Dhan Me Haldi Ganth Rog: धान की फसल में हल्दी गांठ रोग क्या है, जानें इसकी रोकथाम के लिए किसानों को क्या करना चाहिए

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Dhan Ki Kheti: धान की फसल में कई तरह के कीट रोग या वायरस का अटैक होता है। जिसके चलते किसानों को उपज में भारी नुकसान उठाना पड़ता है। धान की फसल की तैयारी से लेकर कटाई तक किसानों को समय-समय पर निगरानी अवश्य रखें। ताकि धान की फसल में किसी भी रोग का प्रकोप देखने को ना मिले नहीं तो भारी उत्पादन गिर जाएगा। इसी में से एक रोग धान की फसल में हल्दी गांठ रोग का प्रकोप भी देखने को मिल सकता है। 

 

धान की फसल में हल्दी गांठ रोग क्या है

धान की फसल में होने वाले हल्दी गांठ रोग का प्रकोप अधिकतर हाइब्रिड किस्म में देखने को ज्यादा मिलता है। वहीं अन्य के किस्म में कम देखने को मिला है ऐसे में किसानों को इस रोग की रोकथाम के लिए क्या-क्या तरीका लगा सकते हैं या फिर इसकी क्या पहचान है आईए जानते हैं…

 

 

धान में हल्दी गांठ रोग की क्या पहचान है

 

 

विशेषज्ञों के मुताबिक धान की फसल में जब बालियां आना शुरू हो जाता है। उसके बाद इस रोग का लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जो की बोलियों में बनने वाले दोनों में कहीं-कहीं दोनों पर एक पाउडर के रूप दिखाई देता है। शुरुआती दौर में इसके बड़े जीवाणु जो की संतरी रंग के दिखाई देते हैं। लेकिन जैसे ही समय गुजरता है यह हरा काला या फिर पीले हरे रंग के देखने को मिलते हैं। इसका प्रकोप होने से फसल का पौधों की वृद्धि होना रुक जाएगा।

 

 

हल्दी गांठ रोग कब अधिक होता है 

 

धान की फसल पौधों में जब फूल आना शुरू हो उसमें मानसून के सीजन में या मौसम खराब होने की स्थिति में बादल छाए रहने से नमी और वर्षा के चलते इस रोग का प्रकोप और ज्यादा बढ़ाने की असर होता हैं।

 

 

इसके अलावा किसानों के द्वारा अपनी फसल में अधिक मात्रा में नाइट्रोजन या फिर जैविक खाद का इस्तेमाल करने से भी इस बीमारी की बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।

 

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रोकथाम के लिए किसान क्या करें 

 

 

किसानों को अपनी फसल में इस रोग की रोकथाम के लिए जब पौधों में बालियां बनने शुरू हो जाए। उस समय पर प्रोपीकोनजोल तथा पिकोकसीसट्रोबिन 400 ml कीटनाशक दवा का 200 लीटर पानी के साथ छिड़काव कर सकते हैं।

 

या फिर इसके अलावा हाइड्रोआक्साइड 46 डीएफ 50 ग्राम का इस्तेमाल 200 लीटर पानी के साथ छिड़काव कर सकते हैं। किसानों को अपनी फसल में आवश्यकता से अधिक छिड़काव से बचना चाहिए।

 

 

नोट:- धान की फसल में हल्दी गांठ रोग के लक्षण दिखाई देने पर अपने आसपास के कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर को सलाह लेकर ही किसी भी कीटनाशक दवा का छिड़काव करें। क्योंकि इन कीटनाशक छिड़काव से फसल में नुकसान देखने को मिल सकता है। ऐसे में किस एक बार संपर्क करने के बाद ही छिड़काव करना सही होगा।

 

 

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Conclusion:- आज आपने जाना धान की फसल में हल्दी गांठ रोग क्या है, इसकी क्या लक्षण दिखाई देता है। और इसके लिए रोकथाम के उपाय के बारे में जानकारी। किसानों को अपनी फसल में सावधान के साथ ही छिड़काव करना और उसकी लगातार देखभाल करते रहना चाहिए।

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