बाजरा की फसल में कौन कौन से रोग होते हैं, रोग और कीट नियंत्रण कैसे करें, पूरी जानकारी

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Bajra Ki Kheti:- देश के हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में बाजारा की खेती बड़े स्तर पर किया जाता है। और यह खेती एक कम समय में और कम खर्चे में होने वाला खेती है। लेकिन किसानों को होने वाले कीट और रोगों का बचाव करना बहुत जरूरी है। किसानों को कृषि विभाग के द्वारा इस खरीफ फसल में होने वाले रोगों और कीटों की रोकथाम के लिए क्या-क्या उपाय बताए गए हैं। बाजरा की फसल में कौन कौन से रोग होते हैं। वह आप इस आर्टिकल के माध्यम से जान पाएंगे।

बाजरा की फसल में कौन कौन से रोग होते हैं

Bajra Ki Fasal Me Rog:- राजस्थान एक बड़ा राज्य है और यहां पर बाजारा की खेती बड़े पैमाने में किया जाता है। लेकिन किसानों को बाजार की फसल में मुख्य रूप से सफेद लट, तुलासिता रोग, तना छेदक, ब्लास्ट रोग, प्ररोह मक्खी के अलावा कातरा कीट का प्रकोप भी देखने को मिलता है। ऐसे में किसानों को अपनी होने वाली भादरा की खेती में रोगों से छुटकारा कैसे मिलेगा इसका भी सलाह दिया गया है। जो कि किसान अपनाकर अपनी फसल को अच्छे उत्पादन में बदल सकते हैं।

बाजरा में कीट और रोग का रासायनिक नियंत्रण क्या है

Bajra Me Kit Rog Ki Roktham kaise Kare:- किसानों को अपनी बाजरा (बाजरी) की फसल में होने वाले रोग को कैसे रोकथाम किया जाए। आइए जानें पूरी जानकारी के साथ…

बाजरा में प्ररोह मक्खी, तना मक्खी का नियंत्रण

Shoot Fly, Stem Fly in Millet: बाजरा की फसल में तना मक्खी और प्ररोह मक्खी का नियंत्रण बहुत जरूरी होता है। और इसको नियंत्रित करने के लिए कृषि विभाग के मुताबिक किसान अपनी बाजरा की बुवाई हो के बाद करीब 35 दिन से 40 दिन के बीच में फिप्रोनिल 40 % और इमिडाक्लोप्रिड 40% WG का इस्तेमाल 5 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी में फसल में इस्तेमाल करना चाहिए।

बाजरा में फड़का रोग की रोकथाम (Prevention of Blight Disease in Millet)

यह फड़का रोग मुख्य रूप से बाजरा की फसल में बारिश के समय या बाद में दिखाई देता है। इससे बचाव में किसान कृषि विभाग के मुताबिक प्रति हेक्टेयर 25 किलोग्राम क्यूनालफॉस 1.5% जिसका चूर्ण का छिड़काव करना चाहिए।

बाजरा में तुलासिता रोग से बचाव करना (Preventing Tulasita Disease in Millet)

तुलासिता रोग से बाजरा की फसल के बचाव के लिए कृषि विभाग के अनुसार प्रति हेक्टेयर में 2 किलोग्राम (KG) मैन्कोजेब का छिड़काव फ़सल की बिजाई करने के 21 दिन बाद में करना चाहिए।

बाजरा में ब्लास्ट रोग का नियंत्रण करना (Controlling Blast Disease in Millet)

ब्लास्ट रोग बाजार की फसल में शुरुआती दौर में ही प्रकोप देखने को मिले तो इसके बचाव के लिए किसानों को कृषि विभाग के मुताबिक प्रोपीकोनाजोल 25 ईसी या फिर ट्राइफलोक्सीस्ट्रोबिन 25% के साथ में टेबुकोनाजोल 50% (75 WG) का स्प्रे द्वारा छिड़काव 0.05% घोल का करना चाहिए। पहले छिड़काव के बाद किसानों को दूसरा छिड़काव 15 दिन के बाद फिर से करने के लिए सलाह दी गई है।

