Sugarcane Cultivation in September: सितंबर और अक्टूबर महीने में लगाए गन्ना की फसल, मिलेगा शानदार उत्पादन, जाने आवश्यक बातें

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किसान को शरदकालीन गन्ना की फसल बुवाई करने में जरूरी जानकारी, जानें Sugarcane Cultivation in September अपडेट..

Sugarcane Cultivation in September: गन्ना की खेती में उत्पादन की दृष्टि से देखें तो दुनिया भर में भारत दूसरे स्थान पर आता है। और हमारे देश में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी बना की खेती की जाती है। गन्ना की खेती किसानों के द्वारा करने के अलावा इसके उत्पादन के साथ-साथ अन्य लोगों को रोजगार भी मिलता है।

 

हमारे देश में गन्ना का खेती (Ganna Ki Kheti) किसानों के द्वारा मुख्य रूप से दो सीजन यानी बसंत ऋतु और सर्द ऋतु के रूप में होती है। किसानों को गन्ना की बुवाई का कार्य शरदकालीन के लिए सितंबर महीने के अंतिम 15 दिनों से शुरू होकर अक्टूबर महीने तक किया जा सकता है। बसंतकालीन के मुकाबले में शरदकालीन गन्ने की खेती की पैदावार में तकरीबन 20% अधिक उत्पादन मिलेगा। ऐसे में किसानों को अक्टूबर महीने में गन्ना की खेती की बुवाई का कार्य पूरा करें।

किसानों को शरदकालीन समय में गन्ना की बुवाई के लिए 15 सितंबर से लेकर अक्टूबर महीने में पूरा करना सबसे उचित समय माना गया है। क्योंकि सितंबर महीना जैसे ही समाप्त होता है बारिश का समय समाप्त होने के साथ-साथ ठंड भी अपना असर दिखने लगती है। जिससे गन्ना की बुवाई का कार्य आरंभ से होने के साथ ही अच्छी बढ़वार और बंपर पैदावार गन्ना में देखने को मिलेगा। लेकिन किसानों को गणना की खेती करने से पहले बुवाई में इस्तेमाल होने वाले बीज अच्छे किस्म का और बुवाई करने का सही विधि मालूम होना बहुत जरूरी है।

बेहतर उत्पादन के लिए बीज कैसा हो

Sugarcane Cultivation in September: किसानों को अपने खेतों में शरदकालीन गन्ना की बुवाई करने से पहले ही सही बीज का चुनाव करने के साथ-साथ अपने एरिया में कौन सा गन्ना के किस्म अच्छा होगा उसका चुनाव करना आवश्यक होगा। गन्ना की बुवाई करते समय किसान बीज का चुनाव गन्ना संस्थान के द्वारा तैयार किया गया या फिर खुद के द्वारा अच्छे किस्म का बीज तैयार किया होना चाहिए। गन्ना की फसल के लिए तैयार किए गए पौधों में कम से कम 7 से लेकर 9 महीने पुराना बीज का उपयोग करें।

बीज के लिए तैयार की गई की फसल का ऊपरी भाग सबसे अच्छा माना गया है। वहीं जो जड़ की और नीचे का भाग है वह उपयोग में नहीं ले तो अच्छा रहेगा।

किसान बीज को लेकर इस बात का अवश्य ध्यान रखें की पौधों में लाल सड़न रोग का प्रकोप ना हो। बता दें की गणना की फसल में यह रोग सीड या मिट्टी से ही फैलाता है । ऐसे में किसानों को इस बीच का उपयोग में नहीं लाना चाहिए। क्योंकि इसका बाद में उपचार करना संभव नहीं है। ऐसे में किसानों को बीच का उपयोग सही और स्वस्थ हो वहीं लेना चाहिए।

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गन्ना की बुवाई से जो बातें ध्यान रखें

किसानों को गन्ना की बुवाई से पहले बीज का चुनाव करते समय सीधे पौधों को काटना चाहिए और ऊपर की पत्तियों को हटा देना चाहिए। गन्ना की फसल बिजाई करने से पहले ही बीज को उपचारित करना बहुत जरूरी हो जाता है। ऐसे में किसानों को लाल सड़न रोग से बचाव के लिए गन्ने के काटे गए टुकड़ों को फफूंद नाशक दवा से उपचार करना चाहिए जिसके लिए किसान बाविस्टीन, थायोफिनेट, प्रोपिकोनाजोल या फिर हेक्साकोनाजोल कीटनाशक दवा को 1 लीटर पानी में एक ग्राम की मात्रा में घोल बनाकर रात भर रखना चाहिए।

गन्ना की में बीज लेने की विधि

किसान अपना खेत में गन्ना की बुवाई करने से पहले तैयार की गई नर्सरी में से पौधों का इस्तेमाल के लिए बड चीप विधि का भी उपयोग कर सकते हैं। इस विधि में किसानों को एक एकड़ में 80 से लेकर 100 किलोग्राम बीज की आवश्यकता रहती है।

इसके अलावा अगर किसान धान की खेती में पुरानी विधि से बुवाई करते हैं तो बीज की मात्रा प्रति एकड़ में 25 से 30 क्विंटल आवश्यकता रहेगी। इस विधि से किसानों को बंपर उत्पादन के साथ-साथ पौधे स्वस्थ हुए रोगों का प्रकोप कम देखने को मिलता है।

 

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Conclusion:- आज आपने सुपर खेती में जाना गन्ना की खेती सितंबर, अक्टूबर (Sugarcane Cultivation in September) महीने में बिजाई के बारे में जानकारी। किसान भाई किसी भी दवा का इस्तेमाल या फिर खेती से जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए कृषि विभाग द्वारा जानकारी प्राप्त करें।

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