आने वाले दिनों में करना चना की खेती, तो बुवाई करे चना की टॉप किस्म Pusa Manav Chana Variety….
Pusa Manav Chana Variety :- देश के कई राज्यों में खरीफ की फसल काटने के बाद अब रबी फसल सरसों की बुवाई का कार्य आरंभ होने के साथ ही अन्य फसलों के बिजाई की तैयारी शुरू हो चुका है।
हमारे देश में गेहूं के बाद सरसों व चना की खेती भी रबी के सीजन में अच्छी की जाती है। जिन किसानों को चना की बुवाई करने की इच्छाएं या खेती करते हैं तो उनको अच्छी उत्पादन प्राप्त करने के लिए अपने भूमि के अनुसार अच्छी किस्म का चयन करना बहुत जरूरी।
आज हम आपको इस आर्टिकल के द्वारा डिटेल में जाना कहीं एक नई उन्नत ऐसी ही किस्म इसके बारे में बताएंगे ताकि किसानों को चना के खेती करने से पहले किस्म की अच्छे से जानकारी हो और जिससे अधिक मुनाफा प्राप्त किया जा सके।
किसान साथियों के लिए जानकारी के साथ हम बताना चाहेंगे कि आज हम जिन चना की किस्म के बारे में बता रहे हैं उसको पोश चना 20211 देसी पूसा मानव के किस्म कहा जाता है। Pusa Manav Chana Variety वैरायटी को लगाकर किस काम समय में अच्छा उत्पादन ले पाएंगे और यह वैरायटी में कितना उत्पादन और इसकी पकने की अवधि से लेकर इसमें क्या-क्या मुख्य विशेषताएं होगी, जानते हैं पूरी डिटेल के साथ जानकारी
चना का किस्म 20211 देसी (पूसा मानव) पूरी जानकारी
Pusa Manav Chana Variety:– यह चना वैरायटी पूसा चना 20211 देसी (पूसा मानव) को वर्ष 2021 में खेती के लिए जारी करने वाले चना की किस्म जोकि देश के मध्य भारत में स्थित राज्य जैसे मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र के लिए उपयुक्त माना गया है।
किसान इस 20211 देसी (पूसा मानव) वैरायटी को अपने भूमि में सही समय पर बुवाई के साथ-साथ सिंचाई वाले क्षेत्रों में उपयुक्त माना गया है। और इसके वैरायटी में कम खर्चे में अधिक पैदावार प्राप्त कर पाएंगे।
चना वैरायटी 20211 देसी – पूसा मानव अन्य विशेषताएं
किसानों को अपनी भूमि में चना की अच्छी उत्पादन के लिए समय पर बुवाई करने के साथ-साथ सिंचाई अवस्था में इस किस्म का चुनाव कर सकते हैं। वहीं इस Pusa Manav Chana Variety में उपज में मिलने वाले दानों का वजन लगभग 19.5 ग्राम का होता है। इसके अलावा 18.9% प्रोटीन की मात्रा भी मिलती है वहीं बाजार व मंडी में इसकी कीमत भी अच्छा रहेगा।
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चना वैरायटी 20211 देसी – पूसा मानव का उत्पादन
चना देशी 20211 (पूसा मानव) की समय पर बुवाई करने से ये किस्म पकने में 105 दिन तक का समय लगता है। इसके अलावा इस किस्म में प्रति हेक्टेयर उत्पादन अधिकतम 32.9 क्विंटल और औसत पैदावार 23.9 क्विंटल तक का होता हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता कितना है
Pusa Manav Chana Variety:- जानकारी के लिए बता दें कि इस चना की वैरायटी में फुसैरियम विल्ट रोग प्रतिरोधक क्षमता अत्यधिक प्रतिरोधी माना गया है। वहीं दूसरी रोग जैसे कॉलर रॉट, फली भेदक व शुष्क जड़ गलन रोग के लिए मध्यम प्रतिरोधी माना गया है।
चना का बंपर पैदावार लेने का तरीका
चना फसल की बुवाई:- चना की खेती वैसे तो किसानों के द्वारा लंबे समय से करते आ रहे हैं तो उन्हें जानकारी रहती है लेकिन फिर भी किसने की जानकारी के लिए बताएं कि किस चना की अधिक पैदावार लेना चाहते हैं। तो चना की बुवाई का समय अक्टूबर महीने पहले वह दूसरे पखवाड़े के दौरान संचित और असंचित दोनों ही स्थिति में कर लेना चाहिए। वहीं जिन भूमि में किसानों को अपनी चना की फसल में उकटा रोग का प्रकोप अधिक देखने को मिलता है तो बुवाई का काम में देर से करना चाहिए
चना की फसल के लिए मिट्टी कैसा होना चाहिए: चना की बुवाई के लिए हल्की दोमट मिट्टी के साथ-साथ पानी खड़ा ना हो ऐसा ही सही माना जाता है और इसकी मिट्टी की जांच किसानों को करवाना चाहिए जिसका पीएच मान 6.6 से 7.2 के बीच रहना चाहिए।
चना की बुवाई से पहले खेत की तैयारी
किसानों को चना की बुवाई करने से पहले खेत को अच्छे से गहरी चलने वाले हीरो डिस्क हैरो से जुताई कर देना चाहिए। अच्छे से जुताई होने के बाद सुहागा (पाटा) लगाकर जमीन को समतल बनाएं।
चना की बिजाई करने वाले समय सावधानी
किसानों को अपनी भूमि में चना की बुवाई करते समय चने के बीज को गहराई में डालना चाहिए ताकि उन्हें बीच में नमी पर्याप्त मात्रा में मिलती रहे और कम नामी में भी रहती किया जा सके। जिन किसानों के द्वारा पानी की सिंचाई वाले क्षेत्रों में चना की बुवाई करते हैं उसे समय किसानों को बीज को 5 से लेकर 7 सेंटीमीटर गहराई में डालना चाहिए
जड़ गलन व उखटा रोग से बचाव में क्या करें
बुवाई करने से पहले किसानों को अपनी की फसल में जड़ गलन व उखटा रोग से बचाव में प्रति किलो ग्राम बीज को मैन्कोजेब 2 ग्राम या कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम या फिर थाईरम 2.5 ग्राम के साथ चना के बीज की उपचार करना चाहिए।
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