धान की फसल में शीथ ब्लाइट की पहचान और जानें कैसे करें रोकथाम
Dhan Me Sheath Blight Rog: देशभर में धान की फसल बड़ी हो चुकी है। ऐसे में किसानों को अपनी फसल का समय पर समय पर देखभाल करते रहना चाहिए। क्योंकि धान की फसल में अचानक से कीट रोग लगने की संभावना बनी रहती है। किसान भाइयों धान की फसल में वैसे तो कई तरह की किट व रोग लगा सकते हैं लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं धान की फसल में लगने वाले रोग के बारे में जिसको शीथ ब्लाइट के नाम से भी जाना जाता है। इस रोग से ग्रसित फसल में सूखे पुआल देखने को मिलता है।
यानी किसानों को अपनी धान की फसल में इस रोग से पहले ही या बाद में सही से उपचार करना बहुत जरूरी है नहीं तो पैदावार में काफी नुकसान हो सकता है ऐसे में आज हम आपके लिए इस आर्टिकल में जान पाएंगे धान की फसल में लगने वाले मुख्य रोग में एक रोग जिसको शीथ ब्लाइट (Dhan Me Sheath Blight Rog) इसकी क्या पहचान है। कैसे इसकी पहचान कर रोकथाम कैसे किया जा सकता है जान पूरी जानकारी के साथ…
फसल में शीथ ब्लाइट रोग की पहचान (Dhan Me Sheath Blight Rog)
धान में शीथ ब्लाइट रोग से सबसे अधिक उन किसानों के लिए बड़ी चिंता रहती है। जिन्होंने पहली बार धान की फसल की रोपाई की है। लेकिन उन्हें इस रोग की पहचान करना बहुत जरूरी है। ताकि इसका सही से और समय पर नियंत्रण किया जा सके। इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक धान की फसल में पत्तियों की सीट पर लगने वाले आरंभ में होने वाले संक्रमण के चलते ही इस बीमारी को शीथ ब्लाइट रोग कहा जाता है।
कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार धान के पौधों के पतियों के शीथ में आरंभ में हरा से भूरा रंग के धब्बा जोकि दो से तीन सेंटीमीटर दिखाई देता हैं। जो की धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए पूरी तरह से प्रभाव में ले लेता है और धीरे-धीरे पौधा सूखने लगता है। और सूखे पुआल की तरह दिखाई देते हैं।
धन की फसल में लगने वाले इस रोग के वैसे तो कई कारण हो सकते हैं। लेकिन उसमें से एक कारण खेतों में बनने वाले अत्यधिक जल जमाव के कारण भी देखने को मिलता है। अगर फसल में इस रोग से अधिक मात्रा में प्रकोप देखने को मिले तो धान की फसल में दाना भराव सही से नहीं हो पाता। जिसके चलते किसानों को उत्पादन में काफी गिरावट आती है।
धान की फसल में यह रोग सबसे पहले खेत के चारों ओर मेड बनाई गई है वहां पर देखने को मिलता है या फिर जहां पर फसल में अधिक मात्रा में या कम मात्रा में खरपतवार होगा। उसके साथ ही जल भराव होने की स्थिति में भी देखने को मिलता है
शीथ ब्लाइट रोग धान फसल में कैसे आता है।
फसल में शीथ ब्लाइट रोग आने के हम आपको तीन से चार कारण बताने वाले हैं बता दें कि जिन धान के फसल वाले हिस्सों में यह रोग होता है। वहां पर उत्पादन में काफी दिक्कत होती है।
धान की फसल में इस रोग के मुख्य कारण की बात करें तो पहला कारण जहां पर अधिक तापमान यानी जहां पर 28 डिग्री सेल्सियस से लेकर 32 डिग्री सेल्सियस तापमान रहता है। और दूसरा कारण अधिक मात्रा में आद्रता रहना भी है।
जिन किसानों के द्वारा अपनी फसल में अधिक मात्रा में नाइट्रोजन खाद का उपयोग करते हैं। ऐसी स्थिति में भी यह रोग देखने को मिल सकता है। वहीं इसके अलावा जिन खेतों में धान की फसल रोपाई के समय पौधों की दूरी कम यानी धान रोपाई में घनी है। वहां पर भी इस रोग आने के कारण बनते हैं।
शीथ ब्लाइट रोग की रोकथाम कैसे करें
धान की फसल में लगने वाले इस रोग की रोकथाम के लिए कृषि डॉक्टर के अनुसार लगने वाला यह रोग एक मृदा जनित रोग माना जाता है ऐसे में किसानों को भूमि फसल के लिए तैयार हो करते समय 1 किलो (1KG) ट्राइकोडर्मा को अच्छे से सड़ी गोबर खाद या वर्मी कम्पोस्ट खाद 28 किलो (25KG) को अच्छे से एक एकड़ जमीन में फसल रोपाई से पहले जुताई करने के बाद खेत को समतल करना चाहिए।
धान की फसल में किसान इसकी रोकथाम के लिए इसके अलावा प्रति हेक्टेयर में प्रोपिकोनाजोल 500 मिली. का छिड़काव करना चाहिए और खेत में होने वाले जल भराव के लिए जल निकासी की भी उचित प्रबंधन करें।
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नोट :- दोस्तों हमने इस रिपोर्ट के द्वारा आपको धान की फसल में होने वाले शीथ ब्लाइट रोग के बारे में जानकारी दी और उसकी रोकथाम के लिए कीटनाशक दवा का जानकारी दिया। किसी पर दवा का इस्तेमाल करने से पहले अपने नजदीकी कृषि विभाग के अधिकारियों या कृषि डॉक्टर से एक बार आवश्यक सलाह लें।
Conclusion:- आज आपने जाना धान में लगने वाले शीथ ब्लाइट रोग (Dhan Me Sheath Blight Rog) की पहचान, रोकथाम के उपाय। इस रोग के आने के मुख्य कारण क्या हो सकते हैं। जिसका समय पर रोकथाम बेहद आवश्यक होता है।