जानें कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा गन्ने की 2024 में चार किस्म कौन सी तैयार की गई….
Ganna Ki New 4 variety: हमारे देश में लगातार जलवायु परिवर्तन देखने को मिल रहा है जिसके चलते किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। किसी को ध्यान में रखते हुए भारत की कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा नई-नई वैरायटी को तैयार किया जा रहा है। जिससे किसानों को खेती करने में कम परिश्रम करना पड़े और कम खर्चे में अधिक पैदावार देने वाली किस्म मिल सके। गन्ने की सबसे अच्छी प्रजाति कौन सी है आइए जानें…
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में प्रदेश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा जलवायु परिवर्तन को देखते हुए 109 नई किस्म का विमोचन किया गया। जिसके चलते अब इन किस्म के चलते किसानों को काफी लाभ पहुंचाने वाला है और बढ़ते हुए जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का भी सामना करने में आसानी होगी।
देश में लगातार बीते कई सालों से अचानक से तापमान बढ़ता और कहीं-कहीं पर सुख पादना या अन्य जलवायु परिवर्तन के चलते पोषण सुरक्षा भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनता जा रहा है। इन सब चुनौतियों को देखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की ओर से जलवायु के अनुकूल किस्म को विकसित करने के साथ-साथ ही उसकी लगातार प्रचार प्रसार भी लगातार कर रही है।
देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 109 जलवायु परिवर्तन के अनुकूल पूसा में ICAR किस्म को विमोचन किया गया। जिसमें धान, गन्ना व अन्य फसलों की भी किसी में जारी की गई।
गन्ना की नई चार किस्म से किसानों को मिलेगा बंपर उत्पादन (Ganna Ki New 4 variety)
देश में हो रही लगातार चीनी, गुड़ की मांग में इजाफा को देखते हुए गन्ना के उत्पादन को बढ़ाना और चीनी अधिक प्राप्त होने वाली किस्म की आवश्यकता है। देश में लगातार चीनी उद्योग में तेजी से गति मिल रही है वहीं गन्ने से चीनी और गुड़ प्राप्त होने के साथ-साथ अब इथेनॉल उत्पादन से इंधन क्षेत्र में भी लगातार काम हो रहा है।
मौजूदा समय में गन्ने की खेती में किस्म Co 238 से पैदावार लिया जा रहा है। जिसमें कई तरह के समस्या देखने को मिल रही है और आने वाले इन समस्याओं को देखते हुए गन्ना शोध संस्थान के द्वारा लगातार काम कर रहे हैं और जलवायु परिवर्तन के इस दौर में अधिक पैदावार के साथ चीनी उत्पादन को बढ़ाया जा सके इसके लिए नियंत्रण कम कर रहे हैं।
Ganna Ki New 4 variety: बता दे इन सबको ध्यान में रखते हुए कृषि जलवायु के अनुकूल के लिए ICAR कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा लगातार खोज जारी है । और ICAR अब गन्ना अनुसंधान संस्थानों के कृषि वैज्ञानिकों की ओर से चार नई गन्ना किस्म की खोज किया गया है। जिसका विमोचन पीएम मोदी के द्वारा किया जा चुका है और यह वैरायटी किसानों के लिए इस बदलते हुए मौसम में काफी लाभकारी होगी।
गन्ना की नई 4 किस्में कौन कौन सी है
कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा तैयार की गई गन्ना की नई चार किस्म में क्या-क्या विशेषताएं हैं। और यह कौन-कौन से क्षेत्र में उगाई जा सकता है। इससे कितना उत्पादन मिलेगा पूरी जानकारी आईए जानते हैं पूरे विस्तार के साथ….
