Bakri Ki 4 Best Nasal : बकरी पालन में करें इन 4 टॉप नस्ल का चयन, मिलेगा शानदार कमाई का अवसर, जानें पूरी डिटेल

Goat Farming: हमारे देश में गांव में रहने वाले लोग खेती व पशुपालन के कार्य में बड़े पैमाने पर जुड़े हुए हैं और इस का व्यापार के तौर पर भी देख रहे हैं। पशुपालन के कार्य को सही तरीके से किया जाए तो यह कारोबार के लिए काफी लाभदायक हो सकता है। और इसमें पशुपालन कार्य करने में कई तरह के विकल्प मौजूद हैं। जिसमें बकरी पालन का कार्य पशुपालन के लिए आपको जानकारी देने जा रहे हैं।

 

 

Bakri Ki Achi Nasal:हमारे देश के बहुत से क्षेत्र में लगातार बकरी पालन की डिमांड बढ़ रही है क्योंकि बकरी पालन से कम समय में अधिक लाभ प्राप्त हो सकता है क्योंकि इसको पालकर दो तरह ऐसी कमाई कर सकते हैं। पहले दूध बेचकर और दूसरा इसे प्राप्त होने वाले मीट को बेचकर भी कमाई किया जा सकता है।

 

 

 

हालांकि बहुत से बार बकरी पालन में नुकसान भी देखने को मिलता है।क्योंकि बकरी पालन का कार्य शुरू करने से पहले अच्छे नस्ल के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं होता है। जिससे चलते नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। आज हम आपको इस रिपोर्ट के द्वारा बकरियों की चार उन्नत नस्लों के बारे में जानकारी देंगे।

 

 

बकरियों की चार सबसे अच्छी नस्ल (Bakri Ki 4 Best Nasal)

 

 

Bakri Ki 4 Best Nasal: जो भी पशुपालक या फिर किस बकरी का पालन करना चाहते हैं या सो रहे हैं तो उनके लिए ऐसी नस्ल का चुनाव करना चाहिए। जो कि हमेशा से ही मिट प्रेमियों के बीच में डिमांड रहती है। इसका मुख्य कारण क्या है फ्री है की बकरियों से प्राप्त होने वाला दूध उतना अधिक मात्रा में नहीं मिल पाता ऐसे में अच्छी कमाई किया जा सकता है। आइए आखिर में आपको बताते हैं कि ऐसी कौन सी नस्ल हैं जिनको पालकर आप अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हो

 

Bakri Ki 4 Best Nasal : बकरी पालन में करें इन 4 टॉप नस्ल का चयन, मिलेगा शानदार कमाई का अवसर, जानें पूरी डिटेल
Bakri Ki 4 Best Nasal

 

 

इसे भी पढ़ें 👉 पाले से सरसों फसलों को बचाने के लिए क्या करना चाहिए, कैसे नुकसान पहुंचता है, जानें आसान तरीका

 

बकरी की बीटल नस्ल 

 

Goat Beetle Breed Details: बकरी पालन के लिए बीटल नस्ल की बकरियां भी सबसे अच्छी नसों में से एक माना गया है और यह बकरी का रंग काला, गहरी लाल व धब्बेदार दिखाई दे सकती है। इस बकरी के नल के सींग ऊपर की ओर होता है और प्रतिदिन डेढ़ लीटर तक दूध प्राप्त हो सकता है। इस इस नस्ल के मीट की जोरदार डिमांड है। क्योंकि इसके चमड़े से कई तरह की उपयोगी चीज को बनाया जाता है और मुख्य रूप से यह पंजाब में ही पाया जाता है।

 

 

बकरी की ब्लैक बंगाल नस्ल

 

 

Black Bengal Breed of Goat Details: बकरी की नस्ल ब्लैक बंगाल भी सबसे खास नसों में से एक और इस बकरी के नाम को भी खास तौर पर लिया जाता है। क्योंकि नॉनवेज प्रेमी में इस नस्ल के बकरों की मांग शानदार है। इस नस्ल की बकरियों का 8 से 10 साल तक जीवन काल रहता है। और इस नस्ल की बकरियों का गर्भ का समय 150 दिन और एक बार में दो से तीन बच्चे पैदा करती है। और इस नस्ल के मीट की कीमत ₹1000 प्रति किलो तक रहता है।

 

 

बकरी की सोनपरी नस्ल 

 

Sonpari Breed of Goat Details: बकरी पालन में हमने पहले भी आपको बताया है कि मुख्य रूप से कमाई के लिए मीट का जरिया है और मीट के लिए बकरी की नस्ल सोनपरी बकरी पालन काफी लाभ का सौदा है। क्योंकि इस नस्ल की बकरियां छोटी-छोटी होती है। और यह बहुत कम समय में जल्द ही तैयार हो जाता है। और इस बकरियां को मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश राज्य की मिर्जापुर, सोनभद्र, बनारस व भदोही जिले में देखा गया है।

 

 

बकरी की उस्मानाबादी नस्ल 

 

Osmanabadi Breed of Goat Details: बकरी की नस्ल उस्मानाबादी एक देसी नस्ल है। और इस नस्ल की बकरियां में दूध काफी पौष्टिक होता है और प्रतिदिन डेढ़ लीटर तक दूध प्राप्त होता है। इस नस्ल की बकरियां में 1 वर्ष में दो बार दो दो बच्चे प्राप्त होते हैं और यह आकार में भी बड़ी होती है। इस नस्ल के बकरों से प्राप्त होने वाला मिट 45 से 50 KG तक प्राप्त हो सकता है। इस नस्ल के इलाकों की बात करें तो यह मुख्य तौर पर उसे उस्मानाबाद जिले के उदगीर, लातूर व तुलजापुर में पाया जाता है।

 

 

कमाई में बढ़ोतरी का तरीका 

 

 

बकरी पालन का कार्य करने वाले लोगों को कमाई के लिए केवल अच्छी नस्ल का चयन करना ही प्राप्त नहीं है। बकरियों की अच्छे से देखभाल करने के साथ-साथ है उनको खाने में दिए जाने वाले अनाज की भी विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता होता है।

 

 

इनका स्वभाव काफी चंचल रहता है ऐसे में बकरियों को बांधकर रखने के बजाय इन्हें खुले में बाहर भी चरने के लिए ले जाना चाहिए और बकरियों को बारिश व सर्दी के मौसम में बचाव भी करना वह जरूरी होता है।

 

 

बकरी को खाने में सूखा और हरा चारा, नीम व गिलोय की पत्तियां के अलावा प्रतिदिन कम से कम ढाई सौ ग्राम अनाज के रूप में भी देना आवश्यक होता है।

 

WhatsApp ग्रुप में जुड़े के लिए 👉 यहां पर दबाएं

इसे भी पढ़ें 👉 सरकार दे रही खेत में पानी की टंकी बनाने पर भारी सब्सिडी, जल्द करें आवेदन

इसे भी पढ़ें 👉 1 लाख युवाओं को जल्द मिलेगी सरकारी नौकरी, जानें आवेदन से लेकर सबसे अधिक पद किस विभाग में खाली

 

Leave a Comment

Floating WhatsApp Button WhatsApp Icon
error: Content is protected !!