादन मिलता है।

 

धनिया की किस्म आर सी आर 446 की विशेषताएं

Dhaniya Ki Variety RCR 446:- धनिया की यह किस्म उन क्षेत्र के लिए सबसे अच्छी है। जहां पर पानी की सुविधा नहीं है। यानी ऐसी क्षेत्र में इसकी बुवाई करना उपयुक्त है। अन्य किस्म के तरह इसमें भी भभूतिया, उकठा रोग और स्टेमगाल रोग के प्रति सहनशील होता है।

 

इस किस्म में दाना और पौधों की ऊंचाई भी मध्यम होती है। इस किस्म को लगाने पर प्रति एकड़ में चार से पांच क्विंटल उत्पादन और पकने में 110 से 120 दिन के करीब समय रहता है।

धनिया की किस्म हिसार सुगंध की विशेषताएं

Dhaniya Ki Variety Hisar Sugandha:- धनिया की इस वैरायटी हिसार सुगंध को पकने में करीब 120 से 123 दिन और प्रति हेक्टेयर उत्पादन करीब 20 क्विंटल के आसपास मिलता है। पौधे की ऊंचाई और दोनों का आकार मध्यम रहता है।

धनिया की बुवाई का सही समय कौन सा है?

 

किसान साथियों को धनिया की खेती के लिए सही समय पर बुवाई बहुत आवश्यक है। और इसके लिए किसान साथियों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि धनिया की खेती की बुवाई के लिए सबसे अच्छे समय की बात करें अक्टूबर से नवंबर महीने का समय अच्छा होता है।

 

दोस्तों धनिया की खेती किसानों के द्वारा धनिया के दाने के लिए और इसके अलावा बहुत से ऐसे किसान जो हरे पत्तों की फसल के लिए भी की जाती है। अगर आप धनिया की खेती सीड के लिए करना चाहते हैं। आपको नवंबर महीने के पहले 15 दिन के अंदर बुवाई करना चाहिए। अगर आप हरे पत्तों की फसल के लिए बुवाई करना चाहते हैं। तो आपको अक्टूबर महीने से दिसंबर महीने में बुवाई का कार्य करना चाहिए। वही धनिया की फसल में सबसे ज्यादा किसानों को पाले से बचाव करना आवश्यक है। इसके लिए किसान नवंबर महीने में दूसरे सप्ताह में कोई करना अच्छा माना जाता है।

 

धनिया की खेती के लिए मौसम कैसा होना चाहिए

 

दोस्तों धनिया की खेती के लिए भारत के जिन राज्यों में खेती की जाती है। वहां का तापमान वैसे तो धनिया की खेती के लिए सही है। लेकिन फिर भी आपकी जानकारी के लिए बता दें कि धनिया की खेती करने के लिए ठंडा और शुष्क मौसम की आवश्यकता रहती है। जिससे अच्छे उत्पादन मिलेगा। धनिया के बीजों का सही से कारण होने के लिए 25 से 27 सेंटीग्रेड तापमान की आवश्यकता अच्छी मानी गई है। धनिया की फसल में जब फसल में फूल और दाने बनाना होता उस समय पाला रहित मौसम जरूरी है। क्योंकि इस फसल में पाले से बहुत अधिक नुकसान होता है।

 

 

धनिया की खेती के लिए कौन सी मिट्टी उपयुक्त है?

 

धनिया की फसल के लिए किसान जहां पर सिंचाई होती है वहां और जहां पर सिंचाई नहीं होती है वहां पर भी खेती कर सकते हैं। लेकिन जिस हिस्से में सिंचाई के द्वारा फसल के लिए अच्छी दोमट मिट्टी होना चाहिए और जल निकासी भी अच्छे से होना चाहिए।

 

जिन हिस्से में असिंचित फसल यानी पानी की व्यवस्था नहीं है वहां पर धनिया की फसल के लिए काली और भारी मिट्टी अच्छी मानी जाती है। वही धनिया की फसल के लिए क्षारीय एवं लवणीय भूमि नही होना चाहिए।

 

 

धनिया खेती के लिए मिट्टी का पी. एच. कितना होना चाहिए 

 

