किसानों को अपनी धान की फसल में घास को कैसे रोक, जानें पूरी डिटेल…
Dhan Me Ghas Marne Ki Dawa: हमारे देश भारत में खरीफ के सीजन में कई राज्यों में धान की खेती का बुवाई किया जाता है। हमारे देश में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, केरल, छत्तीसगढ, जम्मू कश्मीर अन्य राज्यों में भी धान की खेती (Dhan Ki Kheti) की जाती है। किसानों के द्वारा धान की फसल की बुवाई का कार्य लगभग संपन्न हो चुका है। हालांकि अभी कुछ हिस्सों में धान के रोपाई का कार्य शुरू है। किसानों के द्वारा बोई गई किसी फसल में खरपतवार पैदावार में सीधा असर डालते हैं।
धान में घास की कौन सी दवा डालें (Dhan Me Ghas Marne Ki Dawa)
इस प्रकार धान की फसल में भी खरपतवार से करीब 30 से 35% तक पैदावार की हानि हो सकती होती है। ऐसे में किसानों को अपने खेत की धान फसल में से खरपतवार को हटाना बहुत ही आवश्यक है। नहीं तो यह खरपतवार बड़ी होकर पैदावार में काफी असर डालते हैं। ऐसे में आज हम इस (Super Kheti) आर्टिकल के द्वारा आपको बताएंगे धान की फसल में खरपतवार (ghas ka dava) यानी धान में घास मारने की दवा से रोकथाम कैसे किया जाए।
धान में कितने प्रकार का घास होता है।
धान के फसल में कई तरह के खरपतवार (Kharpatwar) यानी घास देखने को मिलते हैं। जिसके चलते फसल में कीट रोग होने का भी खतरा बना रहता है। धान की फसल में हम घास की बात करें तो चौड़ी, संकरी और मोथावर्गीय वर्गीय खरपतवार देखने को मिलते हैं।
धान की फसल (Crop) खरीफ के इस मौसम में मुख्य फसलों में से हक है और किसानों को समय पर घास का नियंत्रण करना बहुत ही जरूरी है। नहीं तो किसानों को अपने धान की फसल में कल्लों नहीं निकल पाते या यूं कहें कि पौधों में ज्यादा शाखाएं नहीं बन पाती। जिससे सीधा असर पैदावार पर पड़ता है।
किसानों को अपने खेतों में धान की फसल की रोपाई करने के बाद कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक खरपतवार का नियंत्रण करना समय पर बहुत जरूरी है। जिसके लिए किसान अपने खेत में धान की रोपाई करने के दो से पांच दिन के अंदर और या इसके 21 दिन बाद रासायनिक खरपतवार नियंत्रण दवा का छिड़काव कर घास को अपने खेत से नष्ट कर सकते हैं। वहीं किसानों को किसी भी दवा का छिड़काव करने पर विशेष सावधानी भी रखना आवश्यक है।
जानें धान की फसल में खरपतवार के नाम
धान के खेत में फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कई तरह के घास पाए जाते हैं।
जैसे :-
1. गन्ध वाला मोथा घास
2. पानी की बरसीम घास
3. छतरीदार मोथा घास
4. बुलरस घास
5. बूटी घास
6. कांजी घास
7. सांवा घास
8. सांवकी घास
10. मकरा घास
11. फूल बूटी घास
12. कांजी घास
13. बिलुआ कंजा घास
14. दादमारी घास
15. मिर्च बूटी घास
16. पान पत्ती घास
17. कुसल घास
18. बोन झलोकिया घास
19. बमभोली घास
20. घारिला घास
21. साथिया घास
धान की फसल घास को निकालें
किसानों को अपनी फसल में से अगर खरपतवार का नियंत्रण दवा या निराई गुड़ाई से 15 से 25 दिन तक रोकथाम किया जाए तो फसल पर कोई ज्यादा असर देखने को नहीं मिलता। अगर किसान की फसल में खरपतवार यानी घास 30 दिन के बाद से अधिक समय तक फसल में रहता है तो उन्हें पैदावार में नुकसान देखने को मिलते हैं।
धान की फसल में जब घास का अंकुरण हो और धान की फसल में कल्लों का विकास होता हो इस समय किसानों को खरपतवार को निकाल कर खेत से बाहर करना चाहिए। यानी अगर किसानों को आम भाषा में कहें तो धान में फूल आने से पहले ही खरपतवार नियंत्रण करना आवश्यक है।
