देश में किसानों को उनके द्वारा बोई जाने वाली फसल का उचित कीमत मिले इसलिए कृषि मंत्रालय के द्वारा समर्थन किया जा रहा है वही इसके साथ ही खाद्य आपूर्ति मंत्रालय की ओर से किसानों को झटके वाला भी कार्य किया। बता दें कि OMSS (ओपन मार्केट सेल स्कीम) के माध्यम से गेहूं की कीमत को कम करने की कोशिश किया जा रहा है।
Wheat Price Update 2025
और इसके माध्यम से सरकार के द्वारा मार्केट में कम कीमत पर गेहूं बेचा जाएगा जिससे मौजूदा समय में चल रही गेहूं की कीमत कम हो जाएगी। जाहिर है कि ऐसा होने पर किसानों को नुकसान होने वाला है।
देश की राजधानी दिल्ली में स्थित कृषि भवन में कृषि मंत्रालय और खाद्य आपूर्ति मंत्रालय दोनों ही मौजूद हैं। कृषि मंत्रालय के द्वारा किसान के लिए उचित कीमत के लिए पैरोकारी वहीं दूसरी तरफ खाद्य आपूर्ति मंत्रालय कंज्यूमर्स की पैरोकारी कर रहा है।
अभी देश की कहानी मंडी में नया गेहूं भी आ रहा है। ऐसे में गेहूं की कीमत कम होने से किसानों को सीधा नुकसान है और किसानों को अपनी फसल का अच्छा कीमत मिलने का अवसर मिलने वाला है तो गेहूं की कीमत को कम किया जा रहा है।
कृषि मंत्रालय के द्वारा बार-बार यह प्रश्न किया जाएगा की किसानों की इनकम को बढ़ाने की बात करने के साथ अब जब किसानों को अच्छा कीमत मिलने का समय आया तो गेहूं कीमत को क्यों कम किया जा रहा है। बता दें कि सरकार को केवल कंज्यूमर्स को लेकर ही चिंता नहीं है बल्कि सरकार के द्वारा अपने बंपर स्टॉक में गेहूं खरीद को लेकर भी चिंता है।
देश की ज्यादातर राज्य में 1 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद का कार्य शुरू हो जाएगा। और उससे पहले सरकार के द्वारा गेहूं की कीमत को किसी भी तरह से MSP की कीमत के नीचे लाना रहेगा। अगर ऐसा नहीं हो पाया तो फिर बंपर स्टॉक के लिए एमएसपी रेट पर गेहूं को कौन बेचेगा। सरकार ने नई गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है जो कि इस समय बाजार कीमत 3000 रुपए प्रति क्विंटल बोला जा रहा है।
गेहूं बुवाई रकबा व पैदावार अनुमान
बता दें कि किसानों की और से अबकी बार रबी सीजन में गेहूं का बंपर बुवाई किया गया है। जिसको लेकर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के मुताबिक राजस्थान 0 जनवरी 2025 तक इस साल गेहूं की खेती तकरीबन 320 लाख हेक्टेयर जो कि पिछले साल इसी समय के दौरान 315.63 लाख हेक्टेयर यानी इसके मुकाबले में 5 लाख हेक्टेयर ज्यादा है।
अबकी बार मौसम अनुकूल रहने और मिट्टी में अच्छी तरह नमी बने रहने के कारण गेहूं का फसल अच्छा देखा जा रहा है। ऐसे में उम्मीद है कि गेहूं के पैदावार में वृद्धि होगी।
बता दे की मौजूदा साल में गेहूं पैदावार टारगेट केंद्र सरकार ने 1150 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया। और यह साल 2023 24 जुलाई जून के बीच रिकॉर्ड 1132 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा है। बता दें कि आगामी महीने के दौरान गेहूं के उत्पादन को लेकर कृषि मंत्रालय के द्वारा सटीक अनुमान जारी हो सकता है।
देश के पांच राज्य मध्य प्रदेश राजस्थान गुजरात उत्तर प्रदेश और बिहार के खाद्य मंत्रियों के साथ केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी की ओर से गेहूं की खरीद बढ़ाने को लेकर पहले ही बैठक किया जा चुका है।
गेहूं के रेट MSP से 600 रुपए ज्यादा
बता दे की 2025 26 मार्केटिंग सीजन में गेहूं के बंपर स्टॉक को लेकर उत्तर प्रदेश के साथी कई राज्यों में गेहूं की खरीद आगामी 1 मार्च 2025 से आरंभ हो जाएगा। वही देश के अन्य हिस्सों में गेहूं की सरकारी खरीद 1 अप्रैल से आरंभ होने वाली है। ऐसे में अब गेहूं की खरीद में कुछ सप्ताह का बाकी रह गया है। वहीं मौजूदा समय में गेहूं की कीमत एमएसपी रेट से 500 से 600 रुपए अधिक दर्ज किया जा रहा है।