किसान साथियों धनिया की खेती के लिए मिट्टी के पी.एच. मान (P.H.) की बात करें तो इसकी खेती के लिए मिट्टी का पी.एच. मान 6 से 7 होना आवश्यक है।

 

धनिया बीज कितना और बीजोपचार कैसे करें 

 

पानी वाली भूमि :- किसानों को जिस भूमि में पानी की उपलब्धता है। ऐसे में प्रति हेक्टेयर 15 से 20 किलोग्राम धनिया का बीज (Seeds) डाल सकते हैं।

 

बीना पानी वाली भूमि :- और ऐसा क्षेत्र जहां पर पानी की उपलब्धता नहीं है। ऐसी स्थिति में किसानों को प्रति हेक्टेयर धनिया का बीज 25 से 30 किलोग्राम तक डाल सकते हैं।

 

 

बीजोपचार का तरीका :- किसानों को अपने खेत को और बीच को जनित रोगों से बचाव के लिए कार्बोक्जिन 37.5 प्रतिशत+थाइरम 37.5 प्रतिशत 3 ग्रा./कि.ग्रा.+ट्राइकोडर्मा विरिडी 5 ग्रा./कि.ग्रा. या फिर कार्बेंन्डाजिम+थाइरम (2:1) 3 ग्रा./कि.ग्रा. बीज की मात्रा से उपचारित करें। वहीं किसानों को धनिया बीज को जनित रोगों के बचाव के लिए स्टे्रप्टोमाईसिन 500 पीपीएम से उपचारित करें।

 

 

अच्छी पैदावार के लिए खाद कितना डालें 

 

सिंचाई वाली जमीन में खाद :- पानी वाली भूमि में धनिया की फसल के लिए नत्रजन 60 किलोग्राम, पोटाश 20 किलोग्राम, सल्फर 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर भूमि में डालें

 

 

बीना सिंचाई वाली जमीन में खाद :- किसान भाइयों जहां पर पानी की सुविधा नहीं है यानी असंचित धनिया की खेती होती है। वहां पर प्रति हेक्टेयर गोबर की खाद 20 टन डालना चाहिए। इसके अलावा पोटाश की मात्रा 20 किलोग्राम, नत्रजन की मात्रा 40 किलोग्राम, सल्फर की मात्रा 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर में डालें।

 

 

धनियां की बुवाई का सही तरीका 

 

धनिया की खेती (Dhaniya Ki Kheti) करने से पहले किसानों को धनिया के बीच को सावधानी से हल्के से रगड़कर बीजों को दो हिस्सों में तोड़ना चाहिए। धनिया की बुवाई किसानों को सीड ड्रिल के द्वारा करना चाहिए और बीच की दूरी और गहराई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

 

 

धनिया बुवाई की दूरी और गहराई कितना रखें 

 

किसानों को धनिया की बुवाई करने से पहले यह जानना आवश्यक है। कि ड्रिल के द्वारा कतार से कतार में दूरी कितना और पौधे से पौधे की दूरी कितना रखना चाहिए। किसानों को लाइन से दूसरे लाइन (कतार) की दूरी 30 सेंटीमीटर रखना चाहिए। वहीं पौधे से पौधे की दूरी 10 से 15 सेंटीमीटर होना चाहिए। बीज डालते समय किसानों को बीच की गहराई 2 से 4 सेंटीमीटर से अधिक नहीं रखना चाहिए। क्योंकि इससे बीच अंकुरित होने में समस्या देखने को मिल सकती है। क्योंकि जहां पर भारी मिट्टी और अच्छी मिट्टी होगी वहां पर अंकुरित कम होगा।

 

 

खरपतवार नियंत्रण करना बहुत जरूरी 

 

Kharpatwar Niyantran: धनिया की खेती में किसानों को फसल बुवाई करने के बाद दो बार निराई गुड़ाई से खरपतवार का नियंत्रण करना चाहिए। क्योंकि किसान भाइयों धनिया की फसल शुरुआती दौर में बढ़वार कम होती है और इसके लिए किसानों को पहली बार निराई गुड़ाई 30 से 35 दिन में कर लेना चाहिए। वहीं दूसरी 60 दिन के आसपास करना चाहिए। फसल में खरपतवार नहीं होगा तो फसल की बढ़वार भी अच्छे से होगी और उत्पादन में काफी लाभ मिलेगा।

