Lahsun Ki Top 10 Variety 2024: हमारे देश में लहसुन की खेती (Garlic Cultivation) विभिन्न राज्यों में किया जाता है। और लहसुन की खेती करना किसानों के लिए काफी फायदे का सौदा भी है क्योंकि लहसुन सब्जियों में काम आने के साथ ही मसाले और दवा के रूप में भी इस्तेमाल हुआ होता है। लहसुन का उपयोग हर घर में रसोई में होता है और इसकी आए दिन डिमांड बनी रहती है ऐसे में किस लहसुन की खेती करें अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं लेकिन इसके लिए किसानों को उन्नत किस्म का बीच बोना होगा और इसके साथ-साथ सही तरीके से खेती भी करनी होगी। जिसकी पूरी जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है।
2024 में लहसुन की 10 अच्छी वैरायटी कौन सी है
ऐसे में आज हम आप सबको इस www.superkheti.com वेबसाइट की आर्टिकल में आपको लहसुन की खेती के लिए लहसुन की 10 अच्छी वैरायटी कौन सी है। इसकी खेती करने का तरीका मौसम कैसा होना चाहिए। इसके बीच का उपचार, खरपतवार नियंत्रण, भूमि में खाद कितना डालना है सभी तरह की जानकारी आप इस आर्टिकल में जान पाएंगे।
लहसुन की फसल के लिए मौसम कैसा चाहिए
जो भी किसान भाई लहसुन की खेती (Lahsun Ki Kheti) करना चाहते हैं उनकी जानकारी के लिए बताएं कि लहसुन की फसल के लिए ठंडी जलवायु बहुत जरूरी है क्योंकि यह ना ही तो ज्यादा गर्मी ना ही ज्यादा सर्दी सही नहीं होती। ऐसे में किसानों को इन दोनों ही मौसम का बीज का समय खेती करना सबसे उत्तम रहेगा। लहसुन की खेती के लिए तापमान की बात करें तो करीब 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास ही रहना चाहिए और दिन का समय छोटा होना चाहिए।
लहसुन की खेती में जमीन कैसा हो
इसकी खेती करने के लिए किसानों को सबसे पहले अपनी भूमि में जल भराव होने के स्थिति उत्पन्न ना हो इसके लिए जल निकासी वाला भूमि हो और दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे उपयुक्त मिट्टी रहेगा। किसानों को फसल बोने से पहले तीन से चार बार अच्छी तरह से जुताई करना चाहिए। इसके अलावा किसानों को अपनी मिट्टी की जांच करवाना चाहिए और मिट्टी का पी.एच. मान 6.5 से 7.5 इसके लिए अच्छा माना जाता है
लहसुन की 10 सबसे उन्नत किस्म कौन सी है
आज आपको हम लहसुन कि 10 से 12 किस्म जो की सबसे ज्यादा अच्छी मानी जाती है। उसके बारे में जानकारी दी जा रही है। आईए जानते हैं पूरी डिटेल के साथ
1. लहसुन किस्म यमुना सफेद 1 (जी-1)
Variety Lahsun Yamuna White 1 (G-1): लहसुन की वैरायटी यमुना सफेद जिसे जी-1 के नाम से भी जाना जाता है। इस वैरायटी में बनने वाले कांड एक मजबूत और चमकदार होता है। इस लहसुन किस्म को पकने में 150 से 160 दिन के करीब का समय लगेगा और इसकी पैदावार की बात करें तो प्रति हेक्टेयर में करीब 150 से 160 क्विंटल तक हो जाता है।
2. लहसुन किस्म यमुना सफेद 2 (जी-50)
Variety Lahsun Yamuna White 2 (G-50): लहसुन की यह वैरायटी प्रति हेक्टेयर उत्पादन 130 से 145 क्विंटल के आसपास मिलता है। वहीं इसको बुवाई करने के 165 से 170 दिन तैयार होने में लेती है। बात करें इस किस्म में रोग प्रतिरोधक क्षमता की तो यह लहसुन में आने वाले बैंगनी धब्बा रोग और झुलसा रोग के प्रति सहनशील माना गया है।
3. लहसुन किस्म यमुना सफेद 3 (जी-282)
Variety Lahsun Yamuna White 3 (G-282): लहसुन की इस वैरायटी यमुना सफेद 3 में बनने वाला कंद का आकार बड़ा होता है। इसमें कलियों की बात करें तो 15 से 16 मिलती हैं। लहसुन की वैरायटी यमुना सफेद 3 को बाय करने की 140 से 145 दिन में पक्ककर तैयार होती है। और इसके उत्पादन की बात करें तो प्रति हेक्टेयर में 175 क्विंटल से लेकर 200 क्विंटल तक हो जाता है।