फसल में कातरा कीट नियंत्रण करना (Crop Pest Control)

बाजरे में होने वाले कीट कातरा का नियंत्रण बेहद आवश्यक होता हैं। जिसके लिए किसान को कृषि विभाग ने फसल और इसके आसपास में होने वाले जंगली घास के ऊपर प्रति हेक्टेयर में 25 किलोग्राम में क्यूनालफॉस 1.5% चूर्ण का भूमि पर छिड़काव करना चाहिए।

वहीं अगर बाजरा की फसल में लट की रोकथाम के लिए कृषि विभाग के मुताबिक खेत के चारों ओर गड्ढा खोदना है। फिर इन गड्ढों में क्यूनालफॉस 1.5% चूर्ण को छिड़क दें। अब जो भी लटें गड्ढे में आएगी खत्म हो जाएगी।

बाजरा में दीमक, सफेद लट का प्रकोप (Infestation of Termites And White Braide in Millet)

जहां पर पानी सही मात्रा में मिले वहां पर किसानों को प्रति हेक्टेयर क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी 1 लीटर या फिर क्यूनालफॉस 25 ईसी 625 मिली लीटर का छिड़काव कर सकते हैं।

बाजरा की फसल जिस खेत में खड़ी में सफेद लट व दीमक के बचाव के लिए किसानों को बिजाई के 21 दिन बाद इमिडाक्लोप्रिड 17.8 ml का 60 ग्राम सक्रिय तत्व का इस्तेमाल प्रति हेक्टेयर में करना चाहिए।

कीटनाशक दवा के छिड़काव के समय जरूरी बातें

किसानों को अपनी किसी भी फसल में कीटनाशक दवा का छिड़काव करते समय अपने शरीर के सावधानी रखनी बहुत आवश्यक है।इसके लिए किसानों को अपने शरीर को ढकने वाले वस्त्र के साथ-साथ , मास्क पहनना, चश्मा लगाना, हाथ में दस्ताने जरूर लगाना चाहिए। ताकि उन्हें दवा का कोई भी साइड इफेक्ट ना हो और इसके अलावा किसानों को छिड़काव करते समय मौसम का ध्यान रखना चाहिए। और मौसम साफ होने पर ही छिड़काव करें ताकि दवा का सही से रिजल्ट प्राप्त हो।

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Conclusion:- आज आपने जाना बाजरे में कौन कौन से रोग होते हैं, रोग और कीट नियंत्रण कैसे करें। ओर कीटनाशक दवा के छिड़काव में क्या क्या सावधानी बरतें।

नोट 👉 आज आपने जाना बाजरा की फसल में कौन कौन से रोग होते हैं, बाजरे की फसल में होने वाले रोगों व कीटों की रोकथाम के लिए कीटनाशक दवा की बारे में जानकारी। हमारे द्वारा दी गई किसी भी दवा जानकारी हमने कृषि विभाग के मुताबिक ही बताया है। लेकिन फिर भी किसी भी दवा का इस्तेमाल करते समय अपने नजदीकी कृषि विभाग के द्वारा एक बार फिर से जानकारी जरूर ले।

FAQ

1. बाजरे की फसल में कौन सा रोग लगता है?

Answer :- किसानों को बाजरा की फसल में अनेक तरह के कीट रोग जैसे सफेद लट, तुलासिता रोग, तना छेदक, ब्लास्ट रोग, चेपा, प्ररोह मक्खी, कातरा कीट और अन्य रोग दिखाई देते हैं।

2. बाजरे की उन्नत किस्में कौन कौन सी है?

Answer:- बाजरा की उन्नत किस्म कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा समय समय पर विकसित किया जाता है। वहीं मौजूदा बाजरा किस्म की बात करें तो HHB – 67, पुसा 23 (MH-23), नंदी बाजरा-72, नंदी-75, पायोनियर, रासी 1827, कावेरी सुपर बॉस, TATA MP 7172, TATA MP 7878 और बलवान आदि किस्म की बुवाई कर सकते हैं।

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