1. गन्ना कर्ण 17 किस्म की विशेषताएं
Ganna Karan 17 Variety:- गन्ना की नई किस्म कर्ण 17 जिसको सीओ -17018 (CO-17018) के नाम से भी जाना जाता है। यह किस्म कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक लगातार हो रहे जलवायु परिवर्तन के प्रति अनुकूल है। इस किस्म को मुख्य रूप से सिंचाई वाले क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश राज्य के लिए विकसित किया गया है जहां जहां पर इसकी खेती करें अच्छा उत्पादन प्राप्त कर
सकते हैं।
किस्म कर्ण -17 का उत्पादन और पैदावार
गन्ने की इस नई किस्म में पकने के समय की बात करें तो यह करीब 335 से लेकर 365 दिन का समय लगता है। वहीं प्रति हेक्टेयर में गन्ना का उत्पादन 91.50 टन के करीब बताया जा रहा है। इसके अलावा 18.38 % चीनी की मात्रा मिलेगी।
कर्ण -17 में रोगप्रतिरोधक क्षमता कितनी है
गन्ना की नई किस्म सीओ 17018 को गन्ना प्रजनन संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र करनाल की कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा तैयार किया गया है। गाना की इस वैरायटी के अंदर लाल शरण रोग के प्रति प्रतिरोधी माना गया है और यह किस्म चोटी बेधक किट, तना छेदक और स्टलक बोरर किट का भी कम प्रकोप रहेगा।
2. गन्ना कोलख 16202 किस्म की क्या विशेषताएं हैं
गन्ना की नई किस्म Colk-160202 (कोलख 16202) को IKHSU-16 के नाम से भी जाना जाता है। यह किस्म जलवायु के अनुकूल होने के साथ जैव-सशक्त किस्म माना जाता है। इस गन्ना किस्म को भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के कृषि वैज्ञानिकों ने तैयार किया गया है। किसानों को यह गन्ना किस्म अगेती फसल के लिए उपयुक्त है। बता करें इसे बुवाई की तो पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वे क्षेत्र जहां पर पानी की सुविधा है।
गन्ना IKHSU-16 किस्म का उत्पादन और पैदावार
कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा तैयार गन्ना की नई किस्म Colk-160202 (कोलख 16202) के उत्पादन की बात करें तो यह प्रति हेक्टेयर में करीब 94 टन पैदावार हो सकती है। वहीं साथ में 17.74 % चीनी की मात्रा रह सकती है।
कोलख 16202 गन्ना किस्म में रोगप्रतिरोधक क्षमता
गन्ना की इस नई किस्म में लाल सड़न के साथ सूखे सड़न के प्रति प्रतिरोधी बताया गया है। जिसके चलते किसानों को राहत मिलेगी।
3. गन्ना कोलख 16470 किस्म में क्या विशेषताएं होती हैं
किसानों की जानकारी के लिए बता दें कि कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक जिन देशों में जल भराव की समस्या होती है उसके लिए सबसे अच्छे मानी गई है। इस वैरायटी को IKHSU-17 (CoLk 16470) नाम से भी जाना जाता है। गन्ना की इस नई किस्म को बिहार असम, पूर्वी उत्तर प्रदेश पश्चिम बंगाल और झारखंड के हिस्सों के लिए बेस्ट माना गया है।
कितना उत्पादन मिलेगा
गन्ना के किसान अगर इस किस्म को लगाते हैं तो उन्हें प्रति हेक्टेयर भूमि में करीब 83 टन का उत्पादन मिलेगा। वहीं इसके अलावा बता करें चीनी की मात्रा वह 17.37% रहेगा।
रोग नियंत्रण
इस किस्म में रोग के प्रति प्रतिरोध की बात करें तो यह किस्म लाल सड़न होने के अलावा स्मट रोग नहीं लगता।
4. गन्ना CoPb 99 किस्म में मुख्य विशेषताएं
गन्ना की नई प्रजाति CoPb 99 किस्म को पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना के कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा गन्ना शोध केंद्र कपूरथला में तैयार किया गया है। और यह वैरायटी एक काम समय में अधिक उपज देने वाली कि मानी गई है। गन्ना की इस किस्म को उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उन इलाकों जहां पर पानी की सुविधा है वहां पर उपयुक्त रहेगा।
उत्पादन और रोग का नियंत्रण
यह किस्म भी एक अधिक उत्पादन देने वाली किस्म है और इसको लगाने पर किसानों को प्रति हेक्टर उत्पादन की बात करें तो लगभग 90 टन के आसपास पैदावार दे सकती है। वहीं इसमें चीनी की मात्रा 18%के आसपास रहेगा। इस किस्म में लाल सड़न रोग के प्रतिरोधी माना गया है और चोटी बेधक व तना छेदक किट से कम संवेदनशील मानी गई है।
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Conclusion:- आज आपने जाना कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा विकसित की गई गन्ना की 4 नई किस्म (Ganna Ki New 4 variety) के बारे में जानकारी। इन सब किस्मों में उत्पादन, पकने का समय, कहां कहां पर बुवाई के लिए उपयुक्त है। इसके अलावा किन किन रोगों के प्रतिरोधी माना गया है।