4. लहसुन किस्म यमुना सफेद 4 (जी-323)
Variety Lahsun Yamuna White 4 (G-323): लहसुन के यमुना सफेद का वैरायटी में भी बड़े आकार के होते हैं। और इसमें कलियों की संख्या 18 से 20 पाई जाती है। अब बात करें इसके उत्पादन की तो प्रति हेक्टेयर में 200 से 250 क्विंटल तक रहता है और बुवाई करने के 162 से लेकर 175 दिन में फसल तैयार होगा।
5. लहसुन किस्म यमुना सफेद 5 (जी-189)
Variety Lahsun Yamuna White 5 (G-189): यमुना सफेद 5 लहसुन की किस्म को चमकदार होने के साथ-साथ बड़े आकार के होते हैं। जिसमें कलियों की संख्या 20 से लेकर 30 तक पाई जाती है। बात करें इस किस्म को बोलने के बाद करीब 155 से 160 दिन पकने में समय लेता है। वहीं प्रति हेक्टेयर में पैदावार औसत 165 से 175 क्विंटल तक होता है। यह लहसुन में होने वाले रोग जैसे बैंगनी धब्बा, थ्रिप्स और झुलसा रोग के प्रतिरोधी माना गया है।
6. लहसुन किस्म एग्री फाउंड व्हाईट (जी-41)
Variety Lahsun Agri Found White (G-41): लहसुन की यह वैरायटी देश के कई राज्यों जैसे कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र के लिए तैयार किया गया है और इस किस्म को बुवाई करने के 152 से 160 दिन में पककर तैयार होगी वहीं इसके उत्पादन की बात करें तो 135 से 145 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होता है।
7. लहसुन किस्म एग्रीफाउण्ड पार्वती (जी- 313)
Variety Lahsun Agrifound Parvati (G- 313): लहसुन की एग्रीफाउण्ड पार्वती (जी- 313) वैरायटी को सबसे उपयुक्त पहाड़ी क्षेत्र के लिए माना गया है। इसमें बनने वाले कंद में कलियों की संख्या 12 से 15 के बीच रहेगा। और यह किम एक लंबे समय में तैयार होने वाली किस्म है और इसको पकने में करीब 250 से 265 दिन का समय लगेगा। इस कम को बुवाई करने के बाद प्रति हेक्टेयर में उत्पादन 170 से 220 क्विंटल तक होता है
8. लहसुन किस्म टाइप 56-4
Variety Lahsun Type 56-4: बात करें लहसुन की कसम टाइप 56-4 को विकसित की बात तो यह पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा तैयार किया गया। इस किस्म में लहसुन कंद का छोटा आकर और वहीं बनने वाली कलियों की संख्या में 25 से 30 तक रहता है। और यह प्रति हेक्टेयर में 160 से 200 क्विंटल तक का उत्पादन देता है।
9. लहसून किस्म आईसी 49381
Variety Lahsun IC 49381 : लहसुन की किस्म आईसी 49381 को भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र के द्वारा तैयार किया गया है और इस किस्म को पकाने में 165 से 180 दिन लग जाते हैं। और इसका उत्पादन भी शानदार रहता है।
10. लहसुन किस्म सोलन
Variety Lahsun Solan: लहसुन की वैरायटी सोलन को विकसित करने का काम हिमाचल प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय के द्वाराकिया गया। इस वैरायटी में पौधों में पत्तियों का रंग गहरा होने के साथ चौड़ी और लंबी दिखाई देती है।
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नोट 👉 किसान भाइयों आपने आज लहसुन की 10 किस्म के बारे में जानकारी प्राप्त की इसके अलावा भी बहुत सी ऐसी किस्म है जिनको बिजाई कर किसान अच्छा उत्पादन लें सकते हैं। लहसुन किस्म से जुड़ी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप नजदीकी कृषि विभाग से भी संपर्क करें।
लहसुन की बुवाई का कब होगा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लहसुन की खेती के लिए बुवाई का सही समय अक्टूबर और नवंबर महीने में रहता है। और सही समय पर बुवाई कर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
