रबी सीजन आरंभ होने के साथ ही किसानों की द्वारा मैदानी क्षेत्रों में सरसों की बुवाई करने का काम जोरों पर चल रहा है। लेकिन सरसो की बिजाई से पहले किसानों को सरसों खेत की तैयारी Mustard field Preparation में किन किन बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए ताकि उन्हें सरसो की शानदार उत्पादन प्राप्त हो। बता दे कि भारत में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब में सरसो की बिजाई किया जाता है
बुवाई से पहले सरसों खेत की तैयारी (Mustard field Preparation)
किसानों को सरसो की बिजाई का कार्य अपने विधि के अनुसार करने की अलावा खेत की मिट्टी को भी अच्छे से प्यार करना बहुत आवश्यक हो जाता है। जिसके लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के द्वारा किसानों को सरसो के खेती के लिए उचित सलाह दिया गया है। जिसको अपनाकर किसान कम खर्च में अधिक उत्पादन प्राप्त कर पाएंगे।
Mustard field Preparation: किसानों के द्वारा इसी साल खरीफ सीजन के दौरान तिलहन फसल को बढ़ावा दिया गया। जिस कारण से इस साल खरीफ फसल में तिलहन का रकबा 3 लाख हेक्टेयर भूमि में अधिक बुवाई किया गया था। बता दें कि बीते साल 190.92 लाख हेक्टेयर के मुकाबले में इस बार 193.84 लाख हेक्टेयर भूमि में बुवाई किया गया।
किसानों के द्वारा तिलहन फसलों बुवाई में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए सरसो की भी बुवाई इस बार बंपर होने की संभावना है। क्योंकि सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2022/23 यानी एमएसपी रेट के मुकाबले में वर्ष 2023/24 में 400 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 5450 रुपए प्रति क्विंटल किया गया था।
बुवाई से पहले सरसों का तैयार कैसे करें
किसानों को अपनी भूमि में सरसों बुआई करने से पहले किन किन बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है इसके लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के प्रसार एवं प्रशिक्षण ब्यूरो के द्वारा सलाह दी गई है। जिसमें किसानों को अपनी भूमि को तैयार करने के अलावा सभी तरह के जरूरी पोषक तत्व भी मिल पाएगा।
1. उनकी सलाह के अनुसार किसानों को अपनी भूमि को पहले से समतल होने पर ही सरसों की बुवाई का कार्य शुरू करना चाहिए।
2. सरसों की फसल का अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए अच्छे जल निकासी और बलुई दोमट से दोमट मिट्टी में बंपर पैदावार होती है।
3. सरसों की बुवाई से पहले यह जानें कि जमीन क्षारीय तो नहीं है। अगर जमीन जमीन क्षारीय है तो फिर किसानों को प्रति हेक्टेयर हर तीसरे वर्ष जिप्सम 5 टन की मात्रा मिलना चाहिए।
4. जिन क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में सिंचाई की सुविधा है। वहां पर किसानों को पहली जुताई का काम मिट्टी पलटने वाले हल के द्वारा करना चाहिए।
5. उसके बाद भी तीन-चार जुताई का काम करे जो कि हैरो से करना चाहिए। जिस कारण से खरपतवार का नियंत्रण करने में सहायता मिलेगी।
5. जिन क्षेत्रों में बारिश या फिर बाढ़ का पानी को निकाल कर। बार बार हैरो या तवेदार हल से जुताई कर ज्यादा नमी को सुखाना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में नमी बनी रहे इसके लिए सुहागा की सहायता से जमीन को समतल करना चाहिए।
6. सरसो फसल के लिए बुवाई से पहले अंतिम जुताई से पहले प्रति हेक्टेयर में 1.5 फीसदी क्यूनॉलफॉस 25 किलोग्राम की मात्रा में छिड़काव करें। ताकि भूमि में मौजूदा समय में खतरनाक कीट रोग को रोका जा सके।
सरसों की बुवाई में इन किस्म का बुवाई करे जो कि नीचे दिया गया है 👇👇👇
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