धान में घास मारने की कौन सी दवा डालें (Dhan Me Ghas Marne Ki Dawa)
किसान भाइयों आज हम आपको धन की फसल में घास करने की दवा के बारे में दो तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसके चलते किसानों को अपनी धान की फसल में होने वाले खरपतवार से छुटकारा मिलेगा।
Dhan Me Kharpatwar Nashak Dawa कौन सी डालें
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक किसानों को धान की फसल में जब अपने खेत में रोपाई किया जाए। उसके 48 से 72 घंटे यानी 2 से 3 दिन के अंदर ही अपने खेत में पानी को अच्छे से भरकर उसमें उगने वाले घास को रोकने के लिए एलाक्लोर या फिर ब्यूटाक्लोर या फिर इसके अलावा पेंडामेथिलीन खरपतवार नाशक दवा को प्रति हेक्टेयर 2.5 लीटर दवा (Dhan Me Ghas Marne Ki Dawa) का अच्छे से छिड़काव करें। इसी दौरान किसानों को अपने खेत में पानी को खड़ा रखना होगा। यानी खेत में पर्याप्त नहीं होना बहुत जरूरीहै।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि धान की फसल में इन दवा की छिड़काव करने के बाद एक परत यानी एक लेयर बन जाएगा। जिससे उगने वाले घास रुक जाता है। इसके अलावा जिन किसानों के द्वारा धान की फसल सीधी बिजाई से किया गया है। उन्हें भी घास के नियंत्रण के लिए 3.3 लीटर पेंडामेथिलीन छिड़काव करना चाहिए।
धान में दूसरी बार धान मारने की दवा
अगर किसानों को अपनी धान की फसल में रोपाई करने के 20 से 25 बाद घास रह जाता है। तो उसको नियंत्रण करने के लिए दूसरी बार छिड़काव कर सकते हैं। जिसके लिए किसानों को सबसे पहले अपनी धान की फसल में से पानी को बाहर निकलना चाहिए।
Dhan Me Ghas Marne Ki Dawa : अपनी फसल में से पानी की निकासी करने के बाद किसानों को दूसरी बार घास को मारने करने के लिए दवा नोमिनी गोल्ड, एंडूरा या फिर आप पारस नामक दवा को प्रति एकड़ में 10ml की मात्रा में डालकर धान में मोथा घास मारने की दवा छिड़काव कर सकते हैं। लेकिन किसानों को इसका छिड़काव करने से पहले यह जानना आवश्यक है कि छिड़काव करने के बाद 4 घंटे तक अच्छी तरह से धूप खिली हो और खेत में पानी बिल्कुल भी ना हो।
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नोट :- धान की अपनी फसल में किसानों को घास का नियंत्रण करने के लिए कल्ले निकलने से पहले ही प्रबंध करें। नहीं तो कल्लों का विकास नहीं होगा जिसका असर सीधा सा उत्पादन में पड़ता है। हमारे द्वारा दी गई जानकारी के अलावा आप अपने आसपास के किसी अनुभवी किसान या फिर कृषि अधिकारी या विभाग से संपर्क जरूर करें।
Conclusion :- दोस्तों आज आपने हमारे द्वारा दी गई इस जानकारी में धान की फसल में से खरपतवार नियंत्रण यानी धान में घास मारने की दवा (Dhan Me Ghas Marne Ki Dawa) के बारे में जानकारी, धान की फसल में कब तक खरपतवार नियंत्रण का छिड़काव करना चाहिए और इसका पैदावार पर कितना असर पड़ता है। उम्मीद है आपको हमारी जानकारी अच्छी लगी होगी इसलिए आप www.superkheti.com से लगातार जुड़े रहें ताकि आपको खेती से जुड़ी हुई जानकारी प्राप्त होती रहे।
FAQ
1. धान में खरपतवार नाशक दवा कब डालें?
Ans. किसानों को अपनी धान फसल में रोपाई के तुरंत बाद यानी 2 से 3 दिन में एलाक्लोर या फिर ब्यूटाक्लोर या फिर इसके अलावा पेंडामेथिलीन छिड़काव करें। या इसके अलावा 21 से 25 दिन में नोमिनी गोल्ड, एंडूरा दवा का छिड़काव किया जा सकता है।
2. खरपतवार नाशक कितने दिन तक काम करता है?
Ans. धान की फसल में खरपतवार नाशक दवा पूरी तरह से घास को रोकने में 25 से 30 दिन के आसपास काम करता है। अलग अलग दवा का प्रभाव कम या ज्यादा भी हो सकता है।