अबकी बार गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी रेट में 150 रुपए की बढ़ोतरी हुई ओर कीमत 2425 रुपए प्रति क्विंटल तय हुआ है। बता दें कि 10 फरवरी को बाजार में गेहूं का थोक मूल्य 2967 रुपए दर्ज हुआ यानी वर्तमान में गेहूं MSP की तुलना में 540 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं की कीमत अधिक चल रही है।
गेहूं खरीद से पहले बाजार में 12 लाख टन उतारा
Wheat Price Update 2025: अबकी बार किसानों के द्वारा गेहूं की कीमत MSP से ज्यादा मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन इसी बीच अब किसानों के लिए बुरी खबर क्योंकि केंद्र के द्वारा एफसीआई को OMSS के तहत ट्रेडर्स, मिलर्स को गेहूं बिक्री लिमिट 1.4 लाख टन से बढ़ाकर 4.5 लाख टन किया गया है।
उद्योग से जुड़े हुए विशेषज्ञों के मुताबिक FCI के जरिए केंद्र की ओर से बाजार में 25 लाख टन गेहूं लाने का निर्देश दिया गया। जिसमें से बाजार में तकरीबन 13 लाख मीट्रिक टन गेहूं उतारा जा चुका है। और बाजार में आगामी 2 हफ्ते 12 लाख मीट्रिक टन गेहूं उतारने की तैयारी हो रही है।
किसानों को गेहूं कीमत एमएसपी से अधिक या कम
गेहूं के बाजार में 12 लाख मीट्रिक टन एफसीआई के जरिए आपूर्ति होने के बाद गेहूं का रेट सरकारी खरीद के कुछ समय पहले एमएसपी रेट से नीचे आ जाएगा।विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक FCI के आपूर्ति बढ़ाने से गेहूं बाजार कीमत MSP से कम 1 मार्च से पहले नीचे हो जाएगा। ऐसे में ऐसा होने पर किसानों को गेहूं की अपनी फसल का मूल्य काम प्राप्त होगा।
वहीं किसानों को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की फसल का ज्यादा कीमत दिलाने की कोशिश को झटका लगेगा। विशेषज्ञों के कहे मुताबिक किसानों को सरकार के द्वारा गेहूं का सर प्लस भाव देने कि व्यवस्था करना चाहिए। ऐसे में किसानों को बोनस के रूप में दिया जा सकता है, जिससे उनका भला किया जा सकता है। लेकिन खाद्य मंत्रालय के द्वारा बीते कुछ समय में किए गए फैसलों और प्रयास को देखा जाए, तो गेहूं की कीमत को कम करने की ओर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में किसानों को अपने गेहूं की फसल में अधिक कीमत देने की मंशा पर भी अब सवाल खड़े हो रहे हैं। व्यापार अपने विवेक से निर्णय लें कर करें।
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Conclusion: आज आपने सुपर खेती पर जाना Wheat Price Update 2025: गेहूं किसानों की बढ़ेगी मुश्किलें, गेहूं की कीमत हो जाएगी MSP से नीचे?। सभी किसान व व्यापारी अपना व्यापार अपने विवेक से करें क्योंकि आने वाले समय के फसल की मांग, मौसम की स्थिति, सरकार के फैसले पर फसल में तेजी या गिरावट आती है। व्यापार में किसी तरह के हानि के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे। ऐसे में व्यापार अपने विवेक से करें।
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नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जसवंत है। मैं सुपर खेती (Super Kheti) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों अपनी कृषि से जुड़ी सभी फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दिया जाता है। मैं किसानों के लिए ताजा न्यूज और योजनाओं के बारे में आर्टिकल लिखना पसंद करता हूं। मैं लगातार 3 साल से वेबसाइट पर काम कर रहा हूं।