 

 

खरपतवार नाशक दवा का इस्तेमाल 

 

किसानों को धनिया की फसल में खरपतवार नियंत्रण करने के लिए फसल का अंकुरण होने से पहले प्रति हेक्टेयर 600 लीटर पानी में 1 लीटर पेन्डीमिथालीन पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

 

 

धनिया की खेती में सिंचाई कब और कितना करें 

 

 

धनिया की फसल के लिए किसानों को 4 से 5 सिंचाई की आवश्यकता होती है। वहीं इसके अलावा किसानों को अपनी भूमि की आवश्यकता के अनुसार भी सिंचाई कर सकते हैं। किसानों को धनिया की फसल में सिंचाई समय के अनुसार करना चाहिए और आपकी फसल किस अवस्था में है आईए जानते हैं धनिया की खेती में सिंचाई कब करें:-

 

1. पहली सिंचाई — 30-35 दिन में

2. दूसरी सिंचाई — 50-60 दिन में

3. तीसरी सिंचाई — 70-80 दिन में

4. चौथी सिंचाई — 90-100 दिन में

5. पांचवी सिंचाई — 105-110 दिन में (हल्की जमीन होने पर)

 

 

फसल की कटाई का कार्य कब करें 

 

किसानों को धनिया की फसल की कटाई का कार्य भी समय पर करना चाहिए। अगर अधिक समय लगाकर कटाई करेंगे। तो बीच की क्वालिटी खराब हो जाता है। जिससे मार्केट में रेट कम मिलेगा। इसलिए किसानों को अपनी फसल समय पर ही कटाई करना चाहिए।

 

जब फसल में धनिया का दाना हाथ से दबाने पर मध्य कठोर होने के साथ पत्तियों का रंग पीला पड़ने लग जाए। या फिर धनिया का ऊपरी हिस्सा का रंग हरे से चमकीला पीला या भूरे रंग का होने पर कटाई करें।

 

 

प्रति हेक्टेयर में धनिया का उत्पादन कितना 

 

किसानों के द्वारा अगर वैज्ञानिक विधि के द्वारा धनिया की खेती पानी वाली भूमि में करें प्रति हेक्टेयर 15 से 17 तक उत्पादन मिल सकता है। इसके अलावा किसान अगर हरे पत्ते की पैदावार की उत्पादन की हम बात करें तो यह 100 से 125 क्विंटल तक मिल सकता है। इसके अलावा जींस भूमि में पानी की सिंचाई नहीं होती वहां पर प्रति हेक्टेयर 5 से 6 क्विंटल तक उत्पादन मिल सकता है।

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Conclusion:- आज आपने इस आर्टिकल के द्वारा जाना धनिया की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है? के बारे में। इस रिपोर्ट में आपने धनिया की खेती में जमीन, खाद, बीज की मात्रा, बुवाई कब करें और कटाई करने तक पूरी जानकारी प्राप्त किया।

 

FAQ 

 

 

1. धनिया का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन सा है?

भारत देश में सबसे अधिक धनिया का उत्पादन मध्य प्रदेश और राजस्थान प्रदेश में होता है।
 

2. भारत की सबसे बड़ी धनिया मंडी कौन सी है?

देश में वैस तो कई राज्य में धनिया की मंडी है। लेकिन धनिया की सबसे बड़ी मंडी की बात करें तो राजस्थान प्रदेश में कोटा जिले में स्थित रामगंज मंडी सबसे बड़ी अनाज मंडी में से एक है। यहां पर धनिया की कुल आवक सीजन में 6000 टन से अधिक एक दिन में अराइवल होता है।
 

3. धनिया बोने का सही समय क्या है?

धनिया की खेती के लिए मौसम ठंडा होना चाहिए। इसके लिए सबसे उपयुक्त बोने का समय अक्टूबर मध्य से नवंबर मध्य तक अच्छा रहता है।

 

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