लहसुन के बीज का उपचार करना
किसानों को वैसे तो सभी फसलों के बीच उपचार करना बहुत जरूरी होता है क्योंकि इसमें लगने वाले प्रमुख कीट रोगों से सुरक्षा मिलती है। लेकिन अगर आप लहसुन की खेती करते हैं या आप करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले बीच को उपचार करना वह जरूरी होता है जिसके लिए आपको प्रति हेक्टेयर में 5 से 6 क्विंटल बीच की आवश्यकता रहेगी।
किसानों को लहसुन की बुवाई करने से पहले लहसुन की कलियों को अच्छी से मैकोजेब + कार्बोडीज्म 3 ग्राम दवा के घोल में डालकर अच्छे से उपचारित करना चाहिए।
बीज को उपचारित करने के बाद किसानों को अपनी भूमि को अच्छे से समतल हो जाने पर लाइन से लाइन में एक कली से दूसरी कली 8 सेंटीमीटर सही दूरी पर लगाना चाहिए और एक कतार से दूसरी कतार की दूरी 15 सेंटीमीटर सही माना गया है। इसके बाद हल्की मिट्टी से ढक दें।
लहसुन की खेती बुवाई में कौन सा खाद डालें
इसकी खेती के लिए किसानों को अच्छे से जुताई करने के बाद खाद को डालना है। जिसके लिए किसानों को गोबर की गली सड़ी खाद जो 20 से 25 टन प्रति हेक्टेयर में डालना चाहिए या फिर किसानों को इसकी जगह पर वर्मी कंपोस्ट से तैयार की गई खाद 5 से 7 टन या फिर कंपोस्ट का डाल सकते हैं।
प्रति हेक्टेयर में खाद का उपयोग
1. यूरिया खाद 260 किलोग्राम
2. फास्फोरस खाद 375 किलोग्राम
3. पोटाश खाद 60 किलोग्राम
4. गंधक (सल्फर) 375 किलोग्राम
किसानों के द्वारा जब भूमि को तैयार किया जाए और अंतिम जुताई की जाए उसे समय किसानों को गोबर की खाद, पोटाश और डीएपी की मात्रा को पूरा डालना चाहिए। वही यूरिया की मात्रा को आधा ही डालना है। इसके बाद जब फसल करीब 30 से 40 दिन का हो जाए उसके बाद यूरिया की बाकी बची हुई मात्रा को भी छिड़काव करना चाहिए।
लहसुन में सिंचाई कब तक करें
अब बात आती है लहसुन की फसल में सिंचाई की तो किसानों को इसके लिए हल्की सिंचाई का ही उपयोग में लाना चाहिए और करीब एक सप्ताह की अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए। वहीं आपकी लहसुन की फसल पकने का स्थिति में आए तो आप 12 से 15 दिन के बीच के अंतराल में सिंचाई कर सकते हैं। किसानों को इस बात का मुख्य रूप से ध्यान रखना है। कि खेत में पानी का भराव ना हो।
लहसुन फसल में होने वाले खरपतवार की रोकथाम
किसी भी फसल में खरपतवार का नियंत्रण बहुत जरूरी है और लहसुन की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए किसानों के लिए सबसे सही तरीका यही है की फसल बुवाई 1 महीने होने के बाद पहली बार हाथ से खुरपी या अन्य बने औजार से निराई गुड़ाई का कार्य करें वही दूसरा निराई गुड़ाई का कार्य 50 दिन के आसपास करना चाहिए।
इसके अलावा किसान भाई लहसुन फसल बुवाई करने के पहले खरपतवार की रोकने के लिए प्लुक्लोरोलिन 1 किलोग्राम दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं या फसल की बुवाई करने के बाद, लहसुन की फसल उगने से पहले पेड़ामेंथिलीन 1 किलोग्राम दवा का छिड़काव स्प्रे द्वारा 500 लीटर पानी प्रति हेक्टेयर में करें।
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Conclusion:- आपने आज इस आर्टिकल में लहसुन की खेती के लिए लहसुन की 10 अच्छी वैरायटी कौन सी है। जिसमें हमने आपको 10 टॉप उन्नत किस्म के बारे में जानकारी दिया गया। इसके अलावा लहसुन की फसल में बीज उपचार भूमि की तैयारी खरपतवार सिंचाई आदि की भी जानकारी दी गया है।
नोट 👉 दोस्तों हमारे वह दोबारा दी गई जानकारी से आप जरूर संतुष्ट होंगे। लेकिन लहसुन की फसल में होने वाले बीच की मात्रा या खाद की मात्रा आपके जमीन के स्तर के अनुसार कम या अधिक हो सकती हैं।